ऑर्ट्स में प्रवेश लेकर भी कॉमर्स व साइंस की पढाई संभव
सभी विषयों के लिए दरवाजे खुले

* नई शिक्षा नीति को लेकर विद्यापीठ आग्रही
अमरावती/दि.27 – केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में घोषित की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अब धीरे-धीरे अमल में लाना शुरु कर दिया है. जिसके चलते शालेय शिक्षा के साथ ही महाविद्यालयीन शिक्षा पद्धति में भी आमूलाग्र बदलाव होने लगे है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि, पदवी पाठ्यक्रम के तहत किसी एक संकाय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी के पास दूसरे संकाय में रहने वाले अपने पसंदीदा विषय की पढाई करने का अवसर भी उपलब्ध होगा. यानि इसके तहत कला शाखा में पढने वाले किसी विद्यार्थी को यदि बीएससी अथवा बी-कॉम में रहने वाला कोई विषय पसंद है, तो वह बीए में एडमिशन रहने के बावजूद भी दूसरी शाखा के अपने पसंदीदा विषय की पढाई कर सकेगा. जिसके चलते विद्यार्थी की गुणवत्ता केवल एक ही विद्या शाखा तक मर्यादीत नहीं रहेगी. फिलहाल इस नई शिक्षा नीति को स्वायत्तता रहने वाले महाविद्यालयों में अमल में लाया जा रहा है.
* नई शिक्षा नीति पर अमल
जारी शैक्षणिक सत्र से स्वायत्त महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति पर अमल होने वाला है.
* संकायों का भेद हटा
नई शिक्षा नीति के अनुसार अब किसी भी शाखा के विद्यार्थी को अन्य शाला के विषय की पढाई करने का पूरा अवसर मिलेगा.
* सेमिस्टर पैटर्न
पदवी पाठ्यक्रम की परीक्षा हेतु सेमिस्टर पैटर्न रहेगा. प्रतिवर्ष 2 के हिसाब से 6 तथा पदव्युत्तर पाठ्यक्रम हेतु 2 वर्ष में 4 सेमिस्टर रहेंगे.
* 4 बॉस्केट में विषयों का विभाजन
पदवी पाठ्यक्रम के विषयों का अब 4 बॉस्केट में विभाजन होगा. जिसके चलते अपने विषय चुनने की आजादी विद्यार्थियों को मिलेगी.
* क्षेत्रिय प्रशिक्षण पर जोर
विद्यार्थियों को पदवी पाठ्यक्रमों की किताबी शिक्षा मिलने के साथ ही बाहरी जगत का भी ज्ञान मिले, इस हेतु क्षेत्रीय प्रशिक्षण पर पूरा जोर दिया जाएगा. इसके साथ ही एनएसएस के जरिए सामाजिक जीवन का भी एहसास कराया जाएगा.
* अंग्रेजी संभाषण कौशल्य पर जोर
नई शिक्षा नीति में अंग्रेजी संभाषण कौशल्य तथा विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढाने पर भी जोर दिया जाएगा.