ओबीसी समाज को बरगलाना बंद करे ठाकरे सरकार
भाजपा विधायक प्रताप अडसड का पत्रवार्ता में कथन
* इम्पेरिकल डेटा के लिए पिछडावर्गीय आयोग को निधी देने की मांग
अमरावती/दि.23- राज्य की उध्दव ठाकरे सरकार की वजह से ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण खत्म हुआ है तथा यह आरक्षण दोबारा स्थायी तौर पर मिलने हेतु ठाकरे सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद इम्पेरिकल डेटा संकलित करने का काम नहीं कर रही. अत: ठाकरे सरकार ने ओबीसी समाज के साथ जालसाजी करना बंद करना चाहिए और ओबीसी समाज का इम्पेरिकल डेटा संकलित करने हेतु राज्य पिछडावर्गीय आयोग को साढे 400 करोड रूपयों की निधी तत्काल उपलब्ध करायी जानी चाहिए. इस आशय की मांग चांदूर रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रताप अडसड द्वारा की गई.
यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही भाजपा विधायक प्रताप अडसड ने कहा कि, यद्यपि ठाकरे सरकार ने एक अध्यादेश जारी करते हुए ओबीसी समाज के लिए आरक्षण लागू करने का प्रयास किया है, किंतु यह अध्यादेश सर्वोच्च न्यायालय की शर्तों को पूरा नहीं करता. हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग ने भी 86 नगरपालिकाओं में इसी अध्यादेश के आधार पर ओबीसी आरक्षण का ड्रॉ घोषित किया. किंतु साफ तौर पर कहा गया है कि इस अध्यादेश को औरंगाबाद खंडपीठ में चुनौती दी गई है और हाईकोर्ट द्वारा दिये जानेवाले फैसले के अधिन रहकर ही आयोग द्वारा अपनी अगली कार्रवाई की जायेगी. यानी ओबीसी समाज का आरक्षण अब भी अधर में ही लटका हुआ है. जबकि आगामी फरवरी माह के दौरान ही राज्य की 85 फीसदी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में चुनाव होनेवाले है. ऐसे में ठाकरे सरकार की चलताउ नीति की वजह से ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण से वंचित रहना पड सकता है.
इस पत्रवार्ता में ओबीसी आरक्षण के मसले को लेकर राज्य सरकार पर जानबूझकर उदासिनता व अनदेखीवाली नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए विधायक प्रताप अडसड ने कहा कि, राज्य की पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार द्वारा ओबीसी समाज के लिए शुरू की गई तमाम महत्वपूर्ण योजनाओं को राज्य की मौजूदा महाविकास आघाडी सरकार द्वारा रोक दिया गया है और विगत दो वर्षों के दौरान ओबीसी समाज के साथ विशुध्द तौर पर जालसाजी की गई है.
इस पत्रकार परिषद में अमरावती के महापौर चेतन गावंडे, भाजपा पदाधिकारी रविंद्र खांडेकर, रविराज देशमुख, विवेक चुटके, सोपान गुडधे, प्रशांत शेगोकार, प्रवीण तायडे, मंगेश खोंडे, योगेश वानखडे तथा विवेक बोबडे आदि उपस्थित थे.