कक्षा 12 वीं के अंग्रेजी के परचे में गलतियों की भरमार
परीक्षार्थी हुए संभ्रम का शिकार
* दुबारा परीक्षा लेने की उठ रही मांग
अमरावती/दि.5– राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कल से कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षाएं लेनी शुरू की गई और पहले ही दिन अंग्रेजी विषय की परीक्षा लेने हेतु दिये गये प्रश्नपत्र में कई गलतियां रहने की जानकारी सामने आयी. विशेष यह रहा कि, बोर्ड द्वारा पहले से तय किये गये प्रारूप यानी फॉरमेट से ठीक विपरित पेपर आने के चलते विद्यार्थि काफी संभ्रम में रहे.
बता दें कि, विगत वर्ष कोविड संक्रमण की वजह से कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था. किंतु इस वर्ष शिक्षा मंडल ने ऑफलाईन पध्दति से परीक्षा लेने का निर्णय लिया और यह परीक्षा शुक्रवार 4 मार्च से शुरू हुई. जिसमें पहले ही दिन अंग्रेजी विषय का पेपर था. लेकिन प्रश्नपत्रिका हाथ में आते ही इसमें कई गलतियां पायी गई. जिससे विद्यार्थी संभ्रम में दिखाई दिये. बोर्ड द्वारा दिये गये निर्देश व प्रश्नपत्रिका प्रशिक्षण के अनुसार व्याकरण के प्रश्नों के लिए पर्याय नहीं दिये गये थे. वहीं मुलाकात के प्रश्न हेतु टेबल आवश्यक रहने के बावजूद वह नहीं दिया गया था. सिम्पल सेंटेंस को सिम्पल करने हेतु कहा गया था और अपील लिखने की सूचना भी अधूरी थी. जिसके चलते यह विद्यार्थियों की समझ में ही नहीं आयी. जिससे विद्यार्थी काफी हद तक संभ्रम में दिखे. ऐसे में अब मांग की जा रही है कि, बोर्ड के पैटर्न अनुसार यह परीक्षा दुबारा ली जाये.
* पुराना पर्चा ही किया कैरिफॉरवर्ड
बता दें कि, विगत वर्ष कक्षा 12 वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. ऐसे में गत वर्ष परीक्षा हेतु तैयार की गई प्रश्नपत्रिका को इस वर्ष जस का तस दे दिया गया. जबकि इस वर्ष प्रश्नपेढी तैयार करते हुए उसे एक मार्गदर्शिका के तौर पर उपयोग में लाते हुए उसके प्रश्नों के आधार पर पेपर तैयार करना था. जिससे संबंधित घोषणा शालेय शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड द्वारा की गई थी. लेकिन इससे विपरित प्रश्नपत्रिका विद्यार्थियों को दी गई.
* इस वजह से मचा हंगामा
जानकारी के मुताबिक नागपुर, मुंबई, कोल्हापुर व लातूर इन चार संभागीय बोर्ड से कुल 12 पेपर जांच-पडताल हेतु आये थे. इसमें से किसी एक पेपर को प्रश्नपत्रिका के तौर पर लेना आवश्यक था. इन पेपरों में पडताल समिती द्वारा गलतियों को दुरूस्त कर उन्हें बोर्ड के पास पेश किया गया. जिसमें से किसी एक को बोर्ड द्वारा प्रश्नपत्रिका के तौर पर चुनना था. किंतु सदोष प्रश्नपत्र पेश किये जाने की वजह से गत रोज हंगामा मच गया. खास बात यह है कि, पडताल समिती में पुराने व सेवानिवृत्त शिक्षकों का समावेश होता है. जिन्हें नये पाठ्यक्रम की कोई जानकारी नहीं होती. इस वजह से पूरी गडबडी हुई है. ऐसा एक शिक्षा विशेषज्ञ का कहना रहा.
* कल के परचे में ये थी गलतियां
प्रश्न क्रमांक 1 में ए-5 में दो सेंटेन्स सिम्पल करने थे. जिसमें पहला प्रश्न सिम्पल ही देकर उसे सिम्पल करने हेतु कहा गया था.
– प्रश्न क्रमांक 2-सी में साईड मैपिंग तथा प्रश्न क्रमांक 4-सी में एक्सपांशन ऑफ आयडिया इन दोनों प्रश्नों का विषय एक ही रहने की बात सामने आयी.
– प्रश्न क्रमांक 3 में कविता पर आधारित प्रश्न आकलन से काफी दूर था.
– प्रश्न क्रमांक 4 के डी में अपिल राईटिंग का प्रश्न अधूरा था.
– प्रश्न क्रमांक 5 के बी में दिये गये इंटरव्यू में बोर्ड के निर्देशानुसार टेबल फॉरमेट नहीं दिया गया था.
– प्रश्न क्रमांक 5 के नॉवेल में सभी प्रश्न विद्यापीठ स्तर के दिखाई दिये. विशेष उल्लेखनीय यह रहा कि, इसका निश्चित हिस्सा पाठ्यक्रम में शामिल है. लेकिन पूरे नॉवेल पर आधारित सवाल पूछे गये थे.