मुस्लिम विधायक को लेकर मुस्लिम कोर कमेटी में ‘कन्फ्यूज’
अभी तक किसी उम्मीदवार ने नहीं किया संपर्क
* शाम तक हो सकता है अंतिम निर्णय
अमरावती/दि.5- विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर इस बार अमरावती शहर में ’अबकी बार मुस्लिम आमदार’ का नारा बुलंद किया गया था. जिसके चलते समाज बंधुओं व्दारा बढ चढकर हिस्सा लेते हुए कोर कमेटी की स्थापना भी की गई थी. किंतु कई बार बैठकें और मुलाकात के बाद भी ’मुस्लिम आमदार मिशन कोर कमेटी’ को अभी तक कोई दमदार मुस्लिम उम्मीदवार दिखाई नहीं दिया है. वही किसी भी कैंडिडेट ने अभी तक कोर कमेटी से संपर्क न करने के कारण कमेटी और उसके पदाधिकारियों में कन्फ्यूजन का माहौल नजर आ रहा है. इसी वजह से कोर कमेटी के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के पंडाल में नजर आ रहे हैं. वही कमेटी के सूत्रों के अनुसार आज शाम तक अंतिम निर्णय होने की चर्चा भी जोरों पर है, जिसके बाद कमेटी व्दारा किसे समर्थन दिया जाता है. इस पर भी लोगों की नजरे टिकी हुई है.
बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाडी के उम्मीदवार की सफलता को देखते हुए मुस्लिम समाज व्दारा ’अबकी बार मुस्लिम आमदार’ का नारा बुलंद करते हुए राष्ट्रीय पार्टियों से मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देने की मांग भी बढी थी. जिसके कारण कई समाज ने भी इसका समर्थन किया था. वही राष्ट्रीय पार्टी की टिकट पाने की होड में कई मुस्लिम व दमदार इच्छुकों की लंबी फहेरीस्त भी तैयार हो चुकी थी. सभी अपने अपने तरीके से राष्ट्रीय पार्टी की टिकट पाने के लिए जुगत में लगे हुए थे. मगर राष्ट्रीय पार्टी व्दारा टिकट न दिए जाने के कारण अन्य पार्टियों से भी मुस्लिम विधायक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों ने संपर्क बनाए रखा. अंतिम समय यानी नामांकन दाखिल करने के बाद अब मुस्लिम विधायक बनने के लिए अभी चंद लोग ही बाकी रह गये है. लेकिन इनमें से अभी तक किसी ने भी ’मुस्लिम आमदार मिशन कोर कमेटी’ से संपर्क न करने के कारण कमेटी के वरिष्ठों व कार्यकर्ताओं में संभ्रम पैदा हो रहा है. जिसके कारण इस कमेटी में मौजूदा लोग जिसको जो कैंडिडेट पसंद आ रहा वे उस ओर अपना रुझान दिखा रहे हैं. इसी के चलते अब कोर कमेटी में भी दो फाड की जगह कई शाखाएं बंटती नजर आ रही है. कोर कमेटी में मौजूद सभी पदाधिकारी अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के संग व उनके पंडाल में नजर आ रहे है. फिर भी कोर कमेटी के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार आज शाम तक अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. उसके बाद ही कोर कमेटी के सदस्य किसका समर्थन करना है, इस बारे में खुल कर सामने आएंगे.
तीन महीने पहले बनी थी कमेटी
अब की बार मुस्लिम आमदार का नारा बुलंद करते हुए मुस्लिम समाज के कई वरिष्ठों व पार्टियों से जुडे पदाधिकारियों ने तीन माह पूर्व ही कोर कमेटी की स्थापना की थी. जिसके बाद कई स्थानों पर समाज का रुझान, परफेक्ट कैंडिडेट, प्रभावी व्यक्ति जैसे कई विषयों को लेकर लोगों से राय शुमारी की गई थी. कोर कमेटी व्दारा अभी तक अनगिनतक बैठके आयोजित भी की गई किंतु अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लेने के कारण कई पदाधिकारी जो संगठनों के माध्यम से कोर कमेटी में जुडे थे. वे अब संभ्रमित नजर आ रहे है. वही कोर कमेटी व्दारा हर बार अगली बैठक लेने के निर्णय के कारण तारीख पर तारीख जैसी कहावत नजर आते हुए क्या निर्णय होंगा इस पर युवा मतदाता व कार्यकर्ताओं की नजरें लगी हुई है.
कई पार्टी व संगठन के 32 पदाधिकारी
जब कोर कमेटी की स्थापना की गई थी तो इसमें राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद व अजित पवार गुट, एमआईएम, समाजवादी पार्टी, इंडियन युनियन मुस्लिम लीग, नेशनल लीग, रिपाई (सेक्यु.) विदर्भ राज्य आंदोलन समिती, राहत फाऊंडेशन, अमन फाऊंडेशन, वसंतराव नाईक सोशल फोरम, हम भारत के लोग, ग्रीन इंडिय सहित कई पार्टी और संगठन से जुडे पदाधिकारियों के लगभग 32 से 35 सदस्यों को इसमें जोडा गया था. जिसके चलते हर बार चुनावी माहौल जानने के लिए कमेटी में शामिल लोगों से राय-शुमारी की गई. लेकिन आज तक कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आ पाया है.
* कमेटी के पदाधिकारी-कार्यकर्ता हुए तितर-बितर
कोर कमेटी में कई ऐसे पदाधिकारी भी जिनके पसंदीदा मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव में किस्मत आजमा रहें हैं. वही कई ऐसे है जो मविआ से जुडे होने के कारण मजबूरी में मुस्लिम विधायक का नारा पीछे रखते हुए उन्हें पार्टी का काम करना पड रहा है. वही कोर कमेटी के जिन पदाधिकारियों के पसंदीदा उम्मीदवार अपक्ष खड़े है. वे भी अपने अपने उम्मीदवारों के साथ व उनके पंडाल में नजर आ रहे हैं.