* बिल्डर से हुए कारार पर उपनिबंधक की फिलहाल रोक
अमरावती/दि.9- औद्योगिक वासहत सहकारी संस्था र.नं. 8415/61 की सर्वे नं. 13/1 की 57624 वर्ग फीट जगह विकासक को देने के संस्था के निर्णय पर सभासद और ममता प्रकाशन के दिलीप एडतकर ने ऐतराज उठाया हैं. एडतकर की शिकायत पर सहकारी संस्था के उपनिबंधक ने संस्था को निविदा प्रक्रिया के दस्तावेज दो दिनों में देने का निर्देश दिया हैं. तब तक संबंधित प्रकरण में कोई कार्रवाई या प्रक्रिया न करने कहा हैं. यह जानकारी एड. एडतकर ने आज दोपहर श्रमिक पत्रकार भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में दी और आरोप लगाया कि संस्था के संचालक और बांधकाम प्रकल्प के लिए गठित विकास समिति का यह ‘संकल्पित भ्रष्टाचार’ का मामला लगता हैं. उन्होंने संस्था की उपर उल्लेखित हजारों वर्गफीट जगह निविदा आमंत्रित कर ड्रिम्स सीटी कमर्शीयल प्रा.लि. को दिए जाने के संस्था के निर्णय का विरोध जताया. निविदा प्रक्रिया पर भी प्रश्नचिन्ह उपस्थित किए. इस विषय में जिला उपनिबंधक के पास शिकायत के बाद उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के पास भी शिकायत करने की जानकारी देते हुए बताया कि, महाप्रबंधक ने 7 दिनों में संस्था से जरुरी कागजाद प्रस्तुत करने का निर्देश देकर तब तक बांधकाम प्रक्रिया संबंधित कोई अगली कार्यवाही न करने का हुक्म दिया हैं.
* एडतकर का आरोप
एडतकर ने आरोप लगाया कि, उक्त जमीन 115 करोड रुपए से अधिक मूल्य की है और बिल्डर से निविदा बुलाकर हुए करार अनुसार वह संस्था को केवल 80 हजार वर्गफीट का बांधकाम कर देगा जिसका बाजार मूल्य महज 16 करोड रुपए हैं. ऐसे में सरासर भ्रष्टाचार होने और इसके पीछे राज्य में पक्ष और विपक्ष के नेता का आशीर्वाद होने का भी आरोप एडतकर ने किया. उन्होंने बार-बार पूछे जाने पर भी राजनेता का नाम नहीं बतलाया. इस प्रकरण को जरुरत पडी तो अदालत में ले जाने की तैयारी भी एडतकर ने दर्शायी. उन्होंने कहा कि, संस्था में पहले भी ‘चिंदी चोरी’ के कई मामले हुए. कभी खुली जगह में बांधकाम करने के एवज में संस्था की जमीन लेवलिंग और अन्य काम करवा लिए. कभी लीज की जमीन किराएदार से और उपकिराएदार को देने के समझौते में छह एसी बदले में ले लिए गए. बहरहाल एडतकर ने संस्था हित में किसी बैंक या आर्थिक संस्थान से करार कर जमीन के विकास की मांग रखी. एडतकर ने दावा किया कि, इससे संस्था को सैकडो करोड का फायदा होगा. उसी प्रकार जमीन पर बनाए गए बाजार और अन्य सुविधाओं से 200 करोड रुपए तक मिलने का दावा उन्होंने किया.
* एडतकर जमीन के 100 करोड दिलवा दें
इस मामले में संस्था के विकास समिति सदस्य विलास मराठे से बात करने पर उन्होंने कहा कि, पूर्ण प्रक्रिया अत्यंत पारदर्शी रही एडतकर को छोडकर सभी सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. एडतकर जमीन का मूल्य 115 करोड रुपए बतला रहे हैं. संस्था उन्हें वह जमीन 100 करोड में देने तैयार हैं. मिलने वाले पैसे से संस्था और जमीन लेकर उद्योजकों को देगी और उद्यम स्थापित करने प्रोत्साहित करेगी. मराठे ने करार के बारे में बताया कि, संबंधित विकासक से जमीन के बदले 80 हजार वर्गफीट बांधकाम मिलेगा. जिसमें संस्था के सदस्यों को कम रेट में दुकानें उपलब्ध होगी. औद्योगिक वसाहत के श्रमिकों और लोगों के लिए सबसीडी वाले रेट में कैंटीन उपलब्ध होगी. 75 कमरों का होटल भी विकासक बांधकर देगा. उसका इंटेरियर का खर्च संस्था करेगी. इस खर्च का प्रावधान संस्था को मिलने वाली दुकानों को बेचने से होने वाली आय से होगा. इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए संस्था अध्यक्ष वीरेंद्र लढ्ढा से संपर्क करने का प्रयत्न हुआ मगर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. बाद में फोन बंद आ रहा था.
* कोटेशन फाइनल होने की जानकारी नहीं
ड्रीम्स सीटी कमर्शीयल प्रा.लि. के संचालक नरेंद्र भारानी ने अमरावती मंडल से बात करते हुए बताया कि, डेंटर सबमिट किया हैं. अभी तक संस्था की तरफ से पुष्टि नहीं हुई हैं. अधिकृत रुप से कोई ऑर्डर या जानकारी नहीं मिली हैं. संस्था निर्णय करेगी तब मालूम पडेगा कि टेंडर हमें मिला अथवा नहीं.