डुप्लिकेट ओबीसी लोगों की बैठक बुलाई सीएम शिंदे ने
नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने की सरकार की आलोचना
चंद्रपुर/दि.29– राज्य में मराठाओं को ओबीसी संवर्ग से आरक्षण न दिया जाए तथा उन्हें सीधे-सीधे कुणबी जात प्रमाणपत्र भी न दिया जाए. इस मांग को लेक चंद्रपुर में अन्नत्याग आंदोलन शुरु है. जिसे लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्बारा आज 29 सितंबर को मुंबई में ओबीसी समाजबंधुओं की बैठक बुलाई गई. परंतु यह बैठक एक तरह से सरकार समर्थक भाजपाई लोगों के साथ की जा रही है. अत: इसे डुप्लिकेट ओबीसी लोगों की बैठक कहा जा सकता है. क्योंकि इस बैठक में सर्वपक्षीय ओबीसी नेताओं तथा ओबीसी आंदोलन में सक्रिय संघर्ष कर रहे लोगों का समावेश नहीं है. इस आशय के शब्दों में राज्य के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार की आलोचना की.
नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने गत रोज चंद्रपुर में चल रहे अन्नत्याग आंदोलन स्थल को भेंट दी. जहां पर विगत 11 सितंबर से रविंद्र टोंगे द्बारा अपनी मांगों को लेकर अन्नत्याग आंदोलन किया जा रहा है. इस समय मीडिया से संवाद साधते हुए नेता प्रतिपक्ष वडेट्टीवार ने कहा कि, सरकार एक ओर तो मराठा व धनगर समाज के अनशन को लेकर तुरंत सकारात्मकता दर्शाती है. परंतु इसकी तुलना में ओबीसी आंदोलन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. वडेट्टीवार के मुताबिक सीएम शिंदे द्बारा मुंबई में बुलाई गई ओबीसी नेताओं की बैठक में उन्हें ओबीसी नेता तो दूर राज्य के नेता प्रतिपक्ष के तौर पर भी निमंत्रित नहीं किया गया है. साथ ही जो लोग ओबीसी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे है, ऐसे लोगों को भी इस बैठक से दूर रखा गया है. इसकी बजाय जो लोग भाजपा से वास्ता रखते है और सरकार के समर्थक है. ऐसे लोगों को ही इस बैठक में आमंत्रित किया गया है. साथ ही इस बैठक के लिए सरकार को चार बार पत्र निकालने पडे. जिससे स्पष्ट है कि, इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से संभ्रम का शिकार है.
* नितेश राणे को वडेट्टीवार ने लगाई फटकार
राज्य के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार जल्द ही राज्य सरकार में शामिल होकर मंत्री बनेंगे. ऐसा दावा भाजपा विधायक नितेश राणे द्बारा गत रोज किया गया था. जिस पर पलटवार करते हुए वडेट्टीवार ने कहा कि, राणे पिता-पुत्र अब तक तीन-तीन दलों में घुम-फिर चुके है. ऐसे ेंमें वे शायद सबको अपने जैसा ही समझ रहे है. परंतु राणे पिता-पुत्र को शायद यह पता नहीं कि, वडेट्टीवार कांग्रेस का सच्चा व कर्मठ कार्यकर्ता है तथा मुझे किसी भी तरह का प्रलोभन देकर कांगे्रस से अलग नहीं किया जा सकता है. अत: राणे पिता-पुत्र ने अपने जैसा नहीं समझना चाहिए. साथ ही वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि, पार्टी के नेताओं का उन पर पूरा विश्वास है. ऐसे में वे भले ही जेल जाना पसंद कर लेंगे. परंतु भाजपा में कदापि नहीं जाएंगे.