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विद्यापीठ ने लिखा जिलाधीश को पत्र
अमरावती/दि.12 – स्थानीय संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ में आगामी 28 दिसंबर को करीब एक वर्ष के अंतराल पश्चात होने जा रही सीनेट सभा को ऑनलाईन लिया जाये या ऑफलाईन, इस पर प्रशासन की आम सहमति नहीं बन पायी है, क्योंकि अधिकांश सदस्यों की मांग है कि, यह सभा ऑफलाईन ली जानी चाहिए. ऐसे में विद्यापीठ प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में जिलाधीश को पत्र लिखा गया है. जिस पर अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई गाईडलाईन प्राप्त नहीं हुई है.
बता दें कि, विगत मार्च माह से कोरोना संक्रमण के चलते विद्यापीठ का कामकाज पूरी तरह से ठप्प है. ऐसे में विगत जनवरी माह में हुई सीनेट सभा का कार्यवृत्तांत आगे बढा ही नहीं. अब भी कई मामलों की जांच अधूरी है, और कुछ मामलों की रिपोर्ट सीनेट सदस्यों तक पहुंची ही नहीं. पिछली सभा में हुए निर्णयों की जानकारी मिलने और प्रशासन से जवाब पूछने हेतु आगामी 28 दिसंबर की सभा ऑफलाईन लेने की मांग नूटा संगठन द्वारा की गई है. नूटा का कहना है कि, ऑनलाईन सभा में सहीं तरह से सवाल नहीं पूछे जा सकते. साथ ही संबंधित व्यक्ति द्वारा क्या जवाब दिया जा रहा है, यह भी स्पष्ट रूप से समझ में नहीं आता. अपहार व घोटाले जैसे मामलों की जांच रिपोर्ट और कार्रवाई को लेकर विगत सभा में हुए निर्णय के बारे में ऑनलाईन सवाल पूछना संभव नहीं हो पाता. ऐसे में सीनेट की सभा ऑफलाईन ही ली जानी चाहिए.
- फिलहाल जिले में आपत्ति व्यवस्थापन कानून लागू है. ऐेसे में सीनेट सभा को ऑनलाईन या ऑफलाईन में से किस तरीके से लिया जाये, इस हेतु जिलाधीश शैलेश नवाल की अनुमति आवश्यक है. क्योंकि ऑफलाईन सभा लेने पर सीनेट सभा में सभी सीनेट सदस्यों की भीड हो सकती है. ऐसे में हमने जिलाधीश नवाल को विगत 4 दिसंबर को पत्र भेजा है. हालांकि इस पर अब तक कोई गाईडलाईन प्राप्त नहीं हुई है. गाईडलाईन मिलने के बाद ही सीनेट सभा का स्वरूप तय होगा.
– डॉ. तुषार देशमुख
कुलसचिव, संगाबा अमरावती विवि - नूटा संगठन ने इससे पहले ही सीनेट सभा को ऑफलाईन लेने के संदर्भ में कुलगुरू को पत्र दिया था. वैसे भी अब कोरोना संक्रमण का खतरा काफी कम हो गया है और संक्रमितों की संख्या भी घट रही है. ऐसे में सीनेट सभा ऑफलाईन लेने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
– प्रा. विवेक देशमुख
सीनेट सदस्य, संगाबा अमरावती विवि