अमरावती

शालाओं में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर संभ्रम

शिक्षाधिकारी की ओर से कोई निर्देश नहीं

अमरावती/दि.22 – राज्य के शिक्षा संचालक द्वारा कोविड संक्रमण को देखते हुए प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर लिखीत आदेश के जरिये शिक्षाधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये है. किंतु शिक्षाधिकारियों की ओर से अब तक शालाओं को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है. ऐसे में कितने प्रतिशत शिक्षकों ने शाला में उपस्थित रहना चाहिए, इसे लेकर काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है. साथ ही यह मांग भी की जा रही है कि, शिक्षा संचालक द्वारा जारी पत्र के मुताबिक कार्रवाई की जाये.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण की रफ्तार का असर कम होने के चलते अमरावती जिले में अनलॉक का चौथा चरण शुरू किया गया है. ऐसे में फिलहाल सभी शालाएं ऑनलाईन तरीके से ही शुरू होंगी और विद्यार्थियों को ऑनलाईन शिक्षा देने के निर्देश प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा मुख्याध्यापकों को दिया गया है. जिसके अनुसार शालाओं द्वारा तैयारी की गई है और समूह अध्यापन अंतर्गत विद्यार्थियों के गुट तैयार करते हुए उनकी पढाई शुरू करने का पर्याय भी शिक्षा विभाग द्वारा सुझाया गया है. जिन शालाओं में कोविड सेंटर बनाया गया है, वहां के शिक्षकों को अपने घर पर रहते हुए ऑनलाईन शिक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया है. किंतु शैक्षणिक सत्र शुरू करने को लेकर शिक्षा संचालक ने 14 जून को जारी पत्र के जरिये शिक्षा उपसंचालकों को कुछ निर्देश दिये है. जिसमें शिक्षकों की हाजरी का प्रतिशत तय किया गया है.

2,898 – जिले की कुल शालाएं
1,583 – जिप शालाएं
744 – बिना अनुदानित शालाएं
779 – अनुदानित शालाएं
33 – सरकारी शालाएं
63 – मनपा शालाएं
00 – नगर परिषद शालाएं
शिक्षक – 18,974
शिक्षकेत्तर – 1,500

क्या है जिप के पत्र में

कोरोना के खतरे को देखते हुए जिले की सभी प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं द्वारा विद्यार्थियों की ऑनलाईन पढाई करायी जाये. किंतु शालाओं में कक्षा 1 ली से 9 वीं तक 50 प्रतिशत व कक्षा 10 वीं व 12 वीं के लिए 100 प्रतिशत शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति रहे. इस हेतु जिला परिषद द्वारा पत्र जारी किया गया है.

संचालक के पत्र में यह कहा गया है

शिक्षा संचालक के पत्र में कक्षा 1 ली से 9 वीं तथा कक्षा 11 वीं के लिए 50 प्रतिशत तथा कक्षा 10 वीं व 12 वीं के लिए 100 प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य रहने की बात कही गई है. साथ ही शत-प्रतिशत शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए भी निर्देश दिये गये है. इसके अलावा प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के मुख्याध्यापकों को भी शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए कहा गया है.

  • शैक्षणिक सत्र की शुरूआत व ऑनलाईन शिक्षा के बारे में प्राथमिक शालाओं को आवश्यक निर्देश दिये गये है. इस समय प्राथमिक शालाओं के शिक्षक भी कोविड संबंधी कार्यों की ड्यूटी पर तैनात है. सीईओ के निर्देशानुसार कक्षा 1 ली से 9 वीं तक के लिए 50 प्रतिशत और कक्षा 10 वीं व 12 वीं के लिए शत-प्रतिशत शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति रहेगी.
  • 26 जून को लोकशाही दिवस है और 28 जून से विदर्भ में सभी शालाएं शुरू हो रही है. कितने प्रतिशत शिक्षकों को शालाओं में उपस्थित रहना है, इसे लेकर लिखित आदेश शिक्षाधिकारी द्वारा सभी शालाओं के मुख्याध्यापकों को दिया जाये और कोविड की स्थिति तथा विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए योग्य निर्णय लिया जाये.
    – गोकुलदास राउत
    जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक समिती
  • सरकार ने इस बारे में जिलाधीश को अधिकार देना चाहिए और उन्होंने शिक्षाधिकारी के साथ समन्वय साधते हुए मर्यादित उपस्थिति में शालाएं शुरू करने को प्राथमिकता देनी चाहिए. ऑनलाईन शिक्षा सभी विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच सकती. ऐसे में विद्यार्थियों की मर्यादित उपस्थिति के साथ शालाएं शुरू की जा सकती है. साथ ही शालाएं प्रत्यक्ष शुरू नहीं होने पर शिक्षा उपसंचालक के पत्र पर अमल किया जाना चाहिए.
    – किरण पाटील
    उपाध्यक्ष, अखिल महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक संघ

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