अमरावती प्रतिनिधि/दि.22 – शहर की लगातार बढती जनसंख्या रास्तों पर वाहनों की बढती भीड तथा प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों व चौराहों से होने वाली जबर्दस्त आवाजाही के मद्देनजर स्थानिय प्रशासन द्बारा विगत लंबे अरसे से शहर के प्रमुख व महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमेरे लगाने पर विचार किया जा रहा है. इसके तहत पहले चरण में 200 कैमेरे लगाने हेतु 3 करोड रुपए की जरुरत है. जिसके मद्देनजर निधि प्रस्ताव स्थानिय संनियंत्रण समिति के नेतृत्व में सरकार के पास भेजा गया है. साथ ही इस विषय को लेकर सोमवार 21 दिसंबर को संनियंत्रण समिति के अध्यक्ष एवं पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे तथा यातायात पुलिस निरिक्षक राहुल आठवले प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
ज्ञात रहे कि, इन दिनों शहर में दुपहिया वाहन चोरी व चेन स्नैचिंग की घटनाएं लगातार बढ रही है. साथ ही यातायात नियमों का भी जमकर उल्लंघन हो रहा है. इसके अलावा इन दिनों सभी चौक, चौराहों पर सभा, आंदोलन, धरणा प्रदर्शन एवं मोर्च जैसे आयोजन भी होते है. जिन पर कडाई के साथ नजर रखे जाने की सख्त जरुरत होती है. ऐसे में सीसीटीवी कैमेरों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. इस बात के मद्देनजर शहर की सुरक्षा की दृष्टि से यहा विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमेरे लगाने हेतु विगत कई वर्षों से सरकार के साथ पत्रव्यवहार किया जा रहा है. साथ ही कुछ वर्ष पूर्व पुलिस, मनपा व यातायात विभाग के संयुक्त पथक ने शहर के विभिन्न स्थानों का दौरा करते हुए सीसीटीवी कैमेरे लगाने हेतु स्थान भी निश्चित किये थे और निधि प्राप्त करने हेतु संनियंत्रण समिति के नेतृत्व में एक प्रस्ताव दोबारा सरकार की ओर भेजा गया. लेकिन इस पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया. जिसके चलते मौजूदा पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने संनियंत्रण समिति की अध्यक्ष होने के नाते शहर की प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमेरे लगाने हेतु प्रयास शुरु किये और निगमायुक्त प्रशांत रोडे से इस संदर्भ में चर्चा की. जिसके तहत निगमायुक्त रोडे द्बारा बताया गया कि, इस कार्य हेतु सरकार की ओर से 1 करोड रुपए की निधि प्राप्त हुई है. जिसके जरिए करीब 80 अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमेरे लगाना प्रस्तावित है. लेकिन शहर की संरचना और लगातार बढती गतिविधियों व घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पहले चरण में करीब 200 सीसीटीवी कैमेरे लगाना आवश्यक रहेगा. जिसके लिए करीब 3 करोड रुपयों की जरुरत पडेगी. ऐसे में फिलहाल उपलब्ध निधि के जरिए क्या कदम उठाये जा सकते है. इस पर इस संनियंत्रण समिति की बैठक में आवश्यक चर्चा हुई. ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि, विगत करीब 4-5 वर्षों से लगातार चर्चा में रहने के बावजूद अधर में लटका हुआ सीसीटीवी कैमेरों का विषय कब तक हल हो पाता है.