अमरावती

बिना महसूस हुए ही बीत गया ठंड का मौसम

इस बार कडाके की ठंड पडी ही नहीं

  • नये वर्ष की शुरूआत से बढने लगा तापमान

  • बदरीले मौसम और उमस से ठंड का असर हुआ कम

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१२ – इन दिनों मौसम से संबंधित स्थितियां पूरी तरह से अनिश्चित हो गयी है और प्राकृतिक असंतुलन का परिणाम अब ऋतुचक्र पर भी दिखाई देने लगा है. ऐसे में जहां बारिश के मौसम में बारिश कम हो रही है, वहीं मौसम बीत जाने के बाद बेमौसम बारिश का सामना करना पड रहा है. इसके अलावा ठंडी का मौसम भी अब नाम मात्र का रह गया है, क्योेंकि ठंडी के मौसम में ठंड महसूस ही नहीं हो रही. बीते वर्ष 2020 के दौरान जहां एक ओर लोगबाग अतिवृष्टि के साथ-साथ बेमौसम बारिश से हैरान-परेशान हो गये थे, वहीं दूसरी ओर उम्मीद जतायी जा रही थी कि, इस वर्ष शायद बारिश शानदार रहने की वजह से कडाके की ठंड महसूस होगी, लेकिन कडाके की ठंड के लिए जाना जाता दिसंबर महिना बिना ठंडी के ही बीत गया. साथ ही जिस समय नववर्ष की शुरूआत हुई, तब ठंड लगभग पूरी तरह से गायब ही हो चुकी थी. इससे उलट नये साल का आगमन काफी हद तक बदरीले व उमसभरे मौसम के बीच ही हुआ.
उल्लेखनीय है कि, दिसंबर माह में अमूमन गुलाबी ठंड का माहौल रहा करता है. सुबह के वक्त कोहरा और शाम के समय ठंडी हवाएं रहने के चलते वातावरण बेहद आल्हाददायक हुआ करता है. लेकिन इससे उलट इस बार लगातार पूरा समय बदरीला मौसम और बारिश का माहौल रहा. जिसकी वजह से दिसंबर माह में तापमान अपेक्षाकृत तौर पर नीचे नहीं जा पाया. दिसंबर माह के दौरान औसत न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. जिसकी वजह से इक्का-दूक्का मौकों को छोडकर ठंड का कोई विशेष प्रभाव महसूस नहीं हुआ. उम्मीद जतायी जा रही थी कि, जनवरी के पहले सप्ताह में ठंड का कुछ असर महसूस होगा, लेकिन उम्मीद से विपरित जनवरी माह का पहला पखवाडा काफी उमसभरा रहा, और बदरीले मौसम की वजह से 1 से 10 जनवरी के दौरान अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 से 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया. अधिकतम व न्यूनतम तापमान में बढोत्तरी होने के चलते अमरावतीवासियों को अभी से ही गर्मी और उमस महसूस होने लगी है. हालांकि मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि, अगले एक-दो दिनों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में एक-दो डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है.

  • विचित्र मौसम की वजह से बढी बीमारियां

इस समय यद्यपि ठंड का प्रभाव काफी हद तक कम हो गया है. किंतु लगातार बदरीला मौसम रहने के चलते अमरावतीवासियों को बडे विचित्र मौसम का सामना करना पड रहा है. इस मौसम की वजह से सर्दी-खांसी व बुखार जैसी बीमारियां भी जमकर पांव पसार रही है तथा इन दिनों निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में जबर्दस्त भीडभाड का माहौल है. इन दिनों पहले ही कोरोना को लेकर भय का माहौल है, वहीं वायरल बुखार फैलने की वजह से भी लोगोें में काफी डर फैला हुआ है.

  • इस बार नहीं आयी शीतलहर

प्रतिवर्ष ठंड के मौसम के दौरान 2 से 3 बार शीत लहर आती है और कडाके की ठंड पडती है. किंतु इस बार मौसम के असंतुलन की वजह से शीतलहर लापता रही. नवंबर माह के प्रारंभ में कुछ दिन ठंड महसूस हुई और फिर ठंड अचानक गायब हो गयी. इसके बाद दिसंबर माह में भी दो-चार दिनों को छोडकर अधिकांश समय ठंड लापता ही रही. जिसका सीधा परिणाम गरम कपडों के व्यवसाय पर पडा. क्योंकि इस बार लोगों ने बेहद कम पैमाने पर गरम कपडों की खरीददारी की. वहीं दूसरी ओर जिले के किसान भी रबी फसलों के मद्देनजर इस बार कडाके की ठंड पडने की उम्मीद लगाये बैठे थे. किंतु ठंड नदारद रहने के चलते किसानों में रबी फसलों को लेकर चिंता देखी जा रही है.

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