अतिवृष्टि की क्षतिपूर्ति, बेलोरा विमानतल का विकास
सुलभाताई के विधानमंडल में अनेक ध्यानाकर्षण
अमरावती/दि.12- अमरावती की विधायक और कांगे्रस नेता सुलभाताई खोडके ने नागपुर शीतसत्र के लिए अनेक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखे हैं. उसी प्रकार शहर और आसपास की प्रमुख सडकों हेतु निधि तथा तेजी से काम करने का मुद्दा वे उठाने जा रही हैं. अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को अब तक घोषित मदद राशि नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए सुलभाताई ने सदन में सबसे पहले यही प्रश्न रखा हैं. गौरतलब है कि विधानमंडल का नागपुर सत्र अगले सप्ताह 19 दिसंबर से शुरु होने जा रहा हैं. यह सत्र अनेक मामलों से हंगामेदार रहने की पूर्ण संभावना हैं. ऐसे में अपने संसदीय आयुध अमरावती के सभी विधायक तैयार किए हुए हैं. सुलभाताई खोडके ने अमरावती मंडल से खास चर्चा करते हुए बताया कि, समय पर आनेवाले अनेक विषय भी वे सदन में जोरशोर से उठाने वाली हैं. उधर अमरावती के तीन बार विधायक रह चुके पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने महत्वपूर्ण प्रकल्पों के लिए सत्तापक्ष विधायकों व्दारा फंड नहीं लाए जाने का मुद्दा उपस्थित किया हैं.
सुलभाताई ने विशेष प्रकल्प के तहत तहसील कार्यालय और आएएएस प्रशिक्षण केंद्र के लिए भी क्रमश: 6.86 लाख और 1.96 लाख की निधि मांगी हैं. शहर भर की अनेक सडकों के प्रलंबित कार्य को देखते हुए उन्होंने फंड की मांग सदन में उठाने का निश्चय किया हैं. पंचवटी चौक-गौरीइन रोड हेतु 4.86 करोड, पंचवटी से राजपूत ढाबा मार्ग हेतु 61 करोड से अधिक राशि सुलभाताई ने मांगी हैं. सुलभाताई का कहना है कि यह राशि केंद्रीय सडक विकास फंड से उपलब्ध होनी चाहिए.
* विमानतल का कार्य मंथर गति से
सुलभाताई ने कहा कि, अमरावती के औद्योगिक विकास हेतु विमानतल का सक्रिय होना आवश्यक हैं. हवाई अड्डे का निर्माणकार्य और विकास बहुत धीमी गति से हो रहा हैं. इस विषय में भी सुलभाताई सदन में प्रश्न उपस्थित करने जा रही हैं. उन्होंने मनपा को राज्य शासन से विविध हेड अंतर्गत अनेक माह से अनुदान नहीं मिलने के बारे में भी प्रश्न सदन में रखा हैं. सुलभाताई का कहना है कि मनपा को फंड नहीं होने से अनेक विकास कार्य प्रलंबित हैं.
* मेडिकल कॉलेज कब
अमरावती में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय का प्रस्ताव मंजूर होने की घोषणा की गई थी. इस बारे में अधिकृत रुप से कुछ भी नहीं हुआ हैं. सुलभाताई ने शीतसत्र में यह मुद्दा भी उठाने की ठानी हैं. उन्होंने प्रस्ताव दे दिया हैं. इसके साथ ही जिला सामान्य अस्पताल इर्विन में बेड संख्या बढाने तथा सुविधाएं बढाने का उनका प्रस्ताव हैं. अमरावती की अमृत योजना अंतर्गत भूमिगत गटर योजना का काम अब तक पूर्ण नहीं होने का विषय भी उन्होंने सदन में प्रस्तावित किया हैं. शहर के पुलिस कर्मियों के निवास हेतु नई बस्ती विकसित करने तथा दो नए पुलिस स्टेशन की इमारत के बारे में भी सुलभाताई ने प्रस्ताव रखने की जानकारी दी और बताया कि, सीसीटीवी लगाए जाने की घोषणा हुई थी. उस पर वे सदन में प्रश्न उपस्थित कर शहर में इसकी व्यवस्था करवाएंगी. सदन में प्रस्ताव रखा हैं. मनपा क्षेत्र में आंगनवाडी सेविका और मददगार के रिक्त पदों का विषय भी उपस्थित किया गया हैं. लम्पी रोग के कारण किसानों और पशुपालकों को हुए नुकसान का विषय भी सुलभाताई सदन में रखने जा रही हैं.
* सत्तापक्ष के विधायक क्या कर रहें
पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने विधानमंडल सत्र के मद्देनजर अमरावती के विमानतल, जलापूर्ति, संदर्भ सेवा अस्पताल दूसरा चरण और शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय संबंधी विषयों पर निर्णायक चर्चा तथा निर्णय की अपेक्षा व्यक्त की हैं. देशमुख ने सत्ता पक्ष के विधायकों की कामगिरी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा कि बेलोरा विमानतल का काम कछूआ गति से चल रहा हैं. शहर की पाइपलाइन की समस्या है बार-बार जलापूर्ति खंडित होती हैं. इसके साथ ही महत्वपूर्ण विषयों में टेक्टाइल पार्क अब तक कार्यरत नहीं होने का मुद्दा हैं. इससे हजारों रोजगार मिलने का प्रलोभन दिखाया जा रहा हैं. यह पार्क कब साकार होगा और यहां के किसानों का कपास अच्छे दाम पर बिकेगा तथा कपडा मील-कंपनियों में रोजगार मिलेंगे. देशमुख ने अमरावती मंडल से चर्चा करते हुए बीडीएल कारखाने का भी स्मरण करवाया. यह कारखाना रक्षा मंत्रालय से संबंधित हैं. इसके लिए नांदगांव पेठ एमआईडीसी में जमीन अधीग्रहण कर सुरक्षा दीवार भी बरसों पहले बनाई गई. उसी प्रकार तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटील के हस्ते शिलान्यास हुआ था. इस कारखाने को शुरु करने के बारे में कोई आवाज नहीं उठा रहा. ऐसे ही मेडिकल कॉलेज का भी विषय हैं. सभी दलों के नेताओं को एकजुट होकर दबावगट तैयार कर काम करना चाहिए. डॉ. देशमुख ने कहा कि विधानमंडल के सत्र को देखते हुए सुपरस्पेशालिटी अस्पताल चरण 2 का विषय अहम हैं. इमारत बनकर तैयार हैं. संसाधन और चिकित्सकों व स्टॉफ की भर्ती होने से इस अस्पताल में मस्तिष्क और हृदय की शल्यक्रिया हो सकेगी. जिसका लाभ गरिब, कमजोर वर्ग के मरीजों को मिलेगा. फिलहाल इन लोगों को नागपुर दौड लगानी पडती हैं.
* विदर्भ याने नागपुर नहीं
डॉ. देशमुख ने विदर्भ यानि नागपुर रहने का मुगालता अधिकांश राजनेताओं और दलों को होने की ओर ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि, पश्चिम विदर्भ की बडी उपेक्षा की जा रही हैं. एम्स हो, विधि की विद्यापीठ हो या स्वास्थ्य विद्यापीठ और बडे प्रकल्प नागपुर में ही स्थापित किए जा रहे हैं. यह अमरावती संभाग पश्चिम विदर्भ के साथ अन्याय हैं. यहां का वैगन कारखाना अभी तक आरंभ नहीं हुआ है जिसके माध्यम से बडे प्रमाण में रोजगार मिलने वाले थे. डॉ. देशमुख ने फिर कहा कि सत्तारुढ दल के विधायक की अधिक जिम्मेदारी रहती हैं. उन्होेंने दबाव प्रभाव की राजनीति का उपयोग करना चाहिए.