अमरावतीमहाराष्ट्र

सामूहिक शुभमंगल, 20 हजार का मिलता है अनुदान

महिला व बालविकास विभाग द्वारा चलाई जाती है योजना

अमरावती/दि.12– राज्य शासन की ओर से शुभमंगल विवाह योजना चलाई जाती है. इसके अंतर्गत विवाह करने वाली जोडियों को 20 हजार तथा आयोजन करने वाली संस्थाओं को 4 हजार रुपए दिये जाते थे. जिले में पिछले साल भर में इस योजनांतर्गत एक भी आवेदन नहीं प्राप्त होने की जानकारी महिला व बालविकास कार्यालय द्वारा दी गई है.
जिला महिला व बालविकास कार्यालय द्वारा जिले के किसान, खेतिहर मजदूर की बेटियों के सामूहिक विवाह के लिए शुभमंगल सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है. गरीब, किसान, खेतिहर मजदूरों पर बेटियों के विवाह समारोह के खर्च का बोझ उन पर न पडे, इसके लिए और वे विवाह के लिए कर्ज न लें, यह इस योजना का मुख्य उद्देश्य है.

* क्या है शुभमंगल विवाह योजना?
गरीब किसान, खेतिहर मजदूर की बेटियों के विवाह के खर्च का बोझ उन पर न पडे और वे विवाह के लिए कर्ज भी न लें, इस उद्देश्य से शुभमंगल विवाह योजना शासन द्वारा चलाई जा रही है. राज्य शासन के महिला व बालकल्याण कार्याकालय के माध्यम से चलाई जाने वाली इस योजना का लाभ संबंधितों को शासन द्वारा ठहराये गये निकषों के अनुसार दिया जाता है.

* कितना मिलता है लाभ?
विवाह के लिए आवश्यक मंगलसूत्र व अन्य वस्तु की खरीदी करने के लिए एक दम्पति को 20 हजार रुपए योजनांतर्गत दिये जाते है.

* आयोजक संस्था को 4 हजार रुपए
शुभमंगल सामूहिक विवाह समारोह आयोजन करने वाली संबंधित पंजीकृत संस्था को प्रतिजोडी के अनुसार 4 हजार रुपए दिये जाते है.

* क्या है निकष?
संबंधित वधु राज्य की होना अनिवार्य है. विवाह के समय वर की उम्र 21 तथा वधु की उम्र 18 वर्ष से कम न हो. परिवार का वार्षिक उत्पन्न 1 लाख रुपए के भीतर हो तथा संबंधित जोडी खुले प्रवर्ग की हो, इस प्रकार के निकष इस योजना का लाभ लेने के लिए पूर्ण करने होंगे.

* सालभर में कितनी जोडियों ने लिया लाभ?
शुभमंगल सामूहिक विवाह योजना के लिए जिले में पिछले साल एक भी आवेदन नहीं प्राप्त होने की जानकारी महिला व बालविकास विभाग द्वारा दी गई.

* लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को क्या करना होगा?
इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को बैंक की जानकारी, बैंक शाखा, खाता क्रमांक आदि की जानकारी आवेदन के साथ महिला व बालविकास अधिकारी कार्यालय में देनी होगी. स्वयंसेवी संस्था के मार्फत आयोजित विवाह समारोह के लिए कम से कम एक महीना पहले जिला महिला बालविकास अधिकारी कार्यालय में आवेदन देना होगा. उसके बाद ही इस योजना का लाभ दिया जाता है.

 

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