सीएम फडणवीस के हाथों प्रकल्प प्रभावितों को अनुदान वितरित
विदर्भ के प्रकल्पबाधितों हेतु तय हुआ है 831 करोड रुपयों का अनुदान

* आज से अनुदान वितरण की प्रक्रिया हुई शुरु, प्रकल्पबाधितों को मिली राहत
अमरावती /दि.16– विदर्भ में सन 2006 से 2013 के दौरान सिंचाई प्रकल्पो हेतु सीधी खरीदी पद्धति के भूसंपादन किए गए किसानों को आखिरकार राज्य सरकार द्वारा 832 करोड रुपयों का सानुग्रह अनुदान देने की प्रक्रिया आज से शुरु हुई. जिसके तहत आज अमरावती के दौरे पर पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों पहले चरण के तहत प्रकल्प प्रभावितों को सानुग्रह अनुदान के धनादेश वितरित किए गए. इस हेतु विदर्भ बलीराजा संघर्ष कृति समिति द्वारा किए गए प्रयासों की बदौलत आज स्थानीय ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें प्रकल्प प्रभावितों को अनुदान राशि का धनादेश प्रदान करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि, राज्य की महायुति सरकार हमेशा ही प्रकल्प प्रभावितों के साथ खडी है. इस अवसर पर राज्य के राजस्व मंत्री व जिला पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, मंत्री गिरीश महाजन, राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे तथा विधायक रवि राणा, प्रताप अडसड व केवलराम काले आदि बतौर प्रमुख अतिथि उपस्थित थे. इस अवसर पर प्रकल्प प्रभावितों की ओर से विदर्भ बलीराजा संघर्ष कृति समिति द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रति आभार ज्ञापित किया गया.
बता दें कि, विदर्भ क्षेत्र में विविध सिंचाई परियोजनाओं के लिए कुल 16,633 हेक्टेअर कृषि भूमि का संपादन किया गया था. जिसके चलते पश्चिम विदर्भ में 14,149 हेक्टेअर जमीन देनेवाले प्रकल्पबाधितों को 700 करोड रुपए तथा पूर्वी विदर्भ में 2484.20 हेक्टेअर जमीन देनेवाले प्रकल्पबाधितों को 124 करोड रुपए देने की घोषणा की गई थी. ज्ञात रहे कि, सर्वाधिक 7291 हेक्टेअर कृषि क्षेत्र का भूसंपादन अकेले अमरावती जिले में ही किया गया था. साथ ही अमरावती संभाग के पांचों जिलो तथा नागपुर संभाग के नागपुर, वर्धा, गोंदिया व भंडारा जिलो में अंदाजन 16 हजार 633 हेक्टेअर जमीन सन 2006 से 2023 के दौरान सीधी खरीदी के जरिए संपादित की गई थी. इसी बीच वर्ष 2013 में नया भूसंपादन कानून लागू होने के बाद भूसंपादन का मुआवजा पहले की तुलना में काफी आकर्षक व बेहतर मिलने लगा. जिसकी तुलना में पहले सीधी खरीदी के जरिए दिया गया मुआवजा कम रहने और सीधी खरीदी के चलते अदालत के दरवाजे भी बंद हो जाने के चलते प्रकल्पबाधितों में खुद पर अन्याय होने की भावना बन गई. जिसके चलते विदर्भ बलिराजा संघर्ष समिति के जरिए प्रकल्प प्रभावित भूधारकों ने आंदोलन व अनशन के जरिए सरकार का ध्यान अपनी मांगो की ओर आकर्षित किया था. जिसे गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इन प्रकल्पबाधितों की मांगों को स्वीकार करते हुए उन्हें सानुग्रह अनुदान देने का निर्णय लिया और इस निर्णय के तहत आज सीएम फडणवीस के हाथों अनुदान वितरित करने की प्रक्रिया शुरु की गई.
* ऐसा था प्रस्ताव
– विदर्भ में सिंचाई प्रकल्प हेतु सन 2006 से 2013 के दौरान सीधी खरीदी पद्धति के जरिए भूसंपादन किए गए किसानों को सरकार द्वारा सानुग्रह अनुदान देने का निर्णय लिया गया.
– 5 लाख रुपए प्रति हेक्टेअर की दर से अंदाजन 16,633.42 हेक्टेअर क्षेत्र हेतु कुल 8331.67 करोड रुपए वितरित किए जा रहे है.
– इस निर्णय के संदर्भ में नियामक मंडल की 24 व 26 सितंबर को हुई बैठक में प्रस्ताव मंजूर किया गया था. खास बात यह रही कि, इस प्रस्ताव के कायम होने की प्रतीक्षा किए बिना कार्यकारी संचालक ने सीधे काम शुरु करने को मान्यता भी दी.
– इस निर्णय के चलते विदर्भ के करीब 65 हजार प्रकल्पबाधित जमीन मालिकों को राहत मिलनेवाली है. जिनके बैंक खाते में 5 लाख रुपए प्रति हेक्टेअर का सानुग्रह अनुदान जमा किया जाएगा.
– जलसंपदा विभाग के मुख्य अभियंता जगत टाले व अमरावती प्रकल्प निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता गणेश कथले इस हेतु लगातार प्रयासरत रहे. जिसके चलते आज 16 अप्रैल को निम्न पेढी तथा पेढी उपसा सिंचन योजना हेतु अपनी जमीन देनेवाले किसानों को सानुग्रह अनुदान प्रदान किया गया.
* ऐसे हुआ सीधी खरीदी से भूसंपादन
जिला भूसंपादन (हेक्टेअर) खर्च (करोड रुपए) औसत (लाख/हेक्टेअर)
अमरावती 7291.48 474.05 6.50
अकोला 1000.32 67.10 6.70
वाशिम 2580.71 160.02 6.20
बुलढाणा 1312.25 252.16 19.21
यवतमाल 1964.46 134.43 6.84
कुल 14149.22 1087.76