अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले में शहद का संकलन व उत्पादन बढा

अमरावती /दि.8– जिले में मधुमक्खी पालन एवं शहद संकलन के व्यवसाय हेतु काफी अवसर है. कई लोग शहद के प्राकृतिक छत्तों से शहद का संकलन करते है. वहीं कुछ महिला समूहों द्वारा मधुमक्खी पालन का व्यवसाय किया जाता है. जिसके चलते जिले में बडे पैमाने पर शहद का उत्पादन होता है.

* 15600 किलो शहद का उत्पादन
जिले में गत वर्ष 7 हजार किलो शहद का उत्पादन हुआ था. वहीं विगत आर्थिक वर्ष 2024-25 में 15 हजार 600 किलो शहद का उत्पादन हुआ है. इस समय महिला समूह के साथ ही व्यवसायिक दृष्टि रखने वाले कई लोग मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुड रहे है.

* गत वर्ष की तुलना में उत्पादन डबल
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष शहद के उत्पादन में दोगुना वृद्धि हुई है और गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 8 हजार 600 किलो अधिक शहद का उत्पादन हुआ. जिसके चलते राज्य खादी व ग्रामोद्योग मंडल द्वारा बडे पैमाने पर जनजागृति करते हुए शहद उत्पादन के आर्थिक फायदे बताने हेतु चलाये गये अभियान को श्रेय दिया जा सकता है.

* मधुमक्खियों से प्राकृतिक फायदे
फल वृक्षों तथा सागसब्जियों के परागी भवन की प्रक्रिया में मधुमक्खियां काफी उपयोगी साबित होती है. परागी भवन की वजह से ही फलों एवं फूलों की निर्मिति होती है.

* इस योजना से मिलता है लाभ
राष्ट्रीय मधुमक्खी का मंडल तथा महाराष्ट्र राज्य फलोत्पादन व औषध वनस्पती मंडल के संयुक्त तत्वावधान के तहत राज्य में मधुमक्खी पालकों हेतु राष्ट्रीय मधुमक्खी का पालन व शहद अभियान चलाया जाता है.

* मधुमक्खी पालन से अच्छा आर्थिक लाभ हासिल किया जा सकता है. जिसके चलते नागरिकों ने मधुमक्खी पालन व्यवसाय के साथ जुडना चाहिए. इस हेतु योजनाओं के जरिए लाभ लिया जा सकता है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष बडे पैमाने पर शहद का उत्पादन हुआ है. जिसे जनजागृति करते हुए और भी अधिक बढाने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रदीप चेचरे,
जिला खादी व ग्रामोद्योग अधिकारी.

 

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