सरकारी आंकडों की तुलना में राज्य में कोविड मृतकों की संख्या 46 हजार से अधिक!
कोविड मृतकों के वारिसों को 50 हजार की सहायता देते समय उजागर हुआ सरकारी आंकडों का ‘नंबर गेम’
अमरावती/दि.16– सुप्रीम कोर्ट के आदेश पश्चात राष्ट्रीय आपत्ति व्यवस्थापन विभाग द्वारा कोविड मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई. सरकारी आंकडों के मुताबिक राज्य में 10 मार्च तक कोविड संक्रमण के चलते अधिकृत तौर पर 1 लाख 42 हजार लोगों की मौत हुई थी. किंतु सानुग्रह सहायता राशि प्राप्त करने हेतु 2 लाख 41 हजार 500 आवेदन आये. जिसमें से 1 लाख 53 हजार परिवारों को 50-50 हजार रूपये की सहायता वितरित कर दी गई. वही 40 हजार आवेदनों को खारिज कर दिया गया. जिसमें से 35 हजार आवेदकों ने दुबारा अपील की है. यदि इस आंकडे को ग्राह्य माना जाये, तो राज्य में कोविड मृतकों की संख्या में 32 फीसद का इजाफा दिखाई देता है. एक ओर तो 1 लाख 53 हजार मौतों के लिए सहायता दी जा चुकी है, वही 35 हजार के अपील अभी प्रलंबीत है. यदि इन दोनों आंकडों को जोड दिया जाये, तो कोविड मृतकों की संख्या एक झटके में 46 हजार से बढ जाती है. जिसे देखते हुए पता चलता है कि, सरकारी स्तर पर कोविड से होनेवाली मौतों के आंकडों का किस तरह से ‘नंबर गेम’ चल रहा है.
* मदद से वंचित 40 हजार आवेदनों में से 3 सांकेतिक उदाहरण
– कोविड मृतक – वैशाली जाधव
– मत्यु – 15 मई 2021, अब तक सहायता नहीं
-आवेदन क्रमांक – सीओवी/2039978697635
कोविड की वजह से 15 मई 2021 को वैशाली जाधव की मौत हुई. जिसके पश्चात उनके पति सुनील जाधव को बे्रन स्ट्रोक हुआ और वे तब से लगातार सहायता प्राप्त करने हेतु संघर्ष कर रहे है. मृत्यु प्रमाणपत्र में कोरोना का उल्लेख नहीं रहने के चलते उन्हें 50 हजार रूपये की सहायता नहीं मिली है.
– कोविड मृतक – रामपुरी गोसावी
– मृत्यु – 13 अप्रैल 2021, अब तक सहायता नहीं मिली
– आवेदन क्रमांक – सीओवी/20038447
रामपुरी गोसावी की कोविड संक्रमण के चलते मौत हो जाने के बाद जैसे-तैसे अपना जीवन-यापन कर रही उनकी पत्नी को उनका आवेदन क्योें खारिज किया गया, अब तक इसकी वजह ही नहीं बतायी गई है. जिसके चलते वे लगातार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही है.
– कोविड मृतक – अल्का मंडाले
– मृत्यु – 21 मई 2021, कोई सहायता नहीं
– आवेदन क्रमांक – सीओवी/2040171671643
अल्का मंडाले की मौत मनपा क्षेत्र के बाहर होने की वजह आगे करते हुए उनके बेटे मिथिल मंडाले को सानुग्रह सहायता राशि देने से मना कर दिया गया. ऐसे में सहायता राशि प्राप्त करने हेतु मिथिल मंडाले संघर्ष करते-करते अब थक गये है.
* एक परिवार से दो-दो आवेदन आने का दावा भी निकला झूठ
राज्य में कोविड से होनेवाली मौतों की संख्या 1 लाख 42 हजार रहने के बावजूद सानुग्रह सहायता हेतु मिले आवेदनों की संख्या 2 लाख 35 हजार थी. जिसे लेकर आपत्ति व्यवस्थापन विभाग के अधिकारियों द्वारा कहा गया कि, कई मामलों में एक ही परिवार से दो-दो आवेदन आये है. जिसके चलते आवेदनों की संख्या बढ गई है. जबकि हकीकत में खारिज किये गये 40 हजार में से 35 हजार आवेदक दुबारा अपील में गये है. यानी खारिज हुए आवेदनों की संख्या महज 5 हजार ही है. जिनमें से अपील के बाद कई आवेदकों को सानुग्रह अनुदान की राशि दी जा सकती है. जबकि इससे पहले ही 1 लाख 53 हजार आवेदकों को यह अनुदान दिया जा चुका है, यानी अनुदान प्राप्त करनेवालों की संख्या में और भी अधिक इजाफा हो सकता है. लेकिन कमाल की बात यह है कि, सरकारी आंकडों के मुताबिक राज्य में 1 लाख 42 हजार लोगों की ही कोविड संक्रमण के चलते मौत हुई थी और इस समय तक इससे करीब 11 हजार अधिक लोगों को कोविड मृत्यु के नाम पर सानुग्रह अनुदान दिया जा चुका है एवं 35 हजार लोग यह अनुदान प्राप्त करने हेतु कतार में है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, सरकारी आंकडों की अपेक्षा राज्य में कोविड मृतकों की संख्या 46 हजार से अधिक थी.
* केवल 30 फीसद आवेदकों को ही सहायता, रिपोर्ट में किया गया दावा
कोविड संक्रमण की वजह से अपना पति खो चुकी महिलाओं के लिए कार्यरत एकल महिला पुनर्वसन समिती द्वारा राज्य की 1,858 महिलाओं का सर्वेक्षण किया गया. जिसमें से केवल 29.70 फीसद यानी 552 महिलाओं को ही 50 हजार रूपये की आर्थिक मदद मिलने की बात सामने आयी. इसके अलावा 307 महिलाओं के आवेदन को आगे भेजा गया है. वही 103 महिलाओं को उनके आवेदन में त्रृटी रहने की जानकारी दी गई है. वही 48 आवेदन खारिज कर दिये गये है. इसके अलावा शेष 599 महिलाओं के आवेदन की इस समय क्या स्थिति है, यह किसी को पता ही नहीं है.
* कुल कोविड मौतें 1.42 लाख – लाभार्थी संख्या 1.53 लाख = अतिरिक्त लाभार्थी 11 हजार + अपील में गये आवेदक 35 हजार = वृध्दिंगत आंकडा 46 हजार अतिरिक्त मौतें
* खारिज किये गये 40 हजार आवेदनों में से केवल 5 हजार आवेदन ही पूरी तरह से निरस्त हुए है और 35 हजार आवेदक दुबारा अपील में गये है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर कोविड संक्रमण की वजह से राज्य में कुल कितनी मौतें हुई है.