देवांश कलंत्री गीताव्रती की उपाधि से सम्मानित
गीता परिवार द्वारा आयोजित हर परीक्षा में किया बेहतरीन प्रदर्शन
अमरावती/दि.21 – सनातन हिंदू धर्म की आस्था श्रीमद् भगवतगीता से जुड़े गीता परिवार द्वारा स्वामी गोविंददेव गिरी के मार्गदर्शन में गीता पठन के अध्ययन का आयोजन कर परीक्षा ली जाती है. विविध चरणों में संपन्न होने वाली इस परीक्षा में गीताव्रती की उपाधि से सम्मानित होना यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. कोरोना काल का सदुपयोग करते हुए गीता परिवार के छात्र देवांश कलंत्री ने विविध परीक्षाएं देकर गीताव्रती की उपाधि हासिल की है. देवांश कलंत्री को मिली इस उपलब्धि के लिए गीता परिवार के साथ मित्र परिवार व गुरुजनों द्वारा उसका अभिनंदन हो रहा है.
कोरोना काल में देवांश की मां विजयालक्ष्मी कलंत्री ने अपने 9 वर्षीय बेेटे देवांश को गीता परिवार द्वारा आयोजित ऑनलाइन क्लास में दाखिल कर गीता श्लोक का पठन करवाया. देवांश ने भी एकाग्रता से अध्ययन कर गीता परिवार द्वारा आयोजित हर परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन कर अंक प्राप्त किए. गीताव्रती की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए श्रीमद भगवतगीता के 18 अध्याय के 700 श्लोक कंठस्थ करना होता है. पश्चात आंखें मूंदकर परीक्षक के सामने बैठकर पूछे गए श्लोक एवं उसके बाद आने वाले श्लोक बताने होते हैं. इस प्रकार से ली जाने वाली गीताव्रती की परीक्षा में देवांश ने कड़ी मेहनत व अथक परिश्रम से गीताव्रती की उपाधि हासिल की है. देवांश ने गीता जिज्ञासु परीक्षा में 100 में से 98 अंक, गीता पाठक परीक्षा में 200 में से 200 अंक, गीता पथिक परीक्षा में 400 में से 395 एवं गीता व्रती परीक्षा में 600 में से 573 अंक प्राप्त किए हैं.
देवांश अमरावती कृषि मंडी के अनाज व्यापारी रोहन उर्फ आनंद एवं विजयलक्ष्मी कलंत्री का बेटा तथा अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद कलंत्री व रेखा कलंत्री के पौत्र है. परतवाड़ा के सुप्रसिद्ध व्यवसायी राजेन्द्र व शुभांगी चांडक के दौयते है. इस उपलब्धि पर देवांश का अभिनंदन किया जा रहा है.