रेलवे के एलएचबी कोच स्टेटिक वॉटर लोड टेस्टिंग यूनिट का सहयोग
मध्य रेलवे में पहला उपक्रम, कोच में बिजली आपूर्ति होगी नियमित
अमरावती / दि. 5– मध्य रेलवे मुंबई विभाग ने एलएचबी (लाल डिब्बों की ट्रेन) शक्तियान की जांच प्रक्रिया सुव्यस्थित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण उपाय योजना तैयार कर उस पर अमल करना शुरू किया है. लोकमान्य तिलक टर्मिनल और वाडीबंदर के कोचिंग डेपो में ‘स्टेटिक वॉटर लोड टेस्टिंग यूनिट ’ सुविधा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. मध्य रेलवे के अन्य किसी भी कोचिंग डिपो में स्थापित की गई यह पहली सुविधा है.
शक्तियान (पॉवर कार) रेलवे के संपूर्ण कोच के लिए उर्जा के महत्वपूर्ण स्त्रोत के रूप में काम करता है और वह कोच की लाइट, पंखे,एसी, मोबाइल चार्जिंग पाइंट आदि कोे बिजली आपूर्ति करता है. देखरेख दुरूस्ती के बाद शक्तियान की क्षमता और वोल्टेज जांच की जाती है. उसे आम तौर पर लोड जांच कहते है. पहले ऐसी जांच प्रक्रिया में समय अधिक लगता था. इस प्रक्रिया में कोच को दूसरे इंजन की सहायता से लाना पडता था. स्टेटिक वॉटर लोड टेस्टिंग यूनिट का इस्तेमाल शुरू ुहुआ तब से इस प्रक्रिया में काफी बदलाव हुआ है. यह यूनिट लोड जांच के बाद कोच को पारंपरिक प्रणाली के विपरित तत्काल सेवा के लिए जोडते आता है.
* इस नये उपक्रम के है फायदे
– शक्तियान की बढी उपलब्धता और विश्वसनीयता.
– शटिंग अथवा कोच वर्गीकरण प्रक्रिया के लिए लगनेवाले मनुष्यबल ेंमें कमी.
– लोड जांच के उद्देश्य से डीजल इंजन के इस्तेमाल में बचत.
– लोड जांच के लिए ट्रेन के कोच वर्गीकरण की प्रक्रिया निकालने से चीफ यार्ड मास्टर चलन समय में कमी.
* मुंबई में यह उपक्रम शुरू
इस नये उपक्रम के कारण एलएचबी कोच में अंतिम कोच पॉवर कार के रूप में अन्य 22 कोच को बिजली आपूर्ति व्यवस्थित करता है. मुंबई में यह उपक्रम शुरू हुआ है. आगामी समय में पुणे, सोलापुर, नागपुर और भुसावल विभाग में भी शुरू होनेवाला है. अब मनुष्य बल, बिजली का इस्तेमाल नियंत्रित हो रहा है. कुल 2300 एलएचबी कोच में यह प्रणाली शुरू की गई है.
– शिवाजी मानसपुरे, जनसंपर्क अधिकारी, मुंबई मध्य रेलवे.