अमरावती

बिजली बिल बढने से नागरिक परेशान, मीटर की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने की संभावना पर नागरिकों का विरोध

अमरावती/दि.27– अदानी समूह की कंपनी अदानी ट्रांसमिशन के स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर कई लोगों ने विरोध किया है. अनेक लोगों का कहना है कि पहले ही बिजली ग्राहक बढते बिजली बिलों के मूल्य से त्रस्त है. ऐसी स्थिति में उक्त मीटर का आर्थिक बोझ ग्राहकों पर लादना उचित नहीं होगा. कंपनी मीटर की गुणवत्ता व कीमत को लेकर सवाल उपस्थित किए जा रहे है. वहीं दूसरी ओर अधिकारियों को भी सिर्फ इतनी जानकारी है कि महावितरण द्बारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जानेवाला है. जब तक महावितरण द्बारा आगे की प्रक्रिया के बारे में सूचना आयेगी. उसके पश्चात ही स्मार्ट मीटर लगाने के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी.
अमरावती में भी स्क्वाड कंट्रोलिंग यूनिट प्राप्त जानकारी अनुसार महावितरण कंपनी पूरे राज्य में ग्राहकों की सुविधा को लेकर आरडीएसएफ योजना अंतर्गत अनेक बदलाव करनेवाली है. इसमें से एक स्मार्ट मीटर का समावेश है. इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को दर्जेदार बिजली की आपूर्ति मिले. इसमें जो ग्राहक समयानुसार बिल अदा करता है. उन्हें योग्य सुविधा मिलनी चाहिए. साथ ही बिजली का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन बिल नहीं भरते हैं या बिजली चोरी करते हैं. इसका बोझ नियमित बिजली का बिल भरनेवालों पर न आए. इसलिए महावितरण ग्राहकों को ध्यान में रखकर कई बदलाव करने की योजना बनाई है. इस स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना के लिए महावितरण ने पूरे राज्य में 8 स्क्वाड कंट्रोलिंग यूनिट की तैयार करनेवाली है. इसमें से एक अमरावती का समावेश है. यहां पर स्क्वाड सेंटर पूरी तरह तैयार है. इसके अलावा महावितरण द्बारा आगे की प्रक्रिया के बारे में कोई सूचना नहीं है. पूरे राज्य में यह स्मार्ट मीटर की आपूर्ति करनेवाले टेंडर धारक के पास आवश्यकता अनुसार मीटर जब तक उपलब्ध नहीं हो पाता तक, तब तक आगे के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.
* स्मार्ट प्रोपेड मीटर की आवश्यता नहीं है
लोगों का कहना है कि पहले ही बिजली बिलों में हुई वृध्दि से लोग परेशान है. महावितरण ग्राहकों को अच्छी सुविधा देने की बजाय इस प्रकार के निर्णय लेकर ग्राहकों पर आर्थिक बोझ बढा रहीं. उक्त मीटर नहीं लगाए जाए.
* अडानी समूह को लाभ पहुंचाने का षडयंत्र
प्रहार जनशक्ति पार्टी वर्धा जिला प्रमुख विकास दांडगे ने कहा कि पहले ही बिजली ग्राहक महावितरण की कार्यप्रणाली से परेशान है. ग्राहकों से पठानी वसूली हो रही है.अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर ग्राहकों को लूटने का काम होगा. यह काम अडानी समूह को देकर उन्हें लाभ पहुचाने का षडयंत्र है. हम रास्ते पर उतरकर इसका विरोध करेंगे.
* खाते में जितना पैसा उतनी मिलेगी बिजली
फिलहाल जिले में उक्त स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने पर महावितरण कंपनी ने भूमिका स्पष्ट नहीं की है.परंतु भविष्य में इस निर्णय पर अमल किए जाने की संभावना है. उक्त मीटर की कीमत 12 हजार रूपए बताई गई है. जो ग्राहकों से वसूलने का षडयंत्र है. राज्य की प्रमुख बिजली प्रदाता कंपनी महावितरण बेस्ट जैसी बिजली कंपनियों ने स्मार्ट प्रीपेड व पोस्टपेड मीटर लगाने का फैसला किया है. बिजली उपभोक्ता जितने पैसे खाते में जमा करेंगा. मुंबई जैसे बडे शहरों में स्मार्टप्रीपेड मीटर लगाने के संबंध में प्रक्रिया आरंभ हुई है. यह बात सामने आते ही इसका विरोध भी होने लगा है. जिले के राजनीतिक दल व सामाजिक संगठनों ने अभी से इसका विरोध शुरू कर दिया है.

Related Articles

Back to top button