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ठंड ने तोडा 12 वर्ष का रिकॉर्ड

और अधिक लुढका पारा, जिला ठिठुरा

* चिखलदरा में 6.8 डिग्री तापमान दर्ज, ओस की बूंदें जमी

अमरावती/दि.22– गत रोज ठंड का असर और भी अधिक बढ गया तथा जिले में पारा लुढककर 7.7 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. जिससे अमरावती शहर सहित जिले में ठंड को लेकर विगत 12 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है. कडाके की ठंड के चलते इस समय शहर सहित जिले में जबर्दस्त ठिठुरनवाला माहौल है और विदर्भ क्षेत्र का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा परिसर में तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है, जिससे ओस की बूंदें तक पेड-पौधों पर बर्फ की तरह जम गई है. जिससे जबर्दस्त शीतलहर का अंदाजा लगाया जा सकता है.
बता दें कि, उत्तर भारत में बर्फबारी जारी रहने के चलते इस समय देश के विभिन्न इलाकों में ठंडी हवाओं का असर देखा जा रहा है और हर ओर कडाके की ठंड पड रही है. जिससे अमरावती जिला भी अछूता नहीं है. अमरावती शहर व जिले के ग्रामीण इलाकों की तुलना में सतपुडा की पर्वतश्रेणी में बसे पर्यटन स्थल चिखलदरा सहित समूचे मेलघाट क्षेत्र में कडाके की ठंड पड रही है और लोगबाग दिन के समय भी अलाव जलाकर आग तापने के लिए मजबूर है. साथ ही साथ पूरा दिन गर्म कपडों का प्रयोग भी करना पड रहा है. लगभग यहीं स्थिति जिले के अन्य इलाकों में भी देखी जा रही है. हालांकि विगत चार दिनों से कडाके की ठंड का आनंद उठाने हेतु चिखलदरा सहित मेलघाट क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या काफी अधिक बढ गई है.
* माखला व बरमासत्ती में बर्फ जमी
परतवाडा-चिखलदरा मार्ग पर आलाडोह गांव से करीब 3 किमी की दूरी पर रहनेवाले बरमासत्ती तथा सेमाडोह के पास कुछ उंचाई पर रहनेवाले माखला गांव में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. साथ ही इस परिसर में सुबह-सुबह पडनेवाली ओस की बूंदें तक जमी हुई दिखाई दी. बता दें कि, बरमासत्ती क्षेत्र से ही भीमकुंड का झरना बहता है और यहां पर इन दिनों सुबह के वक्त ओस की बूंदें तथा झरने से निकलनेवाले तुषार कण भी जमे हुए दिखाई देते है.
* कोलकास-सेमाडोह की घाटी में ‘बायटींग कोल्ड’
इस समय मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत आनेवाली कोलकास व सेमाडोह की घाटियों में शरीर पर चुभनेवाली ठंड पड रही है. जिसके बायटिंग कोल्ड भी कहा जाता है. विगत चार दिनों से यहां पड रही कडाके की ठंड के चलते इस परिसर में रहनेवाले वन कर्मचारी, अधिकारी व स्थानीय निवासियों सहित यहां पर घुमने-फिरने के लिहाज से आनेवाले पर्यटक काफी हद तक तकलीफों व दिक्कतों का सामना कर रहे है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस परिसर में पडनेवाली ‘बाईटिंग कोल्ड’ का उल्लेख ब्रिटीशों द्वारा भी अपने दस्तावेजों में किया गया है.
* कुकरू में भी कडाके की ठंड
चिखलदरा की समकक्ष उंचाई पर रहनेवाले मध्यप्रदेश के कुकरू में भी इस समय कडाके की ठंड पड रही है. परतवाडा-धारणी मार्ग पर घटांग से केवल 6 मिल की दूरी पर रहनेवाले कुकरू में इस समय शीतलहर कहर ढा रही है. यहां पर अंग्रेजों द्वारा सन 1906 में बनाया गया विश्रामगृह है. साथ ही चिखलदरा की तरह ही फ्लोरेंस हेंड्रिक्स नामक ब्रिटीश महिला द्वारा सन 1944 के दौरान यहां 44 हेक्टेयर क्षेत्र में कॉफी का बागान लगाया गया.

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