अमरावतीमहाराष्ट्र

रिम्स अस्पताल में जटिल न्यूरोसर्जरी सफल

डॉ. स्वरूप गांधी के प्रयासों को मिली सफलता

अमरावती/दि.16-हाल ही में रिम्स हॉस्पिटल में एक 7 वर्षीय बालक को सर्वाइकल मेडुलरी कंप्रेशन के साथ एटलांटोअक्सियल डिसलोकेशन की समस्या का निदान डॉक्टर द्वारा किया गया. स्वरूप गांधी इलाज से उबरने में सफल रहे. यह रीढ़ की हड्डी की सबसे कठिन और गंभीर सर्जरी है. जब बालक को अस्पताल आया, तो वह सोफे से गिर गया था, उसके हाथ-पैर सही सलामत थे और वह अंदर की ओर लुढ़क गया था और उसकी एमआरआई रिपोर्ट देखने के बाद पता चला कि उसे अटलांटोएक्सियल डिस्लोकेशन (जंक्शन बिंदु की बीमारी) है मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी), जिसके साथ कुछ बच्चे पैदा होते हैं. गिरने के कारण उनकी ग्रीवा रीढ़ गंभीर रूप से घायल हो गई थी, सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था. अमरावती में अब तक केवल पांच से छह ऐसी सर्जरी हुई हैं और डॉ. स्वरूप गांधी ने इसे सफल बनाया है.
इस रोगी में सी 1 आर्क विकृत हो गया था और दाहिनी ओर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी नरम कोशिकाएं थीं, ओसीसीपुट – सी2 पार्स स्क्रू लगाए गए थे, विस्तार से अव्यवस्था कम हो गई थी, भगवान की कृपा से पूर्ण कमी हुई और परिणाम चमत्कारी था. बच्चा, जो क्वाड्रिप्लेजिक्स और गर्दन में गंभीर दर्द के कारण बिस्तर पर पड़ा था, सर्जरी के अगले दिन बिना सहारे के चलने में सक्षम हो गया. प्रमुख सर्जन डॉ. स्वरूप गांधी (न्यूरोसर्जन), सहायक सर्जन डॉ. अमोल ढगे (न्यूरोसर्जन) और डॉ. नितिन जयसवाल (ऑर्थो स्पाइन सर्जन) और एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. संजय महतपुरे और अस्पताल के निदेशक डॉ. आदि डॉक्टरों की टीम थी. डॉ. श्याम राठी एवं डॉ. विशाल भंसाली (बाल रोग विशेषज्ञ), डॉ. दिनेश पहलजानी (इंटेंसिविस्ट), डॉ. सोहम घोरमोडे (इंटेंसिविस्ट) और डॉ. विभूति बब (फिजियो) और अस्पताल प्रशासन का अच्छा सहयोग मिला. सर्जरी सफल रही और लड़का आज बिना किसी सहारे के चल सकता है. इस सफलता के लिए डॉ. स्वरूप गांधी और उनकी टीम की हर जगह सराहना हो रही है.

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