अमरावती/दि.14 – शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे सहित सेना के 40 विधायकों द्बारा बगावत किए जाने के चलते शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई. पर अब शिवसेना में उद्धव ठाकरे गुट व एकनाथ शिंदे गुट ऐसे दो गुट बन गए है, जो खुद को असली शिवसेना बताते हुए पार्टी के नाम व चुनावी चिन्ह पर दावा ठोक रहे है और दोनों गुटों के बीच चल रहे इस विवाद पर विगत 6 माह से सुप्रिम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. साथ ही आज 14 फरवरी को इस मामले में महत्वपूर्ण सुनवाई हो रही है. ऐसे मेें सर्वोच्च अदालत द्बारा इस मामले में क्या फैसला सुनाया जाता है, इस ओर सभी की निगाहे लगी हुई है. इसी बीच शिंदे गुट का समर्थन कर रहे पूर्व राज्यमंत्री और विधायक बच्चू कडू ने दावा किया कि, इस कानूनी लडाई में सीएम एकनाथ शिंदे की स्थिति बेहद मजबूत है और शिंदे गुट द्बारा कानूनी लडाई के हिसाब से तमाम आवश्यक दस्तावेज जुटाते हुए बेहद शानदार तैयारी की गई है. ऐसे में यदि सबकुछ ठीकठाक रहा, तो अदालती निर्णय शिंदे गुट के पक्ष में लगेगा.
सुप्रिम कोर्ट में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच पार्टी के नाम वह चुनावी चिन्ह को लेकर चल रहे संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, चुनाव चिन्ह का अपना कोई बहुत अधिक महत्व नहीं रहता. वे खुद पांच बार अलग-अलग चुनाव चिन्हों पर चुनाव लडे. जिसके तहत उन्हें पतंग, विमान, नारियल व कपबशी जैसे अलग-अलग चुनाव चिन्ह मिले और वे हर बार चुनाव जीते. यानि चुनाव चिन्ह से ज्यादा प्रत्याशी का महत्व होता है और किसी कितने वोट मिलते है, यह बात ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. हालांकि इसके बावजूद कई लोगों को लगता है कि, उन्हें उनकी पसंद के अनुरुप चुनाव चिन्ह मिलना चाहिए. विशेष तौर पर राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक दलों के लिए चुनाव चिन्ह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.