शहर कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च
आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को दी श्रद्धांजलि

अमरावती/दि.24– जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का निषेध करते हुए शहर कांग्रेस कमिटी द्वारा स्थानीय राजकमल चौराहे पर कैंडल मार्च निकालते हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. स्थानीय राजकमल चौराहे पर बीती शाम साढे 6 बजे के दौरान शहर कांग्रेस कमिटी के पदाधिकारियों ने मोमबत्ती जलाने के साथ ही दो मिनट का मौन रखते हुए पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस समय जिले के सांसद बलवंत वानखडे, पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख, कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे व अशोक डोंगरे तथा मुन्ना राठोड, नीलेश गुहे, अनिकेत ढेंगले, सुनील जवंजाल, पंकज लुंगीकर, बंडू हिवसे, गजानन राजगुरे, अभिनंदन पेंढारी, अरुण जयस्वाल, विजय खंडारे, अरुण बनारसे, पंकज मेश्राम, विक्की वानखडे, रविंद्र शिंदे, कांग्रेस की महिला शहराध्यक्ष जयश्री वानखडे, सुजाता झाडे, शोभा शिंदे, भारती क्षीरसागर, संजय वाघ, गुड्डू हमीद, वैभव देशमुख, आदित्य साखरे, योगेश गावंडे, नजीरखान बीके, गजानन रडके, विजय वानखडे व किशोर पाटिल सहित शहर कांग्रेस, युवक कांग्रेस व महिला कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे.
* सरकार उठाए कडे कदम
इस तरह से पर्यटकों पर आतंकवादी हमला करना काफी निंदनीय है. यदि जम्मू-कश्मीर में कडी सुरक्षा व्यवस्था है तो यह आतंकी हमला कैसे हुआ इसकी जांच करने की बजाय इसे जाति व धर्म का रंग दिया जा रहा है. भविष्य में इस तरह के कायराना हमले न हो इस हेतु सरकार ने कठोर कदम उठाने चाहिए, ऐसी मांग केंद्र सरकार से हर किसी ने करनी चाहिए.
– बलवंत वानखडे,
सांसद, अमरावती.
* घृणास्पद व निंदनीय है आतंकी हमला
पर्यटकों पर आतंकी हमला बेहद निंदनीय व घृणास्पद घटना है. जम्मू-कश्मीर में कडी सुरक्षा व्यवस्था रहने के बावजूद आतंकवादी सीमा पार करते हुए भारत में कैसे घूसे, यह अपने आप में बडा सवाल है. जिसकी वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सवालियां निशान लगते नजर आ रहे है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान की धारा 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीर में सबकुछ ऑलवेल रहने का दावा किया था. जो पूरी तरह से गलत साबित हुआ. इतनी सुरक्षा के बावजूद कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 26 निरअपराध पर्यटकों को अपनी जान गंवानी पडी. जिसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वीकार करनी चाहिए.