अमरावती

जिले में सम्मेलनों व शिविरों को लगा ‘ब्रेक’

चुनाव की समयावधि बढने से ‘वेट एण्ड वॉच’

अमरावती/ दि.21– मनपा व जिप तथा नप, पस चुनाव की आस पर पिछले महीने शहर सहित संपूर्ण जिलेभर में सभा व सम्मेलनों तथा शिविरों को लेकर उत्साह का वातावरण था. किंतु अब समायावधि बढने के पश्चात व जिप तथा मनपा, नप व पस में प्रशासक राज के चलते इच्छूकों की आस पर पानी फिर गया हैं. अब सम्मेलनों व शिविरों को तथा सभाओं को ब्रेक लगने से ‘वेट एण्ड वॉच’ की स्थिति बनी हुई हैं.
मनपा का कार्यकाल समाप्त होते ही प्रभाग निहाय रचना घोषित की गई. अपने लिए सकारात्मक प्रभाग चुनकर विद्यमान नगरसेवक तथा इच्छूकों ने अपने-अपने प्रभागों में विविध रोगनिदान शिविर, शासकीय कागजपत्र प्राप्त करने हेतु शिविरों व कार्यकर्ता सम्मेलनों का आयोजन कर महौल तैयार करने का फंडा शुुरु किया था. यही फंडा ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिला.
जिप का भी कार्यकाल समाप्त होने पर विद्यमान व इच्छूक सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधडाके के साथ कार्यक्रम लगाना शुरु किया. सोमवार से जिप पर प्रशासक नियुक्त किए जाने पर व उसके पहले नप, पस में प्रशासक की नियुक्ति पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी इच्छूकों और विद्यमान सदस्यों की आशा पर पानी फिर गया. अब यह सभी चुनाव तकरीबन 4 से 5 महीनों के पश्चात करवाए जाएंगे. जिसमें सभी इच्छूकों ने अपनी तलवारें वापस म्यान में डाल दी और ‘वेट एण्ड वॉच’ की स्थिति में आ गए.

प्रभाग रचना की ओर सभी का ध्यान
जिला परिषद अंतर्गत छह से सात नए गुटों की रचना की गई हैं. जिसका नक्शा भी चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया गया. संभावी आरक्षण की दृष्टि से इच्छूकों ने अपनी-अपनी फिल्डिंगे लगाना शुरु कर दी हैं. किंतु शासन व्दारा प्रशासक की नियुक्ति किए जाने पर सभी की आशाओं पर पानी फिर गया है और सभी का ध्यान प्रभाग रचना की ओर लगा हुआ हैं.

संपूर्ण जिला प्रशासकों के हाथ में
सोमवार से जिला परिषद में प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई है. अब तक दो नगर पंचायत क्रमश: धारणी व नांदगांव खंडेश्वर तथा 9 नगरपालिका क्रमश: अचलपुर, अंजनगांव सुर्जी, वरुड, दर्यापुर, चांदूर बाजार, मोर्शी, शेंदुजनाघाट, चांदूर रेल्वे, धामणगांव रेल्वे 10 पंचायत समितियां चिखलदरा, चांदूर बाजार, मोर्शी, वरुड, अमरावती, अचलपुर, अंजनगांव सुर्जी, दर्यापुर, नांदगांव खंडेश्वर, भातकुली सहित संपूर्ण जिला प्रशासकों के हाथों में चला गया हैं. वहां अब प्रशासक का राज हैं.

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