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मतदान को लेकर अब भी शिकायत मिलने का दौर जारी

कई मतदाताओं को मतदान केंद्र से बैरंग लौटना पडा वापिस

* नियोजन शून्यता के चलते मतदाताओं ने प्रशासन को लेकर जताया गुस्सा
अमरावती/दि.27 – अमरावती संसदीय क्षेत्र में गत रोज लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत हुए मतदान के दौरान कई तरह की गडबडियों के साथ-साथ प्रशासन की नियोजन शून्यता भी सामने आयी. जिसका खामियाजा कई आम मतदाताओं को भुगतना पडा और कई मतदाताओं को ऐसी गडबडियों व तकनीकी खामियों की वजह से बिना मतदान किये ही मतदान केंद्रों से बैरंग वापिस लौटना पडा. जिसके चलते आम मतदाताओं ने जिला प्रशासन को लेकर काफी हद तक रोष व संताप देखा गया. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा मतदान की तैयारियों को लेकर किये गये तमाम तरह के दावे काफी हद तक नाकाम व बेअसर साबित हुआ.

* कताररहित मतदान की उडी धज्जियां
जिला प्रशासन द्वारा दावा किया गया था कि, भीषण गर्मी के मौसम को देखते हुए सभी मतदान केंद्रों पर कताररहित मतदान पद्धति को अमल में लाया जाएगा. जिसके लिए टोकन पद्धति का प्रयोग किया जाएगा. इसे लेकर प्रशासन द्वारा कहा गया था कि, मतदान केंद्रों पर पहुंचने वाले मतदाताओं को उनके क्रमानुसार टोकन देकर छांव वाली जगह पर बैठते हुए अपनी बारी आने की प्रतिक्षा करने हेतु कहा जाएगा. जिसके चलते किसी भी मतदान केंद्र पर रुकते समय मतदाताओं की कतारे नहीं दिखाई देगी. लेकिन इससे उलट कल जब प्रत्यक्ष मतदान की प्रक्रिया शुरु हुई, तो कही पर भी कताररहित मतदान होता दिखाई नहीं दिया, बल्कि प्रत्येक स्थान पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई दिखाई दे रही थी.

* कई मतदाताओं के मतदाता सूची में नहीं थे नाम
इसके अलावा गत रोज कई मतदाताओं के मतदाता सूचियों में नाम ही नहीं रहने को लेकर भी बडे पैमाने पर शिकायतें सामने आयी थी. ऐसी शिकायतें मिलने का सिलसिला आज दूसरे दिन भी जारी रहा और गत रोज मतदान से वंचित रहे कई मतदाताओं ने आज जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर अपने पास मतदाता कार्ड रहने के बावजूद भी अपना नाम मतदाता सूची में नहीं रहने को लेकर शिकायतें दर्ज कराई.

* क्यूआर कोड, एप व पोर्टल भी रहे ठप
मतदाताओं की सहायता के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने क्यूआर कोड व एप सहित कुछ पोर्टल के लिंक भी उपलब्ध करा दिये थे. परंतु ऐन समय पर इनमें से कोई माध्यम काम नहीं कर रहा था. जिसके चलते मतदाता सूची में नाम नहीं रहने वाले मतदाताओं को क्यूआर कोड एप व पोर्टल को खोलने और उस पर काफी देर माथापच्ची करते हुए मतदाता सूची में अपने नाम को खोजने पर भी कोई प्रतिसाद नहीं मिला. जिसकी वजह से ऐसे मतदाताओं को आखिरकार मायूस होकर वापिस लौटना पडा.

* ईवीएम मशीनों ने भी नहीं दिया साथ
अमरावती शहर सहित जिले में कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनों में भी तकनीकी दिक्कतें आने और मतदान जारी रहने के दौरान ही ईवीएम मशीन के ठप हो जाने की खबरे भी सामने आयी. जिसके चलते दूसरी ईवीएम मशीन उपलब्ध कराने तक मतदान प्रक्रिया प्रभावित हुई. ऐसी भी जानकारी सामने आयी है.

* उस आशा वर्कर को न बैलेट पेपर ना मतदान
जानकारी के मुताबिक मतदाता सूची में मतदाताओं का नाम खोजने हेतु मनपा कर्मचारियों के साथ ही कुछ आशा वर्करों की भी नियुक्ति की गई थी. डफरीन अस्पताल से संबंधित एक आशा वर्कर मूलत: शिराला गांव से वास्ता रखती है. जिसके चलते उसका मतदान भी शिराला गांव में ही था. परंतु उसकी नियुक्ति अमरावती मनपा क्षेत्र में स्थित निदा इंटरनैशनल स्कूल के मतदान केंद्र में थी. लेकिन उसे न तो बैलेट पेपर ही मिला और न ही इलेक्शन ड्यूटी सर्टीफिकेट ही दिया गया. जिसके चलते दोपहर 2 बजे तक उस आशा वर्कर का मतदान नहीं हो पाया था. ऐसे में सवाल उपस्थित होता है कि, इस तरह से और न जाने कितने ही आशा वर्करों या निर्वाचन कर्मचारियों को बैलेट पेपर या ईडीसी नहीं मिल पाया होगा और वे मतदान करने से वंचित रहे होंगे.

* सेल्फी प्वॉईंट रहा सभी का आकर्षण
अमरावती संसदीय क्षेत्र के सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में 3-3 के हिसाब से 24 मतदान केंद्रों को महिला, दिव्यांग व युवा मतदान केंद्र के तौर पर स्थापित किया गया था और इन मतदान केंद्रों पर निर्वाचन अधिकारियों व कर्मचारियों सहित पुलिस बंदोबस्त भी इसी वर्गवारी से तैनात किया गया था. इन मतदान केंद्रों में विशेष सजावट की गई थी और इन केंद्रों पर सेल्फी प्वॉईंट भी लगाया गया था. जहां पर संभागीय आयुक्त व जिलाधीश सहित कई अधिकारी ने उपस्थित रहकर फोटो निकाली. साथ ही साथ सेल्फी प्वॉईंट का फोटो निकालने के लिए नवमतदाताओं की भी अच्छी खासी भीड उमडी.

* अब निर्वाचन विभाग का नया ठिकाना ‘लोकशाही भवन’
अमरावती संसदीय क्षेत्र में निर्वाचन विभाग का पूरा कामकाज अब तक जिलाधीश कार्यालय स्थित जिला निर्वाचन निणर्य अधिकारी कार्यालय से हो रहा था. चूंकि अब 26 अप्रैल को मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में भेजी गई इलेक्ट्रॉनिक वोटींग मशीन कल देर रात ही विद्यापीठ मार्ग स्थित लोकशाही भवन के स्ट्राँग रुम में रखवा दी गई. जहां पर अब आगामी 4 जून को मतगणना की जाएगी. जिसमें फिलहाल सवा माह का समय शेष है. ऐसे में अब से लेकर आगामी 4 जून तक लोकशाही भवन सुरक्षा बलों के कडे पहरे में रहेगा. साथ ही साथ अब निर्वाचन विभाग का कामकाज भी जिलाधीश कार्यालय की बजाय नवनिर्मित लोकशाही भवन से ही चलेगा.
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