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एक माह में देनी होगी रिपोर्ट
अमरावती/दि.5 – विगत दो वर्षों से जिला परिषद की शालाओें में खर्च चलाने हेतु सरकार की ओर से मिलनेवाली सादिल की निधि अब तक शिक्षा विभाग द्वारा असेस्मेंट अनुदान का निर्धारण नहीं किये जाने की वजह से सरकार के पास अटकी पडी है. इस अनुदान की राशि लाखों रूपयों के आसपास है. ऐसे में शिक्षा समिती की सभा में इस विषय को लेकर जबर्दस्त घमासान हुआ. जिसे बेहद गंभीरतापूर्वक लेते हुए जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने इस संदर्भ में जांच समिती गठित कर एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश शिक्षाधिकारी को दिया है.
बता देें कि, जिप की शिक्षा व निर्माण सभापति प्रिया दगडकर के निधन पश्चात जिप शिक्षा समिती की बैठक पहली बार हुई. जिसकी अध्यक्षता खुद जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने की. ज्ञात रहे कि, जिप शालाओं में रंगरोगन, ब्लैकबोर्ड, लेखन साहित्य, शालेय साहित्य, विद्युत व पानी के देयक, इमारत का किराया व फर्निचर की दुरूस्ती आदि के लिए सरकार की ओर से शालाओें को सादिल निधि दिया जाता है, और मुख्याध्यापकोें द्वारा शालेय स्तर पर व्यवस्थापन समिती के जरिये इस निधि को आवश्यक कामों पर खर्च किया जाता है. किंतु विगत दो वर्षों से सादिल निधि के तहत रकम आवंटित नहीं हुई. जिसके चलते अपने कामकाज पर पैसा खर्च करने में संबंधितों को काफी मुश्किलों का सामना करना पडा. साथ ही लाखोें रूपयों का बकाया भी हो गया. जिसके बारे में शिक्षकों, अभिभावकोें व शाला व्यवस्थापन समितियोें द्वारा अनेकोें बार ज्ञापन व निवेदन दिये जा चुके है. लेकिन इसके बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा इस विषय की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ज्ञात रहेें कि, सादिल निधि के माध्यम से जिला परिषद को प्रति वर्ष लाखों रूपयों की निधि मिलती है. किंतु विगत दो वर्षों से शालाओें का असेस्मेंट करते हुए रिपोर्ट पेश नहीं किये जाने की वजह से जिला परिषद का शिक्षा विभाग इस अनुदान से वंचित है. जिसकी वजह से जिले की शालाओं को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड रहा है. जिले में जिला परिषद की 1 हजार 600 प्राथमिक तथा 14 माध्यमिक शालाएं है.
सादिल अनुदान के अभाव में जिप शालाओं के पास अपनी जरूरत के साहित्य पर खर्च करने हेतु पैसा नहीं है और कामकाज को जारी रखना काफी मुश्किलोंभरा हो रहा है. ऐसे में अब इस पुरे मामले की जांच करने के साथ ही रिपोर्ट मिलने पर कौनसे कदम उठाये जाते है. इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. वहीं जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख का कहना रहा कि, सादिल अनुदान प्राप्त होने हेतु सरकार से मिलकर लगातार प्रयास किये जायेेंगे.
ऐसे हुई दिक्कत
सन 2018-19 के आर्थिक वर्ष हेतु सरकार द्वारा दी गई 42 करोड 30 लाख रूपयों की निधि का उपयोगिता प्रमाणपत्र (युसी) व खर्च का हिसाब शिक्षा विभाग द्वारा सरकार को भेजा ही नहीं गया. जिसकी वजह से जिप का शिक्षा विभाग अगले खर्च की मांग नहीं कर पाया. ऐसे में अब इस मामले की सघन जांच के आदेश जारी किये गये है.
अध्यक्ष के पत्र की भी अनदेखी
सादिल निधि के अटक जाने का मामला खुद जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख ने प्रशासन के ध्यान में लाकर दिया था और इस हेतु उन्होंने पिछले वर्ष जिप सीईओ को पत्र भी लिखा था. लेकिन इस पत्र की भी अनदेखी की गई है. ऐसा शिक्षा समिती की बैठक में पता चला.