* बिजली व जलापूर्ति सेवा रामभरोसे
अमरावती/ दि. 8- अमरावती यह संभागीय मुख्यालय है, किंतु विगत 5-6 माह से शहर की बिजली व जलापूर्ति सेवा नागरिको को रूला रही है. शहर 5 जिले का मुख्यालय है. किंतु जब ये मौसमी हवाएं चलने लगती हैं तो शहर की बत्ती किसी इलाके में 4-5 घंटे तो कहीं 24-24 घंटे खंडित रहती है. यह परेशानी विगत 7-8 माह से जारी है. अधिकारियों को इस संदर्भ में ज्ञापन सौंपने के बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. अधिकारी वर्ग से संपर्क करने में उनके मोबाइल बंद रहते हैं. कई इलाकों में बुजुर्ग, बीमार नागरिक भी रहते है. युवा पीढी स्पर्धा परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं. कुछ युवा पढाई कर रहे हैं. उन्हें भी गर्मी का सामना करना पड रहा है. दिन का तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. इसकी चिंता किए बिना बिजली आपूर्ति विभाग अपनी ही धून में मग्न है. परिसर के नागरिकों द्बारा अधिकारी व कर्मचारियों से संपर्क करने पर कोई- कार्रवाई नहीं जाती.
अब आम जनता किससे सहायता मांगे,यह समझ से परे है. इन सभी बातों से आम जनता त्रस्त हो चुकी है. इस प्रकार की परिस्थिति शहर के जलापूर्ति को लेकर भी दिखाई दे रही है. शहर के 50 फीसदी इलाके में पीने के पानी की समस्या अत्यंत गंभीर हो चुकी है. कहीं तडके 4 बजे तो कहीं रात 11 बजे पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है. इस प्रकार की परिस्थिति से सभी लोग हलाकान हैं. इससे पूर्व शहर में जलापूर्ति नियमित रूप से हो रही थी. लेकिन मजीप्रा विभाग द्बारा जलापूर्ति पाइप लाइन दुरूस्ती के नाम पर अब लोगों को एक दिन आड में पीने के पानी उपलब्ध करवाने का षडयंत्र रचा है. यह नई सुविधा केवल शहर में ही जारी है. यह बात बताई जारही है. लेकिन जलापूर्ति सेवा 2 साल में नियमित कर सभी को पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने का आश्वासन मजीप्रा ने दिया था. वर्तमान में जो परिस्थिति दिखाई दे रही है. उसे देखते हुए हिंदी की एक कहावत याद आरही है. यह वह कि अंधरे नगरी चौपट राजा अधिकारी वर्ग को इसकी जानकारी है कि आम जनता कितनी परेशान हो रही है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार साथ रहने से हमारा कोई भी बाल बाका नहीं कर सकता. इस बात का मानो अधिकारी- कर्मचारियों को घमंड हो चुका है. इस बात से यह साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी स्मार्ट सिटी के नाम पर वोट मांग रही है. लेकिन शहर को भकास कर रही है. जिसमें लक्ष्य केवल नागरिको को बनाया जा रहा है.
इन दो विषयों पर अब तक कई संगठनों ने आंदोलन किए व निवेदन सोंपे. लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसकी दखल नही ली है. इन सभी विषयों के लिए भाजपा जिम्मेदार है. भारतीय जनता पार्टी ने अधिकारी वर्ग को पूरी तरह छूट दी है. इस कारण जनता का कोई भी काम नहीं किया तो हम पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. ऐसी सोच प्रशासन की होने से इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड रहा है. बिजली व जलापूर्ति विभाग एक बडी समस्या बन चुके है. इस कारण अब आंदोलन के सिवाय कोई पर्याय नहीं है. सीधे मार्ग से अधिकारी वर्ग व सत्ताधारी भाजपा सरकार इन मामलों की दखल नहीं लेंगे. मनपा में इतने टैक्स भरने के बाद भी शहर नहीं बल्कि किसी ग्राम पंचायत जैसी स्थिति हो चुकी है. विगत कुछ सालों से शहर के जनप्रतिनिधियों ने भी चुप्पी साधी है. इस कारण जनता परेशान है.
अब बिजली व जलापूर्ति विभाग से जवाब मांगने कांगे्रस का शिष्ट मंडल संबंधित विभागों के अधिकारियों ने से मुलाकात करेगा. इन समस्याओं का समाधान न खोजने पर नागरिक बिजली व पानी पट्टी बिल नहीं भरेंगे. यह चेतावनी दी जायेगी. अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी कनेक्शन काटने आते है तो उन्हें नागरिक अपनी भाषा में जवाब देंगे. कांग्रेस द्बारा इन विषयों पर आंदोलन छेडा जायेगा. इस बीच किसी प्रकार का नुकसान होने पर इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी,यह भी बात शहर जिला कांग्रेस कमिटी के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने स्पष्ट की है.