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धामणगांव का संपूर्ण और सर्वांगीण विकास ही मेरा लक्ष्य

डॉ. नीलेश विश्वकर्मा से विशेष बातचीत

* प्रतिस्पर्धियों पर लगाए कमिशनखोरी के आरोप
* किसान, युवा, महिलाएं सभी हैं साथ
* विधानसभा क्षेत्र का कायापलट का दावा
अमरावती/ दि. 23 – धामणगांव रेलवे विधानसभा क्षेत्र में तीनों तहसीलें धामणगांव, नांदगांव खंडेश्वर और चांदुर रेलवे प्राकृतिक संसाधनों से लबालब रहने पर भी केवल दूरदृष्टि, विजन न होने से अब तक अविकसित जैसा ही रहा है. यहां के अब तक के चुने गये विधायकों ने केवल कमीशनखोरी की. फिर वह अडसड हो या जगताप. इस कारण क्षेत्र विकास से दूर और युवाओं में नैराश्य लानेवाला रहा. यह संपूर्ण परिदृश्य बदलने का विजन लेकर लगातार दूसरी बार चुनाव लड रहे हैं और इस बार सफलता का संपूर्ण विश्वास हैं. धामणगांव की जनता फिर वह किसान हो या गृहणी, युवती हो या युवा. बहुत बढिया रिस्पॉन्स दें रहे हैं. यह दावा वंचित बहुजन आघाडी के धामणगांव रेलवे के उम्मीदवार डॉ. नीलेश विश्वकर्मा ने किया. वे चांदुर रेलवे में अपने ट्रायडेंट नर्सिंग कॉलेज स्थित कार्यालय में अमरावती मंडल से विशेष बातचीत कर रहे थे.
विजय को लेकर कान्फीडंट
डॉ. नीलेश विश्वकर्मा की बॉडी लैंग्वेज जीत को लेकर आश्वस्त लगे. उनका विधानसभा क्षेत्र का सघन दौरा हो चुका हैैं. जबकि उनके भावी प्रतिस्पर्धी अभी अधिकृत घोषणा के इंतजार में हैं. डॉ. विश्वकर्मा ने अपने राजनीतिक करियर से लेकर धामणगांव क्षेत्र विकास के विजन को विस्तार से बतलाया. युवाओं के लिए शिक्षण, प्रशिक्षण केन्द्र और कॉलेज के माध्यम से किए जाते कार्यो का भी ब्यौरा दिया. ईश्वर में बडी आस्था रखनेवाले डॉ. नीलेश से बातचीत दौरान उनसे मिलने आनेवालों का तांता लगा था. वहीं उनकी सर्वधर्म समभाव वाली सहज छवि का भी अहसास हो गया.
बालासाहब आंबेडकर की प्रशंसा
कांग्रेस से राजनीतिक करियर प्रारंभ करनेवाले नीलेश विश्वकर्मा 2019 में वंचित बहुजन आघाडी के सर्वेसर्वा एड. प्रकाश उर्फ बालासाहब आंबेडकर के नेतृत्व से प्रभावित होकर कांग्रेस छोड आघाडी में आ गये. डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि बालासाहब की सर्वधर्म समभाव की बात उन्हें अत्यंत पसंद आयी. उसी प्रकार जाति पाति से दूर युवा और विजन वाले लीडर्स को पसंद करने एवं अवसर देने की रीति नीति से भी नीलेश विश्वकर्मा बडे प्रभावित हुए. बालासाहब ने भी नीलेश को न केवल आघाडी में ससम्मान लिया. बल्कि तुरंत विधानसभा के अखाडे में उतार दिया. नीलेश के युवा कार्यकर्ताओं की फौज ने उनका उस चुनाव में भी जबर्दस्त माहौल बनाया था. इस बार तो वे अपने युवा नेता डॉ. विश्वकर्मा को विधानसभा में भेजने दृढ प्रतिज्ञ दिखाई पड रहे हैं.
डॉ. विश्वकर्मा का क्षेत्र को लेकर बढिया विजन
डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि अमरावती जिले के यह तीन तालुका धामणगांव, चांदुर रेलवे और नांदगांव खंडेश्वर तीन शहर रहने पर भी अपेक्षित विकास नहीं कर पाए हैं. इसके लिए यहां एमआयडीसी विकसित करना उनका पहला लक्ष्य हैं. नीलेश विश्वकर्मा ने बताया कि युवक और युवतियों को पढाई पश्चात यही अच्छे अवसर उपलब्ध करवाए जा सकते हैं. किंतु अब तक के जनप्रतिनिधियों ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया. जिसके कारण युवा वर्ग में एक प्रकार का निराश्य का वातावरण आ गया था. उसे दूर करने के प्रयत्न उन्होंने अपनी संस्था और कॉलेज के माध्यम से प्रारंभ तो किए हैं. उसे अब राजाश्रय की आवश्यकता है. धामणगांव की जनता इस बार उन्हें अवश्य आशीर्वाद देगी और वे यहां के विकास के व्यापक विजन को लेकर कार्य करेंगे. कार्यो की लंबी फेहरिस्त भी उन्होंने बता दी. इस दौरान उनके बडे भाई डॉ. प्रकाश विश्वकर्मा और छोटे भाई मिथिलेश मौजूद थे.
किसानों के लिए क्या करेंगे
डॉ. विश्वकर्मा ने इस प्रश्न का व्यापक उत्तर दिया. उन्होंने बताया कि 5 वर्ष भी उन्होंने इस र्क्षेत्र से चुनाव लडा था. उसी प्रकार नगराध्यक्ष का भी चुनाव वे लड चुके हैं. उन्हें क्षेत्र के किसानों की प्रत्येक समस्या, प्रत्येक दिक्कत पता हैं. वे चार मुद्दों पर मुख्य रूप से किसान हित में कार्य करेंगे. पहला कम खर्च में अर्थात कम लागत ेमें भरपूर उत्पादन का उनका प्रयत्न रहेगा. दूसरा फसलों को अच्छे दाम दिलाने की कोशिश होगी. तीसरा मार्केट को चाहिए वह फसल वे उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. इससे निश्चित ही क्षेत्र में खेती किसानी में बडा बदलाव आयेगा. चौथा मुद्दा नीलेश विश्वकर्मा ने उर्वरकों से हो रही जमीन और इंसानों के नुकसान का भी उपस्थित किया. युवा नेता ने कहा कि उर्वरकों का इस्तेमाल कम कर जैविक खेती से पैदावार बढाने पर जोर रहेगा.
सोयाबीन को देंगे पर्याय
डॉ. विश्वकर्मा ने प्रश्न के उत्तर में बताया कि सोयाबीन की बजाय अन्य पर्यायी फसलों की ओर किसानों का रूझान बढाना भी उनका एक प्रमुख लक्ष्य हैं. अभी तो क्षेत्र के 90 प्रतिशत किसान सोयाबीन उगा रहे हैं. जबकि आज भी सोयाबीन को 3500-4000 रूपए से अधिक दाम नहीं मिल रहे. 4 साल पहले यही सोयाबीन 7 हजार रूपए तक विक्री हो रहा था.
युवाओं के लिए काफी कुछ
वंचित बहुजन आघाडी के युवा प्रदेशाध्यक्ष नीलेश विश्वकर्मा ने कहा कि उनके प्रत्येक आयोजन, आंदोलन, कार्यक्रम और अब चुनावी प्रबंधन की बागडोर युवाओं ने संभाल रखी हैं. युवा वर्ग के लिए उनके पास बडा विजन हैं. वे रोजगार के अवसर बढाने के लिए एक तरफ जहां धामणगांव, नांदगांव और चांदुर रेलवे में एमआयडीसी विकसित करने पर बल देंगे. वहीं दूसरी ओर शिक्षा के अच्छे अवसर उपलब्ध कराने पर जोर रहेगा. उनके नर्सिंग कॉलेज और जेएनएम तथा फीजिशियन कॉलेज शुरू हो गये हैं. यहां एमएससी पश्चात युवतियां सीधे नर्सिंग कोर्स कर रोजगार प्राप्त कर रही हैं. ऐसे ही युवाओं के लिए भी उनके रोजगार हेतु प्रयत्न शुरू हैं. अपने संस्थान में वे विदेशी भाषाएं जर्मन और फ्रेंच सिखाते हैं. जिससे विदेशों में जाकर जॉब के अवसर युवा प्राप्त कर सकते हैं. बल्कि उन्हें प्राप्त होंगे ही.
* मन, मस्तिष्क और मनगट मजबूत
स्वयं अच्छे कबड्डी पटु और बॉडी बिल्डर रहे नीलेश विश्वकर्मा अपने क्षेत्र के युवकों को मस्तिष्क, मन और मनगट अर्थात कलाई से मजबूत अर्थात सुदृढ देखना चाहते हैं. इसके लिए वे जयहिंद मंडल के माध्यम से कबड्डी, वॉलीबॉल, कुश्ती, क्रिकेट, बैडमिंटन और सारी स्पर्धाए आयोजित करते हैं. यह उनका हर वर्ष का उपक्रम हैं. उसी प्रकार अपने क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम और कस्बे में डॉ. विश्वकर्मा ने व्यायाम शालाएं, हेल्थ सेंटर शुरू करने का लक्ष्य रखा हैं. उन्होंने बताया कि प्रत्येक खेल का आधुनिक प्रशिक्षण शालाओं में लडकियों के सक्षमीकरण पर उनका जोर रहा है. कराटे क्लासेस पहले दिन से शुरू हैं. गलत घटनाएं रोकने यह आवश्यक हैं.
* व्यसनों से दूर रहें युवा
विश्वकर्मा ने कहा कि युवावर्ग को व्यसनों से दूर रखने का उनका सदैव प्रयत्न रहता आया हैं. वे शराब की खुले आम विक्री और आसानी से मिलने की बात से सहमत नहीं. नीलेश विश्वकर्मा ने कहा कि स्थानीय युवाओं में अपार प्रतिभाएं निहित हैं. किंतु राजकीय विजन के अभाव में वे प्रतिभाएं उचित अवसर नहीं पा सकी. अब ऐसा नहीं होगा. लोगों की छोटी सी छोटी समस्यां पर भी ध्यान दिया जायेगा. उन्हें दूर करने का प्रयत्न होगा.

* 100 बेड का अस्पताल बस तैयार
डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि तीन तहसीलों वाले विधानसभा क्षेत्र में आजादी के 7 दशकों बाद भी अच्छा अस्पताल नहीं होने से कई बार तबियत बिगड जाने या किसी दुर्घटना में घायल का समय पर उपचार नहीं होने से अनगिनत जानें गई हैं. अब ऐसा नहीं होगा. 100 बेड का अस्पताल का निर्माण प्रगति पर हैं. उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि 28 एकड में खेल विद्यापीठ विकसित करने जा रहे हैं. यहां देशभर से सभी खेलों के खिलाडी प्रशिक्षण और प्रदर्शन के लिए आयेंगे और धामणगांव का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दमकेगा.

* अडसड और जगताप सडक के कमिशन में ही खुश
अपने पूर्व वर्तियों से वे किस प्रकार अलग हैं. यह पूछने पर डॉ. विश्वकर्मा ने आरोप लगाने के अंदाज में कहा कि अडसड हो या जगताप यह लोग सडक रस्ते के कामों से आगे नहीं बढे. सडकों के कमिशन में ही खुश रहे. जबकि नेताओं को अपने क्षेत्र के संस्कृति विकास और औद्योगिक विकास के साथ सामाजिक दायित्व का भी ध्यान देना होता हैं. वे इन सब बातों को लेकर ही धामणगांव की जनता का आशीर्वाद चाहते हैं.

* दादा रहे सैनिक तो पिता हैं किसान
डॉ. नीलेश विश्वकर्मा के पिता ताराचंद विश्वकर्मा खेती किसानी करते हैं. उनकी मां कमल विश्वकर्मा सुघड गृहिणी हैं. उनकी पत्नी प्रियंका उनके साथ सभी सामाजिक, राजकीय कार्यो में साथ रहती हैं. डॉ. नीलेश के दादा द्बितीय विश्व युध्द दौरान सैनिक के रूप में जंग लड चुके हैं. उन्हें पुत्र यशवीर एवं पुत्री तनीशा हैं. दोनों ही शालेय विद्यार्थी हैं.

* प्रियंका कंधे से कंधा लगाकर साथ
डॉ. नीलेश विश्वकर्मा की अर्धांगिनी प्रियंका विश्वकर्मा उनके कोचिंग संस्थान और चार कॉलेजेस का सफल संचालन करने के साथ उनके प्रत्येक सामाजिक एवं राजकीय कार्य में कंधे से कंधा लगाकर साथ देती आयी हैं. शूटिंग में राष्ट्रीय खिलाडी रही प्रियंका विश्वकर्मा गणित में स्वर्णपदक प्राप्त हैं. नर्सिंग और एनएम कॉलेजेस का संचालन करते हुए युवतियों की प्रतिभाओं को तराशने एवं उन्हें आगे लाने में तत्पर हैं.

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