अमरावतीमहाराष्ट्र

कक्षा 8 वीं के बच्चे पढने में ‘फिसड्डी’

असर’ की रिपोर्ट से सामने आयी हकीकत

* कई बच्चे गणित में भी पूरी तरह कच्चे
मुंबई /दि.29– महाराष्ट्र की सरकारी शालाओं की कक्षा 6 वीं से 8 वीं में पढने वाले केवल 35.40 फीसद विद्यार्थियों को ही गुना व भाग करना आता है. इसमें भी धुलिया जिले के केवल 14.20 फीसद बच्चे ही गुना-भाग कर पाते है. इसके अलावा राज्य में कक्षा 6 वीं से 8 वीं में पढने वाले 30 फीसद बच्चों को कक्षा 2 री की पुस्तक भी पढनी नहीं आती. इसमें भी जलगांव जिले में कक्षा 6 वीं से 8 वीं के 55 फीसद विद्यार्थी कक्षा 2 री की पुस्तक पढ पाने में नाकाम साबित हुए है. इस आशय की जानकारी ‘असर’ नामक संस्था की रिपोर्ट के जरिए सामने आयी है. वहीं इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, देश में पढाई-लिखाई एवं वाचन का स्तर कुछ हद तक सुधरा है.

* देश में महाराष्ट्र का स्थान कौनसा?
महाराष्ट्र में कक्षा 3 री के 37 फीसद बच्चे कक्षा 2 री की पुस्तक बढ सकते है. वर्ष 2022 में यह प्रमाण 26 फीसद था. वहीं वर्ष 2018 में यह प्रमाण 44.20 फीसद था. देश में यह प्रमाण 50 फीसद से कम है.

* कहां पर कितने फीसद बच्चे पढ सकते है कक्षा 2 री की पुस्तक?
अमरावती              23.30%
नंदूरबार                23.50%
जलगांव                28.70%
नांदेड                  33.40%
अकोला               33.60%
भंडारा                34.50%

* कहां कितने फीसद बच्चे कर सकते है जोड-घटाना
नंदूरबार              16.70%
धुलिया                23.70%
यवतमाल             31.70%
नाशिक               32.20%
अमरावती           32.90%
वाशिम               23.60%
(कक्षा तीसरी से पांचवी के विद्यार्थियों के आंकडे)

* क्या पढने में नाकाम रहे विद्यार्थी?
– एक थी दादी मां. एक बार उसे उसकी बहन का पत्र आया. जिसमें बुढी दादी मां को अपने घर पर पुजा के लिए बुलाया. दादी मां ने अपने घर पर ताला लगाया और वह अपनी बहन के घर जाने पैदल यात्रा पर निकल पडी.

– यह जोड-घटाना नहीं कर पाये बच्चे
41-13, 64-48, 31+13, 53+24

– यह भागाकार करने में रहे नाकाम
928/7, 769/6
(कक्षा 6 वीं से 8 वीं के विद्यार्थियों के आंकडे)

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