अब भी खाली दिख रही हैं 9 वीं से 12 वीं की कक्षाएं
कोरोना के भय की वजह से घबरा रहे विद्यार्थी व अभिभावक
अमरावती/दि.3 – विगत 23 नवंबर से सरकार द्वारा शालाओं व महाविद्यालयों को खुलने की अनुमति देते हुए 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं में अध्ययन का काम शुरू करने को अनुमति दी गई, लेकिन बावजूद इसके इन कक्षाओं में अब तक अपेक्षित विद्यार्थी संख्या उपस्थित नहीं हो पा रही. जिसकी सीधी वजह यह है कि, विद्यार्थियों व अभिभावकों में कोरोना संक्रमण को लेकर काफी हद तक भय का माहौल है. ऐसे में फिलहाल शालाओं में उपस्थिति से बचा जा रहा है.
बता दें कि, अमरावती जिले में 9 वीं से 12 वीं की कक्षाएं रहनेवाली 548 शालाएं व कनिष्ठ महाविद्यालय है. जिनमें अध्ययन व अध्यापन का काम शुरू हो चुका है. इन कक्षाओं में कुल 1 लाख 55 हजार विद्यार्थी प्रवेशित है, लेकिन कोरोना काल के बाद शालाएं खुलने पर कक्षाओं में विगत नौ दिनों के दौरान उपस्थित विद्यार्थियों की संख्या 10 हजार से अधिक कभी नहीं रही. यानी विगत 9 दिनों के दौरान कुल संख्या की तुलना में दसफीसदी विद्यार्थी भी अपनी कक्षाओं में नहीं पहुंच रहे है. इसके पीछे मुख्य वजह लोगों में कोरोना को लेकर व्याप्त भय को कहा जा सकता है. हालांकि सभी शालाओं में विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने हेतु तमाम आवश्यक प्रबंध किये गये है. जिसके तहत सभी शालाओं में सैनिटाईजर व सोशल डिस्टंसिंग के नियमोें का कडाई से पालन करवाया जा रहा है. साथ ही सभी शिक्षकों की कोरोना जांच भी करवायी गयी है, लेकिन बावजूद इसके शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में विद्यार्थियों व अभिभावकों द्वारा शालाएं खुलने को अपेक्षित प्रतिसाद नहीं दिया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक चूंकि अब तक कोरोना के खिलाफ कोई कारगर दवाई उपलब्ध नहीं हो पायी है. ऐसे में लोगों में इस संक्रमण को लेकर काफी भय व्याप्त है. साथ ही पिछले दिनों कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने की संभावना व्यक्त की गई थी. इसे लेकर भी लोगों में काफी चिंता व्याप्त है और लोगबाग अपने बच्चों को स्कूल व कालेज भेजने से डर रहे है. जिसकी वजह से शालाओं में अब तक पहले जैसा माहौल दिखाई नहीं दिया है.