अमरावतीमहाराष्ट्र

पश्चिमी क्षेत्र में करे सफाई का जायजा दौरा

आसीफ तवक्कल की मनपा आयुक्त से मांग

* कांग्रेस पदाधिकारियों सहित सौंपा निवेदन
अमरावती/दि.13– सफाई को लेकर मनपा प्रशासन हमेशा ही खुद की पीठ थपथपाता रहता है. मगर असल में शहर की तस्वीर कुछ अलग है. पश्चिम के कई क्षेत्रों में सफाई का बंटाधार हो चुका है. जिसके कारण गंभीर बिमारियों का डर नागरिकों को सता रहा है. नतीजतन नागरिक स्वयं गटर में उतर कर गटर व नालियां साफ कर रहे है. सफाई ठेकेदार व्दारा सफाई न करने का नजारा आसानी से दिखाई दे सकता है. इस लिए एक बार पश्चिमी क्षेत्र में सफाई का जायजा लेने के लिए दौरा करने की मांग कांग्रेस प्रदेश सचिव आसीफ तवक्कल ने मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे से की है. इस समय अनेक कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ मिलकर तवक्कल ने आयुक्त को सफाई की मांग को लेकर निवेदन सौंपा.
सौेंपे गए निवेदन में आसीफ तवक्ल ने कहा कि प्रशासक राज में शहर की सफाई व्यवस्था का बंटाधार हो चुका है. कई क्षेत्रों में कुडा करकट का ढेर लगा है. वही सफाई ठेकेदार मनपा के कुछ अधिकारियों के साथ मिली भगत कर कागजों पर ही सफाई कर रहे है. कुछ इस प्रकार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पदाधिकारियों ने निवेदन सौंपा. वही मनपा आयुक्त से सफाई को लेकर एक बार क्षेत्र का दौरान करने का भी आग्रह किया. इस समय आसीफ तवक्कल सहित ब्लॉक अध्यक्ष गुड्डु हमीद, असलम सलाट, निसार खान एसबी, जुबेर खान, अमीर शेख सहित अन्य पदाधिकारी मौजुद थे.

नागरिक खुद ही कर रहे गटर साफ, आयुक्त को दिखाई तस्वीर
इस समय आसीफ तवक्कल ने मनपा आयुक्त को मोबाइल व्दारा खिंची गई क्षेत्र की कुछ तस्वीर दिखाते हुए बताया कि क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के वांदे पडे हुए है. जिसके चलते नागरिक स्वयं ही गटर में उतर कर गटर की सफाई कर रहे है. उचित साधन न होने के कारण भी गटर सफाई करने के लिए अपने घरों में इस्तेमाल होने वाले प्लेट व बर्तनों से सफाई की जा रही है. मगर सफाई ठेकेदार की निंद नहीं खुल रही है.

नागरिकों को बीमारी का भय
इस समय कांग्रेस प्रदेश सचिव आसीफ तवक्कल ने मनपा आयुक्त को बताया कि क्षेत्र में वैसे ही सफाई को लेकर सफाई ठेकेदार ध्यान नहीं देते है. जिसके कारण कई स्थानों पर कचरा व गंदगी का साम्राज्य पनप रहा है. इससे क्षेत्र में नन्हें बच्चों व नागरिकों को गंभीर बिमारी होने का डर सता रहा है. कीटनाशक का नियमित छिडकाव नहीं किया जाता. मच्छरों के लिए कोई धुवारणी या फुआरणी नहीं की जा रही है. ऐसे में नागरिक किसके पास अपना दुख सुनाए. यह समस्या बनी हुई है.

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