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अब आत्महत्या करना गुनाह नहीं

परसों से नई भारत न्याय संहिता लागू

* 60 दिनों में सुनवाई शुरू
* युक्तिवाद पूर्ण होने पर महीने भर में फैसला
अमरावती/ दि. 29 – देश में भारत न्याय संहिता बीएनएस रविवार 30 जून की रात 12 बजे से लागू होने जा रही है. जिससे अब अपराधों में कानून की धारा बदल जायेगी. उसी प्रकार नये प्रावधान के अनुसार आत्महत्या का प्रयास अब अपराध नहीं माना जायेगा. बीएनएस मेंं आत्महत्या को गुनाह मानने का प्रावधान हटा दिया गया है. उसी प्रकार सरकार के खिलाफ अपराध के मामले में कडे कानूून अपनाए गये हैं. ऐसे ही कुछ नियम न्यायालयों पर भी लागू किए गये हैं. अब इलेक्ट्रौनिक संप्रेषण से एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है और आरोपी की सुनवाई की पहली तारीख से 60 दिनों के अंदर आरोप तय होंगे. युक्तिवाद पूर्ण होने के बाद 30 दिनों के अंदर दोषमुक्ति अथवा दोष सिध्दी का निकाल देना होगा.
न्याय संहिता ने मेट्रोपालिटन एरिया और मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की कल्पना अब निरस्त कर दी गई है. जांच में इलेक्ट्रानिक माध्यम का उपयोग बढेगा. इस तरह की व्यवस्था की गई है कि ऑडियो, वीडियो और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गवाही मान्य होगी. उसी प्रकार गवाही ऑडियो द्बारा भी मान्य होगी. फॉरेन्सिक जांच बीएनएसएस की धारा 176 (3) के तहत अनिवार्य की गई है. उसी प्रकार संपूर्ण जांच और जप्ती की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी बंधनकारक की गई है.

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