संपत्तिकर अदायगी को नागरिकों का ठंडा प्रतिसाद
5 वीं बार समयावृद्धि देने पर भी केवल 30 फीसद संपत्तिधारकों ने भी अदा किया कर
* वृद्धिंगत दरों पर मनपा अडिग, टैक्स दर घटाने की मांग पर अडे नागरिक
* 3 लाख संपत्तिधारकों से वसूलने है 152 करोड रुपए
* अब तक 90 हजार संपत्तिधारकों ने अदा किये 64.50 करोड
अमरावती/दि.29– संपत्तिकर भरने हेतु घोषित की गई 13 फीसद की छूट को 5 बार समयावृद्धि दिये जाने के बावजूद शहर के केवल 30 फीसद नागरिकों ने ही अपना संपत्तिकर अदा किया है. जिसके चलते मनपा की आय का सबसे बडा स्त्रोत दिक्कतों में फंसा दिखाई दे रहा है और मनपा की तिजोरी में ठन-ठन गोपाल वाली स्थिति है. विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती मनपा के इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. क्योंकि अमूमन संपत्तिकर की अदायगी हेतु मार्च माह के बाद एक या दो महिने की ही सहूलियत दी जाती थी. परंतु इस वर्ष 5 माह की सहूलियित दिये जाने के बाद भी नागरिकों ने इसका लाभ नहीं लिया.
अमरावती शहरवासियों के मुताबिक संपत्तिकर की दरों में इस वर्ष की गई वृद्धि अनाप शनाप है, ऐसे में जब तक कर की दरों को कम नहीं किया जाता. तब तक कर अदा नहीं करने का निर्णय कई नागरिकों ने लिया है. बता दें कि, विगत अनेक वर्षों से रुके रहने वाले कर निर्धारण को मनपा ने गत वर्ष ही पूरा किया. जिसके चतले संपत्तिकर में काफी बडी वृद्धि हुई और करीब 10 वर्षों के दौरान चरणबद्ध तरीके से बढने वाली कर की दरें एक झटके के साथ बढ गई. जिसके परिणाम स्वरुप नागरिकों ने वृद्धिंगत दर के साथ कर अदा करने को लेकर उदासिनता बरतनी शुरु कर दी. मनपा द्वारा संपत्तिकर का भुगतान करने हेतु पांचवी बार की गई समयावृद्धि को खत्म होने में केवल दो दिन का समय शेष बचा है. आगामी 31 अगस्त को इस समयावृद्धि का अंतिम दिन है. जिसके बाद कोई समयावृद्धि नहीं देने की बात मनपा प्रशासन द्वारा स्पष्ट की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी लोकबाग अपना संपत्तिकर अदा करने हेतु तैयार नहीं है, ऐसी स्थिति फिलहाल दिखाई दे रही है.
ज्ञात रहे कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में 2 लाख 23 हजार इमारते व लगभग 77 हजार खुले भुखंड ऐसे करीब 3 लाख के आसपास संपत्तियां है. जिनसे 152 करोड रुपयों की कर वसूली अमरावती मनपा को करनी है. इस रकम की नोटीस भी संबंधितों को मार्च माह में भेजी गई थी. परंतु आश्चर्य वाली बात यह है कि, अब तक केवल 90 हजार 22 संपत्तिधारकों द्वारा संपत्तिकर अदा किया गया है. जो कुल संपत्तिधारकों की तुलना में केवल 30 फीसद का अनुपात है. इन संपत्तिधारकों से मिली रकम 64.50 करोड रुपयों के आसपास है. यानि 5 माह की समयावृद्धि देने के बाद भी मनपा प्रशासन कुल वसुल पात्र 152 करोड रुपयों में से आधी रकम भी वसूल नहीं कर पाया.
* वकीलों ने दायर की है जनहित याचिका
ज्ञात रहे कि, संपत्तिकर वृद्धि के खिलाफ शहर के 5 बडे संस्थाओं व संगठनों द्वारा हाईकोर्ट में गुहार लगाई गई है. जिनमें अमरावती के वरिष्ठ विधिज्ञों के संगठन का भी समावेश है. जिनके द्वारा दायर जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. साथ ही हाईकोर्ट में एक बार सुनवाई भी हो चुकी है. वहीं आगामी समय में इस याचिका पर दोबारा सुनवाई होगी. जिस पर आने वाले फैसले के हिसाब से मनपा को अपना अगला कदम उठाना होगा.
* सांसद वानखडे ने भी की समीक्षा
संपत्तिकर को लेकर नागरिकों द्वारा शुरु से ही विरोध में आवाज उठाई गई. जिसके चलते जिले के सांसद बलवंत वानखडे ने मनपा आयुक्त के साथ बैठक करते हुए स्थिति को लेकर समीक्षा की. पूर्व जिला पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख सहित कांग्रेस के पदाधिकारी भी संपत्तिकर वृद्धि के खिलाफ है.
* संपत्तिकर ही मनपा की आय का मुख्य स्त्रोत
चुंगीकर यानि ऑक्ट्राय बंद हो जाने के बाद से संपत्तिकर ही मनपा की आय का मुख्य स्त्रोत बना हुआ है और इस वर्ष आय का यह स्त्रोत ही दिक्कत में फंस जाने के चलते मनपा प्रशासन भी आर्थिक संकट में फंसा दिखाई दे रहा है और मनपा के पास पर्याप्त निधि नहीं रहने के चलते कई विकास काम भी प्रभावित होंगे.
* डेप्यूटी सीएम फडणवीस का शब्द फंसा
संपत्तिकर वृद्धि को लेकर नागरिकों के रोष व संताप को देखते हुए डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने इस दरवृद्धि को स्थगिति दिये जाने की घोषणा की थी. परंतु इसी दौरान 15 मार्च 2024 को खुद राज्य सरकार ने ही वृद्धिंगत संपत्तिकर को हरी झंडी दिखाई. ऐसे में पालकमंत्री होने के नाते डेप्यूटी सीएम फडणवीस द्वारा अमरावती शहरवासियों को दिया गया आश्वासन हवाहवाई साबित हुआ.
* ऑनलाइन मंगाई जाएंगी शिकायतें
कई संपत्तिधारकों की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं होने की शिकायत मुझ तक आयी है. जिसके चलते जल्द ही नागरिकों की शिकायतें ऑनलाइन मंगाने की तैयारी की जा रही है. शिकायतें ऑनलाइन आने पर उनका रिकॉर्ड भी रहेगा. जिन पर सुनवाई करते हुए यदि संपत्तियों की नापजोख एवं बस्ती स्तर तय करने में कोई गलती हुई है, तो उन्हें दुरुस्त भी किया जाएगा.
– सचिन कलंत्रे,
आयुक्त व प्रशासक,
अमरावती मनपा.