एमएसडब्ल्यू नियमों के तहत किया गया शहर का सफाई काम
स्थानीय जिला अदालत में याचिकाकर्ता ठेकेदारों का कहना
* जोननिहाय ठेके पर कर रहे स्टे की मांग, कल सुनवाई
अमरावती/दि.14- स्थानीय मनपा क्षेत्र के जोननिहाय ठेके का विरोध करते हुए शहर के विभिन्न प्रभाग को 11 ठेकेदारों ने हाईकोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक स्थानीय जिला अदालत में गुहार लगाते हुए नए ठेके पर स्थगनादेश की मांग की है. इन ठेकेदारों की तरफ से उनके वकीलों ने अदालत में जारी सुनवाई में एमएसडब्ल्यू नियमों के तहत शहर के प्रभागों की साफ-सफाई की रहने की दलील दी है. अब इस मामले में गुरुवार 15 मई को सुनवाई होने वाली है.
उल्लेखनीय है कि शहर के प्रभाग निहाय साफ-सफाई का ठेका मनपा व्दारा 13 दिसंबर 2018 को संबंधित ठेकेदारों को दिया गया था और 1 जनवरी 2019 से ठेकेदारों व्दारा सफाई का कामकाज शुुरु किया गया था. काम शुरु करते समय मनपा के साथ किए गए करार के मुताबिक 3 वर्ष के बाद उनके कामकाज को देखते हुए ऑडिट के बाद 2 वर्ष तक यानी 31 दिसंबर 2023 तक 1-1 वर्ष का एक्सटेंशन देना निश्चित हुआ था. ठेकेदारों ने हर प्रभाग में 55 सफाई कर्मी नियमित काम पर रखे. इस करार के मुताबिक 3 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर वर्ष 2022 में चौथे वर्ष का एक्सटेंशन दिया गया. पश्चात इस वर्ष के शुरुआत से मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने प्रभागों में स्वच्छता का अभाव रहने का कारण सामने कर जोननिहाय सफाई ठेका देने का निर्णय लिया और निविदा प्रक्रिया शुरु कर टेक्निकल व फाइनेंशीयल बीड ओपन की. लेकिन अभी संबंधितों को वर्क ऑर्डर देना बाकी है. इस दौरान इस जोननिहाय ठेके का प्रभाग के 11 ठेकेदारों ने विरोध करते हुए उन्हें करार के मुताबिक 5वें वर्ष यानी 2023 में भी एक्सटेंशन देने का अनुरोध करते हुए हाईकोर्ट में गुहार लगाई. ग्रीष्मकाल के अवकाश के पूर्व हाईकोर्ट ने एमएसडब्ल्यू नियम के क्लॉज नंबर 95 के मुताबिक लवाद प्राधिकरण की तरफ जाने के लिए दी गई गाइडलाइन के मुताबिक संबंधित 11 ठेकेदारों ने स्थानीय जिला अदालत में गुहार लगाते हुए जोननिहाय ठेके पर स्थगनादेश की और लवाद नियुक्त करने की मांग की. इसके पूर्व 24 अप्रैल 2023 को संंबंधित ठेकेदारों ने मनपा आयुक्त को भी आवेदन सौंपकर लवाद नियुक्त करने की मांग की थी. लेकिन यह मांग नामंजूर करने पर 25 अप्रैल को ठेकेदारों व्दारा जिला अदालत में पिटिशन दाखिल किया गया. सुनवाई शुरु होने पर इस प्रकरण की सुनवाई पूर्ण होने तक मनपा ने जोननिहाय ठेके की वर्कऑर्डर न देने का लिखित रुप से आश्वासन दिया. 11 ठेकेदारों की तरफ से एड. ब्रजेश तिवारी, एड. गुप्ता, एड. विश्वास काले काम संभाल रहे हैं. इस प्रकरण में अब गुरुवार 15 जून को आगे की सुनवाई होने वाली है. अब कल इस प्रकरण में क्या होता है उसी पर सभी का ध्यान केंद्रीत है.
* हर वर्ष छह माह बाद ऑडिट अनिवार्य
मनपा व्दारा किए गए करार के मुताबिक प्रभाग की साफ-सफाई का थर्ड पार्टी ऑडिट हर छह माह में करवाना संबंधित समिति व्दारा आवश्यक किया गया था. इस समिति के अध्यक्ष के रुप में अतिरिक्त आयुक्त काम संभालते हैं. उनके व्दारा किए गए ऑडिट के मुताबिक संबंधित ठेकेदारों का काम समाधानकारक रहने की वजह से ही चौथे वर्ष का मनपा व्दारा उन्हें एक्सटेंशन दिया गया. अब अंतिम वर्ष यानी 5वें वर्ष के एक्सटेंशन के छह माह बीत गए है. केवल छह माह के लिए ठेकेदार और मनपा के बीच यह न्यायालयीन लडाई जारी है.
* मनपा को मिला पुरस्कार
शहर के विभिन्न प्रभागों में हुई साफ-सफाई के कारण राज्य के नगरविकास मंत्रालय ने वर्ष 2022 में सौंदर्यीकरण व स्वच्छता स्पर्धा आयोजित की थी. इस स्पर्धा में अमरावती मनपा राज्य में दूसरे क्रमांक पर रही और मनपा आयुक्त कोे राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री व जिले के पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस व्दारा सम्मानित कर मनपा को 10 करोड रुपए पुरस्कार के रुप में प्रदान किए गए यह विशेष.
* नियम के मुताबिक ठेकेदारों का काम केवल कचरा संकलन का
एमएचडब्ल्यू नियम के मुताबिक प्रभाग के ठेकेदारों का काम सफाई के बाद कचरे का संकलन करना होता है. इसके मुताबिक उन्होंने कचरा संकलित किया ऐसा उनका कहना है. इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन, डंपिंग, सेग्रीगेशन और प्रोसिंग प्रक्रिया का काम अन्य कंपनी अथवा ठेकेदार पर रहता है. ठेकेदारों का कहना है कि उन्होंने नियमित रुप से प्रभागों की सफाई कर कचरा संकलित किया है. उन पर जो कार्रवाई अथवा जुर्माना किया गया है वह कचरा संकलन कार्य का नहीं है.