अनु. जमाति के अधिसंख्य व सेवानिवृत्त कर्मचारियों का 26 से आमरण अनशन
ऑफ्रोहा संगठना की चेतावनी
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अमरावती-दि.12 अनुसूचित जमाति का असली जाति प्रमाण पत्र विवाद ग्रस्त वाली पडताल समिति की ओर से धोखाधड़ी से रद्द व जप्त करने, सर्वोच्च न्यायालय के 6 जुलाई 2017 को दिये गए निर्णय में पूर्वलक्षी प्रभाव से लागू करने के आदेश न दिये जाने के बावजूद राज्य के 12500 से अधिक शासकीय सेवा में कायम रहने वाले व समय-समय पर विविध शासन निर्णय से सेवा संरक्षित किये कर्मचारियों को 21 दिसंबर 2019 के शासन निर्णयानुसार 11, 11 महिने की तात्पुरती सेवा दी गई है. वहीं करीबन 1000 से अधिक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को गत 31 महीने से सेवानिवृत्ति वेतन नहीं दिया गया. इसके साथ ही मृत कर्मचारियों के वारिसों को परिवार निवृत्ति वेतन व अन्य लाभ दिये जाने की मांग बाबत शासन ने 20 सितंबर तक सकारात्मक निर्णय न लिए जाने पर ऑर्गनाइजेशन फॉर राईट्स ऑफ ह्युमन महाराष्ट्र की ओर से महाराष्ट्र भर में आमरण अनशन की शुरुआत की जा रही है. अमरावती जिले के करीबन 20 से 25 कर्मचारी आमरण अनशन में सहभागी होंगे. अमरावती जिला कार्यकारिणी की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आमरण अनशन करने की चेतावनी ऑफ्रोहा के राज्य मार्गदर्शक तथा वित्त विभाग के सेवानिवृत्त सहसंचालक डॉ. दीपक केदार व अमरावती जिलाध्यक्ष यशवंत वरुडकर ने पत्रकार परिषद में दी है.
महाराष्ट्र शासन ने आदिवासी अधिसंख्य कर्मचाारियों को उच्च न्यायालय ने दिये निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दाखल की गई सभी याचिका वापस लेने की मांग इस समय की गई. 20 सितंबर तक शासन द्वारा हमारी मांगें पूरी नहीं करने पर महाराष्ट्रभर के जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आमरण अनशन करने की चेतावनी इस समय पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकार परिषद में दी गई.
पत्रकार परिषद में ऑफ्रोहा के राज्य मार्गदर्शक डॉ. दीपक केदार, अमरावती जिला शाखा के जिलाध्यक्ष यशवंत वरुडकर, महिला आघाड़ी प्रमुख नीलिमा केदार, राज्य सदस्या नीता सोमवंशी, वाशिम जिला शाखा अध्यक्ष देवानंद हेडाऊ, ऑफ्रोहा के सदस्य कुंदन ठाकूर,पवन ठाकूर, रविन्द्रा कुंभारे, देवानंद ढोके, छाया सोनकामले, अलका सोरते आदि उपस्थित थे.