अमरावती

महाविद्यालयों को कराना होगा नैक मूल्यांकन

प्राचार्यों की सभा में प्र.कुलगुरु डॉ.वाडेगांवकर ने कहा

अमरावती/दि.27– देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है. संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के प्र.कुलगुरु डॉ. प्रसाद वाडेगांवकर ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए और शैक्षणिक स्तर को बढाने के लिए हर महाविद्यालय को मूल्यांकन कराने की जरूरत है. विद्यापीठ के आईक्यूएसी विभाग और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सहसंचालक कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विद्यापीठ में प्राचार्योर्ं की सभा आयोजित की गई. इस अवसर पर वे अध्यक्ष पद से बोल रहे थे. सभा में उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त संचालक डॉ. नलिनी टेंभेकर, प्रशासनिक अधिकारी राम राठोड एवं विद्यापीठ आई.क्यू.ए.सी. संचालक डॉ. संदीप वाघुले उपस्थित थे.
डॉ.वाडेगांवकर ने कहा कि, हर कॉलेज को नैक का सामना करना चाहिए ताकि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ भौतिक सुविधाएं भी मिलें, उनका शैक्षिक स्तर बढ़ सके. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शैक्षिक सुधारों पर जोर दिया गया है और सरकार ने नैक मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया है. इस मौके पर उन्होंने उन कॉलेजों से भी अपील की, जिन्होंने अभी तक नैक मूल्यांकन नहीं कराया है, वे जल्द से जल्द नैक मूल्यांकन करा लें. सह संचालक डॉ. नलिनी टेंभेकर ने कहा, अगले साल से हर कॉलेज में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होनी है. इसके लिए हर कॉलेज को नैक कराना बहुत जरूरी है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्देश दिया है कि जिन कॉलेजों का नैक मूल्यांकन हो चुका है, उनके लिए भी सरकार के पास नीतियां हैं और जिन कॉलेजों का नैक मूल्यांकन अभी तक नहीं हुआ है, उनकी सूची भी सरकार को बतायी जाये. सभा में प्राचार्य डॉ. गजानन शर्मा, डॉ. अमोल देशमुख, प्राचार्य डॉ. अजय गुल्हाने, डॉ.राहुल तट्टे, डॉ.सुधाकर तनवारे द्वारा पूछे गए सवाल का प्र.कुलगुरु डॉ. प्रसाद वाडेगांवकर, संयुक्त संचालक डॉ. नलिनी टेंभेकर, प्रशासनिक अधिकारी राम राठोड एवं आई.क्यू.ए.सी. संचालक डॉ. संदीप वाघुले ने समाधान करते हुए कहा कि उन्हें नैक मूल्यांकन कराया जाना चाहिए. सभा में बडी संख्या में संलग्नित कॉलेजों के संस्था अध्यक्ष, प्राचार्य, शिक्षक और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए.

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