कर्नल पी. राजनारायण के स्वानुभव सुनकर युवक हुए भावुक
बियाणी महाविद्यालय की ओर से विशेष युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित
* कारगिल विजय दिवस निमित्त उपक्रम
अमरावती/दि.28 – स्वतंत्रता के 75 वर्ष बडे उत्साह से मनाते हुए उसमें प्रत्येक नागरिक से मनाते हुए उसमें प्रत्येक नागरिक का सहभाग हो, इसलिए भारत सरकार की ओर से विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो और बृजलाल बियाणी विज्ञान महाविद्यालय की ओर से कारगिल विजय दिवस निमित्त विशेष युवा सांसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करके कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. ऑपरेशन विजय के दौरान रणनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण बटालियन उपक्षेत्र मेें शिखर पर आरोहण करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले कर्नल पी. राजनारायण ने कार्यक्रम में बतौर प्रमुख वक्ता अपने प्रत्यक्ष अनुभव युवकों के साथ साझा किए. आपरेशन विजय के दौरान कर्नल की 17 गढवाल रायफल्स रेजीमेंट द्बारा झेले गए संकट, शत्रु की गोलीबारी को दिया गया प्रत्युत्तर और उनके ही साथियों को आंखों के समक्ष शहीद होते हुए देखने के बाद हुई वेदना का कथन किया. उनके स्वानुभव सुनकर संपूर्ण सभागृह स्तब्ध हो गया. अपने साथियों का स्मरण करते हुए उन्होंने ध्येय से किस प्रकार शत्रुओं का सामना किया, प्राणों की बाजी लगाकर शत्रु की कार्रवाईयों की समय-समय पर बेस कैम्प को दी गई जानकारी के संबंध में कर्नल ने उपस्थितों को विस्तार से बताया. कर्नल पी. राजनारायण ने मायनस 17 डिग्री सेल्सियस तापमान रहते हुए भी भोजन, पानी, अन्य जीवनावश्यक वस्तुओं के अभाव में स्वयं की टीम को मजबूत नेतृत्व प्रदान किया और विजय मिलने तक किस प्रकार अटल खडे रहकर शत्रुओं का सामना करते रहे, इसकी जानकारी दी.
इस अवसर पर उन्होंने अमरावती के कर्नल डॉ. राजेश अढाउ जिन्होंने कारगिल युद्ध में अनेक जख्मी सैनिकों के प्राण बचाए, ने इस बात को स्मरण करते हुए अपने अनुभव सुनाए. प्राचार्य डॉ. दीपक धोटे ने युद्ध का अनुभव सुनकर अभिमान व्यक्त करते हुए उपस्थित युवकों को राष्ट्रहित के लिए काम करने का आवाहन किया तथा महाविद्यालय की ओर से प्रतिवर्ष कारगिल विजय दिवस बडे उत्साह से बनाने का संकल्प व्यक्त किया. कार्यक्रम की प्रस्तावना क्षेत्रिय प्रचार अधिकारी इंद्रवदनसिंह ने किया. संचालन व आभार अंबादास यादव ने किया. कार्यक्रम के पहले दिन हुए देशभक्तिप्रद गीत गायन, चित्रकला व रंगोली स्पर्धा के विजेताओं को अतिथियों के हस्ते सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के सफलतार्थ एनसीसी अधिकारी डॉ. मृणाल महाजन, कला साहित्य व संस्कृति मंच की समन्वयक डॉ. सुरुचि कडू, श्रीकांत जांभुलकर ने प्रयास किये.