कोरोना स्थिती को ध्यान में रखकर ही शुरु किए जाए महाविद्यालय
प्राचार्य व प्राध्यापकों को कोरोना वैक्सिन की प्रतिक्षा
अमरावती प्रतिनिधि/दि.३० – कुछ प्रमाण में कोरोना संक्रमण में कमी आयी है. किंतु पूरी तरह से इसका प्रादुर्भाव खत्म नहीं हुआ. २३ नवंबर से शाला व कनिष्ठ महाविद्यायल विद्यार्थियों की कम उपस्थिति में शुरु कर दिए गए. जिसमें कुछ ही प्रमाण में पालकों ने अपनी सहमती दी. अब वरिष्ठ महाविद्यालयों में नए सत्र की शुरुआत नए साल में की जाए ऐसा सभी प्राचार्य व प्राध्यापकों का कहना है.
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश में महाविद्यालयीन अंतिम वर्ष की परीक्षओं का नियोजन किया गया था. किंतु कुछ तकनीकी कारण की वजह से अब तक विद्यापीठ ने परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया. संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ ने २०१९-२० शैक्षणिक साल की अंतिम परीक्षा का ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से परीक्षाएं ली थी. जिसमें परिणाम घोषित किए जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में रहने की वजह से बैकलॉग वंचित विद्यार्थियों की परीक्षा व परिणाम प्रक्रिया दिसंबर महीने तक की जाएगी. ऐसे संकेत दिखायी दे रहे है. विद्यापीठ का दिक्षांत समारोह २० दिसंबर को आयोजित किया जाएगा. जिसमें अब नए साल में ही कॉलेज शुरु किए जाने का चित्र दिखायी दे रहा है.
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जनवरी में कॉलेज शुरु करना उचित
कोरोना वैक्सिन अब तक भी उपलब्ध न हो सकी. जनवरी के बाद कोरोना का प्रभाव कम होने के संकेत स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए है. अंतिम वर्ष बैकलॉग परीक्षा का परिणाम आना बाकी है. जिसमें अब जनवरी में ही कॉलेज शुरु करना उचित होगा ऐसा प्राचार्य फोरम के अध्यक्ष आर.डी सिकची ने कहा.
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परिस्थित देखकर निर्णय लें
कुछ महाविद्यालयो को वेतन अनुदान नहीं है तथा कुछ महाविद्यालयों को अनुदान नहीं है. जिसकी वजह से कोरोना महामारी मेें महाविद्यालयों में शिक्षारत छात्रों की सुरक्षा पर प्रश्न निर्माण हो रहा है. कोरोना की परिस्थिति को देखकर ही महाविद्यालय शुरु करने का निर्णय ले ऐसा नूटा के सहसचिव सतेश्वर मोरे ने कहा.