अमरावती/दि.17– शहर के मार्डी रोड पर स्थित श्री संत अच्युत महाराज हार्ट हॉस्पिटल विगत अनेक वर्षो से हदय विकारों की स्वास्थ्य सेवा का दीपस्तंभ है. यह अस्पताल एंजिलोप्लास्टी और बायापास प्रक्रिया सहित उसके नियमित हदय की शल्यक्रिआओं के लिए प्रसिध्द है. इसके अलावा अच्युत महाराज की प्रेरणा से यह अस्पताल पश्चिम विदर्भ में हदय रोग के उत्कृष्ट उपचारों के लिए न नफा तत्व पर समाज की सेवा करने के लिए वचनबध्द है. यह अस्पताल असंख्य हदय शल्यक्रिया, वॉल्व बदलना, स्थायी रूप से पेसमेकर रोपण और इसके अलावा भी काफी कुछ हदय विकारों के उपचारों की विस्तृत श्रेणी प्रदान करने के लिए समर्पित है. यहां हार्ट सर्जरी रोजाना 3 से 5 बजे तक होती है. इस अस्पताल ने 7 नवंबर को एक मिनिमली इन्वेसिव शल्यकिया (एमआयएस) जोडकर और एक मील का पत्थर पार किया है. यह अपवादात्मक प्रक्रिया डॉ. सुधीर धांडे और डॉ. मनीष जाधव के नेतृत्व में कुशल टीम ने संपन्न की.
इसमें डॉ. अभिषेक भडांगे तथा अनेस्थोसिस्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह उल्लेखनीय कारनामा डॉ. सुधीर धांडे व टीम ने 5 सेमी दाहिनी ओर के अग्रभाग में मिनिकली इन्व्हेसिव शल्यक्रिया (एमआयएस)कार्डियक सर्जरी (एमआयसीएस) महाधमनी व्हॉल्व्ह रिप्लेसमेंट, मिनिथिोरोकोटॉमी सफलतापूर्वक संपन्न की है. संबंधित मरीज की तबियत बिल्कुल ठीक है तथा उन्हे डिस्चार्ज भी दे दिया गया है.े यह ग्राउंड ब्रेकिंग प्रक्रिया हदय की शस्त्रक्रिया के क्षेत्र उल्लेखनीय प्रगति दर्शाती है.े इस शल्यक्रिया में मरीजों को अनेक फायदे होते है. जिनमें छोटे चीरे, कम पुन: आरोग्य प्राप्ति का समय और शल्यक्रिया के बाद की वेदना कम होती है. इस अस्पताल के नेतृत्व संघ में रहनेवाले डॉ. अनि सावरकर, सागर पासेबंध, मुकुंद वाइकर, डॉ. श्रीकांत देशमुख, डॉ. गुणवंत डहाणे, डॉ. मुरलीार वाडेकर, डॉ. राहुल देशमुख, शिवराज शिंदे, डॉ. विजय लेवते तथा अन्य डॉक्टर्स व उनकी टीम का आनंद देशपांडे, राजू मुकवाने व अन्य कर्मचारियों ने अभिनंदन किया है.