* पेचिदा कृषि कानून रद्द करें
अमरावती/दि. 20– नकली कृषि निविष्ठा बिक्री के लिए कृषि केंद्र संचालकों पर जिम्मेदारी निश्चित कर उनके खिलाफ एमपीडीए कानून लागू किया जाने वाला है. इस प्रस्तावित कानून का विरोध करने के लिए सोमवार 20 नवंबर से कंपनी की तरफ से कृषि निविष्ठा न उठाने का निर्णय जिला कृषि विक्रेता साहित्य संघ व्दारा लिए जाने की जानकारी संगठना के सचिव दिनेश कडू ने रविवार को दी.
कृषि निविष्ठा विक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रचलित कानून बराबर रहते राज्य शासन की तरफ से 5 नए कानून करने की प्रक्रिया शुरु है. यह कानून काफी पेचिदा रहने से जिला कृषि साहित्य विक्रेता सेवा संघ व्दारा विरोध किया जा रहा है. इसके लिए संगठना आक्रामक हुई है. 2 से 4 नवंबर के दौरान जिले के सभी कृषि केंद्र बंद रखे गए. पश्चात अब कंपनी की तरफ से कृषि निविष्ठा की खरीदी 20 नवंबर से बंद करने का निर्णय लिए जाने की जानकारी संगठना के सचिव ने दी. दूसरी तरफ इस घटनाक्रम की तरफ रबी सत्र की बुआई करनेवाले किसानों का ध्यान केंद्रित है. इस आंदोलन के कारण अपनी बुआई काम पर कोई परिणाम होता है क्या इस बाबत भी किसानों ने आशंका व्यक्त की है.
* संगठना की यह है मांग
प्रस्तावित कानून का प्रावधान काफी पेचिदा रहने से व्यवसाय करना कठिन होने वाला है. विक्रेता यह कृषि निविष्ठा का उत्पादन नहीं करता. कृषि विभाग की मान्यता प्राप्त सीलबंद पैकिंग में खरीदी कर बिक्री करते हैं. इस कारण पैकिंग की निविष्ठा दर्जे बाबत कृषि विक्रेता को दोषी न ठहराया जाए और दबाव डालने के लिए अन्यायकारक कानून लागू न किया जाए, ऐसा संगठना के पदाधिकारियों ने कहा.
* प्रस्तावित कानून अन्यायकारक
राज्य सरकार का प्रस्तावित कानून कृषि विक्रेताओं पर अन्याय करने वाला और अपराधी साबित करने वाला है. इस कारण सोमवार से कंपनियों से कृषि निविष्ठा की खरीदी नहीं की जाएगी, ऐसा संगठना व्दारा निश्चित किया गया है.
– दिनेश कडू,
जिला सचिव, कृषि साहित्य विके्रता संघ