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प्रहार के नाम पर 24 को सायंस्कोर की कन्फर्म बुकिंग

भाजपा द्वारा बिना बुकिंग अमित शाह की सभा का आयोजन

* सायंस्कोर मैदान को लेकर भाजपा और बच्चू आमने-सामने
* बच्चू की ललकार ‘हमें मैदान नहीं मिला तो कलेक्ट्रेट पर हजारों के साथ अनशन करेंगे’
* आज रात 12 बजे मैदान पर ताबा लेने पहुंचेंगे जिले के हजारों ‘प्रहारी’
* प्रहार की 24 को सायंस्कोर मैदान से बडी रैली व महापदयात्रा
* प्रहार ने 23 व 24 को सायंस्कोर मैदान किया था बुक
* प्रशासन पर लगाया मैदान छोडने हेतु दबाव का आरोप
* बोले- प्रशासन और पुलिस सत्ता पक्ष के सामने पूरी तरह झुके
* चुनाव निपटते ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी
अमरावती/दि.22– प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा 23 व 24 अप्रैल के लिए सभी नियमों की पूर्तता करने के साथ ही निर्धारित शुल्क भरकर सायंस्कोर मैदान को अपनी अंतिम चुनाव रैली व प्रचार सभा हेतु बुक कराया गया था. लेकिन अब हम पर प्रशासन द्वारा दबाव डाला जा रहा है कि, हम 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान से अपना दावा छोड दे, यह तो सीधे-सीधे मैदान से कदम पीछे हटाने की तरह होगा. ऐसे में अब चाहे मैदान चुनावी हो या सायंस्कोर का लेकिन मैदान तो हम ही मारेंगे. इस आशय की खुली ललकार प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू द्वारा दी गई है.स्थानीय खापर्डे बगीचा परिसर स्थित न्यू आजाद गणेशोत्सव मंडल में बनाये गये प्रहार जनशक्ति पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी दिनेश बूब के मुख्य प्रचार कार्यालय में आज दोपहर बुलाई गई पत्रवार्ता में विधायक बच्चू कडू ने बताया कि, उन्होंने इससे पहले 5, 7 व 12 अप्रैल को स्थानीय प्रशासन के समक्ष प्रचारसभा हेतु सायंस्कोर मैदान मिलने के लिए आवेदन किया था. जिसे प्रशासन ने खारिज कर दिया था. इसके बाद एक बार फिर सायंस्कोर मैदान मिलने हेतु किये गये आवेदन को प्रशासन द्वारा 18 अप्रैल को मंजूरी दी गई. जिसके बाद प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेजों व नियमों की पूर्तता करते हुए मैदान के किराये के तौर पर निर्धारित शुल्क भी अदा कर दिया गया. जिसके चलते 18 अप्रैल को ही सायंस्कोर मैदान 23 व 24 अप्रैल के लिए प्रहार जनशक्ति पार्टी हेतु आवंटीत हो गया था. इसी बीच यह खबर सामने आयी कि, सायंस्कोर मैदान पर भाजपा प्रत्याशी के प्रचार हेतु 22 अप्रैल को आयोजित होने वाली सभा अब 24 अप्रैल को आयोजित होगी. जिसके बाद से स्थानीय प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने प्रहार पार्टी के पदाधिकारियों को फोन करते हुए यह दबाव डालना शुरु किया कि, वे 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान से अपना दावा छोडने इसे स्थानीय अधिकारियों की मनमानी बताते हुए विधायक बच्चू कडू ने आरोप लगाया कि, स्थानीय स्तर पर प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी पूरी तरह से सत्ता पक्ष के दबाव में आकर काम कर रहे है. साथ ही साथ जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी तो ऐसे बर्ताव कर रहे है, मानो वे सरकारी अधिकारी न होकर भारतीय जनता पार्टी के कोई पदाधिकारी है.

* अन्यथा कल कलेक्ट्रेट पर 1 लाख लोगों के साथ धरना प्रदर्शन
प्रशासन द्वारा की जा रही मनमानी का कडे शब्दों में निषेध करते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, नियमानुसार कल 23 अप्रैल को उन्हें सायंस्कोर मैदान का ताबा मिल जाना चाहिए. लेकिन यदि प्रशासन द्वारा मैदान को खाली कराकर उन्हें सायंस्कोर मैदान का ताबा नहीं दिया जाता है, तो वे अपने 1 लाख समर्थकों के साथ जिलाधीश कार्यालय के समक्ष कल सुबह से ही धरना प्रदर्शन करना शुरु कर देंगे. साथ ही अगर उन्हें आवंटीत सायंस्कोर मैदान पर 24 अप्रैल को किसी अन्य राजनीतिक दल की प्रचार सभा होती है, तो उस स्थिति में कुछ भी कम ज्यादा होने पर उसकी जिम्मेदारी स्थानीय जिला एवं पुलिस प्रशासन की रहेगी.

* अब किसी का फोन आया, तो रिकॉर्डिंग करेंगे वायरल
इस पत्रकार परिषद में विधायक बच्चू कडू ने बताया कि, अभी तक उनके कई कार्यकर्ताओं को सायंस्कोर मैदान पर दावा छोडने हेतु स्थानीय प्रशासन के कुछ अधिकारियों के फोन आ चुके है. जिनके नामों का खुलासा वे बहुत जल्द करने वाले है. साथ ही अब यदि उनके किसी भी कार्यकर्ता को इस बारे में किसी भी अधिकारी का फोन आता है, तो ऐसी कॉल रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा.

* प्रशासन कर रहा है खुलेआम पक्षपात
इस पत्रवार्ता में विधायक बच्चू कडू ने साफ शब्दों में आरोप लगाया कि, स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा सत्ता पक्ष के दबाव में आकर काम किया जा रहा है. जबकि चुनावी आचार संहिता लागू हो जाने के बाद प्रशासन अपने हिसाब से काम करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होता है और कोई सत्ता पक्ष या विपक्ष नहीं होता. इसके बावजूद जहां उन्हें एक ओर आसेगांव पुलिस स्टेशन से बाकायदा नोटीस जारी की गई. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा उन पर सायंस्कोर मैदान से दावा छोडने हेतु दबाव बनाया जा रहा है. परंतु वे ऐसी दडपशाही से बिल्कुल भी डरने अथवा घबराने वाले नहीं है. यह बात प्रशासन ने भी ध्यान में रखनी चाहिए.

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