अमरावती

जन्मजात श्रवणबाधित बालक की कॉक्लियार इम्प्लांट शल्यक्रिया

अमरावती / दि. 26- शहर में पहली बार जन्मजात श्रवणबाधित बालक के दोनो कान की कॉक्लियार इम्प्लांट शल्यक्रिया सफल की गई. यह बालक एक साल की आयु का है. ऑपरेशन का खर्च और इस ऑपरेशन से संबंधित विशेषज्ञ कम रहने से यह ऑपरेशन केवल बडे शहरों में ही होते है. इसलिए कई जन्मजात श्रवणबाधित बच्चे सुनने और बोलने की शक्ति से वंचित रहते है. कई बच्चे एक ही कान की कॉक्लियार इम्प्लांट शल्यक्रिया हुए होते है और इस पर ही वे सुनते और बोलते है. दोनो कान की कॉक्लियार इम्प्लांट शल्यक्रिया ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. क्षितिज पाटील द्वारा निजी अस्पताल में की गई. मॅटॉर के रूप में गुजरात के डॉ.नीरज सुरी ने कर्तव्य निभाया. ऑपरेशन के लिए श्रवण विशेषज्ञ लक्ष्मण मोरे ने इन्ट्राऑपरेटिव एनआरटी किया.

कॉक्लियार इम्प्लांट जैसी जटिल शल्यक्रिया अमरावती जैसे छोटे शहर में करना हमारे लिए कई दिनों का सपना था और वह आज हमने पूरा किया. अभिभावकों की आर्थिक स्थिति सामन्य होगी व जन्मजात श्रवणबाधित बालक की उम्र तीन साल से कम होगी तो ऑपरेशन मुफ्त किया जाएगा.
-डॉ.क्षितिज पाटील,
ईएनटी विशेषज्ञ, अमरावती

श्रवणदोष का प्रमाण अलग-अलग कारणों से दिन ब दिन बढ रहा है. कॉक्लियार इम्प्लांट शल्यक्रिया के बाद भाषा और वाणी विकास के लिए स्पीच थेरपी जरूरी है. और इस पर बालक का सर्वांगीण विकास निर्भर होता है. हालांकि, ऑपरेशन के लिए कोई उम्रसीमा नहीं.
-लक्ष्मण मोरे,
श्रवण व स्पीच उपचार तज्ञ

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