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इन त्यौहारों पर बढेगी रंगत

चुनाव काल में सभी समाज के जयंती- उत्सव

* होली के बाद नामांकन, हनुमान जयंती तक होगा प्रचार
अमरावती/ दि. 18- चुनाव आयोग द्बारा शनिवार को अमरावती सहित पश्चिम विदर्भ में लोकसभा के चारों स्थानों हेतु 26 अप्रैल को वोटिंग कराए जाने की घोषणा पश्चात राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताआेंं के साथ- साथ सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं. विशेषकर आध्यात्मिक क्षेत्र से जुडे कार्यकर्ताओं को राजनीतिक दलों और नेताओं से चुनाव प्रचार अवधि दौरान आयोजित उत्सवों में अच्छे सहयोग की उम्मीद बंधी हैं. बता दे कि होली के तुरंत बाद 28 मार्च से लोकसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. उसी प्रकार 26 अप्रैल वोटिंग तक सभी समाज के प्रमुख जयंती और उत्सव इस दौरान आ रहे हैं. 27 मार्च को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हिंदू कैलेंडर तिथि अनुसार मनाई जायेगी. उसके अगले दिन से चुनाव की अधिसूचना जारी होकर नामांकन का काम शुरू हो जायेगा.
* 9 अप्रैल को गुढी पाडवा
उत्सवों की बात करें तो नाम पीछे लेने की समय सीमा 8 अप्रैल दोपहर 3 बजे तक हैैं. उसके अगले दिन 9 अप्रैल को गुढी पाडवा अर्थात हिंदू नववर्ष का पहला दिन हैं. 17 अप्रैल को राम नवमी और 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जानी हैं. चुनाव के कारण बेशक इन उत्सवों की धूमधाम अधिक रहेगी. भव्य स्वरूप में सभी आयोजन, शोभायात्राएं होगी. राम नवमी पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल भव्य दिव्य शोभायात्रा निकालता आया हैं. वहीं हनुमान जयंती पर कांग्रेस से जुडे संगठन के लोग शोभायात्रा निकालने की हाल की परंपरा रही हैं.
* सभी समाज के त्यौहार
28 मार्च से 26 अप्रैल की अवधि की बात करें तो रविवार 31 मार्च को इस्टर संडे हैं. 10 अप्रैल को झूलेलाल जयंती चैट्री चांद, 11 अप्रैल को रमजान ईद, 13 अप्रैल को बैसाखी तथा 14 अप्रैल का डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती हैं. उन्हें नमन करने इस बार लोकसभा उम्मीदवारों और उनके समर्थकों का रेला उमडेगा. ऐसे ही 21 अप्रैल को भगवान महावीर की जयंती हैं. अमरावती, अकोला, बुलढाणा, यवतमाल में 26 अप्रैल को वोटिंग होनी हैं. जिससे स्पष्ट है कि 23 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व भी जोरदार मनेगा. हनुमान जी को जन-जन का भगवान माना जाता है. गली-गली में भंडारा प्रसादी का आयोजन होता हैं. उसकी भी चुनाव के मतदान से पहले इस बार रंगरत बढेगी.
बॉक्स, फोटो- गुढी
* विजय की गुढी किसकी
चुनाव प्रचार का प्रारंभ चैत्र पाडवा अर्थात गुढी पाडवा से होना है. महाराष्ट्र में इस दिन घर परिवार में सुख समृध्दि की गुढी लगाई जाती है. इसका पूजन होता है. शुभकामना की जाती है. विजय की गुढी किसकी रहेगी, यह तो 4 जून को मालूम होगा. पाडवा की रंगत अवश्य बढी दिखाई देगी.

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