अमरावती

रंगारंग रहा गीतों का गुलदस्ता कार्यक्रम

संगीत साधना कराओंके क्लब की पहली वर्षगाठ मनाई

अमरावती/ दि. 2– संगीत साधना कराओंके क्लब की पहली वर्षगाठ पर गीतों का गुलदस्ता प्रस्तुत किया गया. संगीत साधना कराओंके क्लब के युट्यूब चैनल पर शाम 4 बजे से 8 बजे तक प्रसारित किया गया. साथ ही वीडियो एडीटिंग के जरिए पहली बार प्राकृतिक माहौल में गाने का आनंद सभी ने उठाया.
पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल महापालिका उपायुक्त नंदकिशोर तिखिले इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इस अवसर पर क्लब के गायक चंद्रकांत पोपट, परेश शहा, प्रकाश तनवानी, मुरली खिरलानी, लीना डफले, अलका वाकडे, मोनिका वाकडे, प्रशांत बंड, सरोज गुप्ता, अनंत पटाने, राजेश किल्लेकर, हर्षा छाबडा, मनीषा राउत, सोनाली शिरभाते, अनुराधा तांबत, चंद्रकांत गावंडे, मंदा हिवराले, मंगला गावंडे, मंजूषा साबले, डॉ. नयना दापोरकर, प्रभुदास फांदे, प्रदीप ढोले, प्रतीक अडसोड, प्रो. स्वाति अडगुलवार, पूनम अलकारी, राजेश पवार, कन्हैया बगडाई, युगंधरा साउरकर, मीनल हिवराले, मनीष सहारे, दीक्षा राठोड, किरिट गडिया, लीना मनोहरे, उध्दव जुकरे, नंदकिशोर वानखडे, सोनाली बावनेर, नीलिमा देशमुख, अर्चना देशमुख, संजय पंचगाम, राजेश किलेकर, संदीप वाघ, तृप्ती पनसारे, डॉ. राजश्री नांदुरकर, प्रशांत देशमुख, श्वेता पाटिल, जयंत वासतकर, राजेश तायडे, अनुराधा तांबट, नरेंद्र खैरे आदि सदस्यों ने एक से बढकर एक गीत प्रस्तुत किए.
‘ जवानी जानेमन हसीन दिलरूबा, जिंदगी की टूटे लडी, आजा रे परदेशी, सोचेंगे तुम्हे प्यार करें की नहीं, मैं हूं प्रेम रोगी, कह दो कि तुम हो मेरी वरना, धीरे-धीरे मेरी जिन्दगी में आना, अहसान तेरा होगा मुझ पर, क्या मौसम आया है, ए जाते हुए लम्हो, लंबी जुदाई, दिल में तुझे बिठाकर, मेरा प्यार भी तू है. ओ मेरी हंसिनी, मैं तेरे प्यार में पागल सोनियो’ जैसे एक से बढकर एक गीतों से उपस्थित संगीत प्रेमियों का मन मोह लिया. उपस्थितों ने विदर्भ के पहले संगीत साधना कराओंके क्लब को बधाईयां दी. यह क्लब विभिन्न सामाजिक कार्यो में भी महत्वपूर्ण योगदान देते आया है. अमरावती शहर के छिपे हुए कलाकारों की प्रतिमा को जनता के सामने लाते हुए उन्हें उपयुक्त मंच प्रदान करने के लिए क्लब की स्थापना की गई . इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए परेशभाई शाह, प्रकाश तनवानी, सुरेश वासानी, मुरली खिलरानी, लीना डफले, अभिजीत शेट्टी, केतन पालण, प्रतीक अडसूल का विशेष योगदान रहा.

 

 

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