कॉलरा : ‘उस’ डेढ वर्षीय बालिका ने दम तोडा
तहसील व जिला स्वास्थ्य अधिकारी शिंदी बुजरुक में डेरा दाखिल
* आनन-फानन में शुरु किया सर्वेक्षण
* निजी अस्पतालों में इलाज ले रहे है सैकडों मरीज
अमरावती/दि.27 – जिले में डायरिया व कॉलरा का प्रकोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा. जिले के मेलघाट अंतर्गत पांचडोंगरी व कोयलारी से कॉलरा का प्रकोप शुरु हुआ. पश्चात वलगांव समिपस्त नया अकोला निवासी युवक की डायरिया से मौत हुई और अब अचलपुर के शिंदी बुजरुक निवासी 22 महिने की मासूम बालिका की इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक 22 महिने की मासूम वेदश्री निलेश मेहरे को 2 दिन पहले ही गंभीर स्थिति में वर्धा के सावंगी मेघे अस्पताल में दाखिल कराया गया था. लेकिन आज उस मासूम ने दम तोड दिया. जिसके बाद तहसील स्वास्थ्य प्रशासन द्बारा आनन-फानन में शिंदी बुजरुक गांव में सर्वेक्षण शुरु कर कॉलरा व डायरिया के संदिग्ध मरीजों की तलाश शुरु की. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले के निर्देशानुसार तहसील स्वास्थ्य अधिकारी किरण शिंदे का दल गांव में सर्वेक्षण के काम में जूट गया है.
शिंदी बुजरुक के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गणेश मालखे ने बताया कि, वेदश्री मेहरे नामक मासूम को कॉलरा का निदान हुआ था. जिसके बाद उसे वर्धा के सावंगी मेघे अस्पताल में दाखिल कराया गया. 2 दिनों से उस पर इलाज जारी थे. लेकिन आज मासूम वेदश्री की इलाज दौरान मौत हो गई. इस घटना के बाद गांव में सर्वे श्ाुरु कर संदिग्ध मरीजों की तलाश शुरु की गई है. जिले के ग्रामीण इलाकों में कॉलरा व डायरिया का प्रकोप बढते ही जा रहा है. वर्तमान में सैकडों मरीज अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए दाखिल है. इतना सब होने के बाद भी जिला स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की जानकारी नहीं है. वेदश्री मेहरे को कॉलरा की लागन हुई थी. उस पर कॉलरा का ही इलाज भी किया गया. लेकिन अब उसकी मौत होने के बाद जिला प्रशासन ने कॉलरा से मौत की पृष्टी नहीं की है. जिससे स्वास्थ्य विभाग द्बारा कॉलरा व डायरिया के मरीजों की संख्या छिपाने का प्रयास किया जा रहा है, यह आरोप सभी लगा रहे है.