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शहर कांग्रेस ने किया राज्य सरकार का निषेध

वारकरियों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ उग्र प्रदर्शन

* गृहमंत्री फडणवीस से मांगा इस्तीफा
अमरावती/दि.12 – विगत शनिवार को संत तकाराम महाराज की पालखी देहू से पंढरपुर के लिए रवाना हुई और रविवार की रात आलंदी से संत ज्ञानेश्वर माउली की पालखी का प्रस्थान शुरु हुआ. परंतु इस समय पुलिस ने वारकरियों पर बल प्रयोग करते हुए लाठिया चलाई. यह महाराष्ट्र के इतिहास में सबसे काला दिन है. क्योंकि संतों एवं भक्ति परंपरा की विरासत रखने वाले महाराष्ट्र में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था. साथ ही वारकरियों को स्वअनुशासन के लिए जाना जाता है. परंतु मौजूदा शिंदे-भाजपा सरकार के कार्यकाल में वारकरियों पर लाठीचार्ज की शर्मनाक घटना हुई. जिसका जितना भी निषेध किया जाए कम है. साथ ही इस घटना के लिए राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. इस आशय की मांग करते हुए शहर कांग्रेस कमिटी ने आज स्थानीय राजकमल चौराहे पर जबर्दस्त निषेध प्रदर्शन किया.
पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत तथा पूर्व महापौर विलास इंगोले व मिलिंद चिमोटे के नेतृत्व में किए गए इस आंदोलन में जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की गई और इस लाठीचार्ज को शिंदे-फडणवीस सरकार का पाप बताते हुए कहा गया कि, भाजपा और शिंदे गुट को इस पाप का परिणाम भुगतना पडेगा तथा महाराष्ट्र की जनता इन लोगों को कभी भी माफ नहीं करेगी.
इस आंदोलन में संजय वाघ, अभिनंदन पेंढारी, मुन्ना राठोड, प्रा. सुनील कांडलकर, सुनील जावंरे, गोपाल धर्माले, गजानन जाधव, प्रदीप अर्बट, शोभा शिंदे, योगिता गिरासे, देवयानी कुर्वे, वंदना थोरात, आशा आघम, अपर्णा मकेश्वर, मनीषा मनोहरे, सुरेंद्र देशमुख, रवींद्र शिंदे, निलेश गुहे, वैभव देशमुख, समीर जवंजाल, योगेश बुंदेले, संकेत साहू, गजानन राजगुरे, पंकज मांडले, गजानन इंगोले, निर्मल अहरवार, सुजल सुरेश इंगले, अमर देशकर, मोहन पुरोहित, निखिल बीजवे, विजय खंडारे, अनिल देशमुख, अनिल तायडे, अरुण बनारसे, अतुल कालबेंडे सहित कांग्रेस के अनेकों पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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