ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों में ऑनलाइन परीक्षा को लेकर संभ्रम कायम
विद्यार्थियों के पास पर्याप्त साधन का अभाव
तलवेल प्रतिनिधि/दि.२५ – पिछले अनेक महीनों से कोरोना संक्रमण ने विश्वभर में दहशत निर्माण कर दी है. जिसको लेकर देश भर में लॉकडाउन कर दिया गया था. तथा राज्य की शाला व महाविद्यालय भी बंद कर दिए गए थे. कोरोना का संक्रमण ६ महीनों के पश्चात भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जिसमे प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा रद्द कर सीधे तीसरे वर्ष की अंतिम परीक्षा देने की तैयारियां शुरु हो चुकी है. जिसमें ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षा देने का निर्णय लिया गया है. किंतु ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा को लेकर भ्रमित दिखायी दे रहे है. क्षेत्र में दो-दो दिनों तक सरवर डाउन रहता है. इस परिस्थिति में वे विद्यार्थी परीक्षा दे पाएंगे या नहीं ऐसा विद्यार्थियों में अब भी संभ्रम कायम है.
बता दें कि पिछले सप्ताहभर से सतत बारिश के चलते किसान संकट में आ गया है. कोरोना काल में अनेक चरण में लॉकडाउन किए गए थे. जिसमें अनेकों लोगों को रोजगार से वंचित रहना पडा था. उनके खाने के भी लाले पड गए थे. जिसमें अब ऑनलाइन शिक्षा का निर्णय राज्य सरकार द्वारा दिए जाने से यह ग्रामीण परिसर के विद्यार्थी स्मॉर्ट फोन की व्यवस्था कहां से कर पाएगें. अनेकों विद्यार्थी के सामने यह स्पष्ट हो रहा है. जिन विद्यार्थियों के पास लैपटॉप, कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन की सुविधा है वे घर बैठे परीक्षा दे सकते है. किंतु जिन विद्यार्थियों के पास यह सुविधा नहीं है ऐसे विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाएगे.
ऑनलाइन परीक्षा ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए सर दर्द साबित हो रही है. विद्यार्थियों को ऑनलाइन पेपर द्वारा कौन से प्रश्न पूछे जाएगे, कितने मार्क का पेपर होगा, कितना समय दिया जाएगा, उन्हें पासवर्ड कब दिया जाएगा एैसे अनेको प्रश्न ग्रामीण परिसर के विद्यार्थियों के सामने निर्माण हो रहे है. पेपर देते समय अचानक नेटवर्क चले जाने या फिर सरवर डाउन होने की स्थिति में विद्यार्थी नापास हो जाएगे. ऐसा भी उनमें भय व्याप्त है. विद्यापीठ द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा ऑनलाइन करवाने के निर्देश दिए गए थे जो की अब ग्रामीण परिसर के विद्यार्थियों के लिए सर दर्द साबित हो रहे है.