अमरावती

कक्षा 12 वीं की परीक्षा रद्द होने से बढा संभ्रम

अगली कक्षाओं में प्रवेश को लेकर उपजे कई सवाल

अमरावती/दि.7 – कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10 वीं की परीक्षा के साथ-साथ कक्षा 12 वीं की परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है. ऐसे में कक्षा 12 वीं के बाद पदवी सहित अन्य पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों का प्रवेश किस पध्दति के आधार पर होगा, इस सवाल को लेकर सभी विद्यार्थी व अभिभावक संभ्रम में देखे जा रहे है.सरकार द्वारा लिये गये निर्णय की वजह से जहां औसत विद्यार्थी बिना परीक्षा दिये अगली कक्षा में प्रवेश मिलने को लेकर बेहद खुश दिखाई दे रहे है. वहीं दूसरी ओर मेधावी छात्रों द्वारा इस फैसले को खुद के लिए अन्यायकारक बताया जा रहा है.
बता दें कि, कोविड संक्रमण काल के बावजूद कक्षा 12 वीं की परीक्षा लेने का निर्णय घोषित करने के बाद सरकार द्वारा 3 जून को इस परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया. किंतु अब तक यह तय नहीं किया गया कि, कक्षा 12 वीं के विद्यार्थियों का मूल्यमापन किस तरह से होगा और उन्हें पदवी सहित अन्य पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में किस पध्दति व प्रक्रिया के जरिये प्रवेश दिया जायेगा. ऐसे में सभी विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों में काफी हद तक संभ्रम की स्थिति देखी जा रही है. वहीं पता चला है कि, अब कला, वाणिज्य व विज्ञान शाखा के पारंपारिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी प्रवेश पात्रता परीक्षा ली जायेगी. उधर इससे पहले कक्षा 10 वीं की परीक्षा रद्द करने के बाद राज्य सरकार ने कक्षा 11 वीं में प्रवेश हेतु ऐच्छिक सीईटी व ऐच्छिक प्रवेश की नीति घोषित की है.
जानकारी मिली है कि, कला, वाणिज्य व विज्ञान जैसे पारंपारिक पदवी पाठ्यक्रमों के साथ-साथ अभियांत्रिकी, औषध निर्माण शास्त्र तथा वैद्यकीय शाखा में प्रवेश केंद्रीय एवं प्रतिवर्ष होनेवाली प्रवेश परीक्षाओं के जरिये ही पूर्ण कराये जायेंगे. वहीं कक्षा 12 वीं में विद्यार्थियों को उत्तीर्ण करने हेतु मूल्यांकन किस तरह होगा, यह अभी तय नहीं है. जिसकी वजह से विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों सहित शिक्षकों में भी काफी हद तक संभ्रम व्याप्त है.

कक्षा 12 वीं के बाद अवसर

– कक्षा 12 वीं की पढाई के बाद क्या किया जाये, यह सवाल सभी विद्यार्थियों के सामने होता है और हर एक के लिए करिअर के लिहाज से यह वर्ष बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
– हर विद्यार्थी अपनी क्षमता के अनुसार अपना करिअर चुनता है और उस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षा में सफल होने हेतु जमकर तैयारी करता है. साथ ही कई विद्यार्थी अपना ड्रीम जॉब हासिल करने के लिए भी परीक्षाओं की तैयारी करते है.
– ऐसी परीक्षाओं के जरिये व्यवसायिक व पारंपारिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकता है. जिसके तहत अभियांत्रिकी, विधि, वैद्यकीय, औषध निर्माण शास्त्र, प्रशासकीय सेवा, होटल मैनेजमेंट, फैशन डिझाईनिंग, फाईन आर्ट, इंटरनेट डिझाईनिंग, ग्राफिक डिझाईनिंग, होम सायन्स, एअरपोर्ट मैनेजमेंट कोर्स, व्यवसायीक पायलट प्रशिक्षण व मर्चंट नेव्ही प्रशिक्षण जैसे कई अवसर उपलब्ध होते है.

  • सरकार द्वारा कक्षा 12 वीं की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया. किंतु मूल्यांकन कैसे होगा, इसे लेकर अब तक कोई गाईडलाईन नहीं आयी है. ऐसे में फिलहाल इस विषय को लेकर कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा. सरकार की ओर से जो भी निर्णय लिया जायेगा, वह निश्चित ही विद्यार्थियों के हित में होगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है.
    – डॉ. वी.जी. ठाकरे
    प्राचार्य, श्री. शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय
  • कक्षा 12 वीं की परीक्षा होगी अथवा नहीं यह संभ्रम सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के चलते दूर हो गया है. किंतु अगली कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया क्या होगी, इसे लेकर काफी संभ्रम व संदेह है. अत: सरकार द्वारा मूल्यांकन व प्रवेश प्रक्रिया को लेकर जल्द ही नीति घोषित की जानी चाहिए.
    – प्रा. गोपाल वैराले
    प्राचार्य, कला महाविद्यालय, बडनेरा

विद्यार्थी व पालक हैं निर्णय के खिलाफ

अधिकांश विद्यार्थियों व अभिभावकों सहित कई शिक्षकों द्वारा कक्षा 12 वीं की परीक्षा को रद्द किये जाने के फैसले का विरोध किया जा रहा है. इसके तहत कई लोगों का कहना रहा कि, राज्य में एक ओर अनलॉक करने हेतु आवश्यक कदम उठाये जा रहे है. जिसका सीधा मतलब है कि, राज्य में कोविड संक्रमण की स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है और हालात सामान्य हो रहे है. ऐसे में विशिष्ट कालावधि के बीच परीक्षा लेना पूरी तरह से संभव है. किंतु केंद्र सरकार द्वारा सीबीएसई की परीक्षा रद्द की गई, इस वजह को आगे करते हुए राज्य सरकार द्वारा भी राज्य शिक्षा मंडल की कक्षा 12 वीं की परीक्षा को रद्द किया जाना किसी भी लिहाज से योग्य नहीं कहा जा सकता. सरकार के इस फैसले की वजह से अपने जीवन के महत्वपूर्ण मोड पर खडे रहनेवाले मेहनती व मेधावी विद्यार्थियों को काफी नुकसान का सामना करना पडेगा.

अंक पत्रिकाएं कैसे तैयार होगी

कक्षा 12 वीं की अंक पत्रिकाएं विद्यार्थियों के लिए अगली कक्षाओं में प्रवेश हेतु काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. किंतु इस वर्ष न तो प्रात्यक्षिक परीक्षा हुई है और नहीं लिखित परीक्षा ली जा रही है. ऐसे में अंक पत्रिकाएं कैसे तैयार की जायेगी,यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है. वहीं कक्षा 12 वीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करनेवाले कई विद्यार्थियों के अंक कक्षा 11 वीं में मात्र 50 से 60 फीसद होते है, क्योंकि ऐसे विद्यार्थी कक्षा 11 वीं की पढाई की तरफ विशेष ध्यान नहीं देते. वहीं गत वर्ष कोविड संक्रमण की वजह से कक्षा 11 वीं में प्रत्यक्ष पढाई और परीक्षा हुए ही नहीं और सारा कामकाज ऑनलाईन ही चला. ऐसे में यदि कक्षा 12 वीं के विद्यार्थियों के मूल्यांकन में उनके द्वारा कक्षा 11 वीं में हासिल अंकों को आधार बनाने में शामिल किया जाता है, तो इससे विद्यार्थियों का काफी नुकसान हो सकता है.

  • जिले में कक्षा 12 वीं के कुल विद्यार्थी – 40,633
  • छात्र – 27,424
  • छात्राएं – 23,209

Related Articles

Back to top button