कांग्रेस हमेशा धनगर आरक्षण की मांग के पक्ष में
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले का कथन
* विभागीय धनगर कार्यकर्ता परिषद मेंं कहा
अमरावती/दि.3– धनगर समाज को आरक्षण देने के साथ ही उनकी न्यायपूर्ण मांगों को पूर्ण करने के लिए कांग्रेस हमेशा गंभीर रही है और हमने धनगर समाज को आरक्षण दिलाने केे लिए हमेशा सकारात्मक तौर पर प्रयास किये. किंतु इसी मुद्दे को लेकर धनगरों के साथ हमेशा धोखेबाजी और झांसेबाजी करनेवाली भाजपा ने इस रास्ते में हमेशा रोडे अटकाये है. ऐसे में धनगर समाज को चाहिए कि, वे कांग्रेस की केंद्रीय सत्ता में वापसी करवाये, ताकि धनगर आरक्षण का रास्ता खुल सके. इस आशय का प्रतिपादन कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले द्वारा किया गया.
आज अमरावती में धनगर समाज की विभागीय कार्यकर्ता परिषद आयोजीत की गई थी. स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में आयोजीत इस विभागीय परिषद की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने उपरोक्त विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर बतौर प्रमुख अतिथी कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गुजरात के धनगर समाज नेता लालजीभाई देसाई, पूर्व जिला पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, विधायक बलवंत वानखडे, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव देवानंद पवार तथा परिषद के संयोजक व कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर बतौर प्रमुख अतिथी उपस्थित थे.
इस अवसर पर अपने संबोधन में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि, भारतीय संविधान में देश के सभी नागरिकों व घटकों के लिए सम-समान न्याय की व्यवस्था कर रखी है. लेकिन भाजपा द्वारा समाज के वंचित घटकों को उनके अधिकारों से वंचित रखने का काम किया जा रहा है. जिसके तहत राज्य में इससे पहले सत्ता में रहनेवाली देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार ने धनगर समाज की आंखों में धुल झोंकने का प्रयास किया. साथ ही अब केंद्र सरकार द्वारा इस रास्ते में रोडे अटकाये जा रहे है. इस समय नाना पटोले ने इस बात को लेकर भी अफसोस जताया कि, धनगर आरक्षण को लेकर रास्ते पर तो काफी शोर होता है, लेकिन इस विषय को लेकर सदन में किसी जनप्रतिनिधि द्वारा आवाज नहीं उठाई जाती. जबकि यह विषय सदन में बडे जोर-शोर से उठाया जाना चाहिए.
इस परिषद में कांग्र्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भैय्या पवार, प्रदेश सचिव किशोर बोरकर, शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले व मिलींद चिमोटे तथा अविनाश बोबडे, नंदू तायडे, प्रकाश नवरंगी, लक्ष्मण उघडे, काशिनाथ फुटाणे, ज्ञानेश्वर ढोमणे, सुरेश इंदरे, प्रकाश नवरंगे, अमोल घुरडे, डॉ. सुधाकर कालमेघ, कैलाश निंघोट, राजेंद्र महल्ले, सुधीर बोरसे, वंदना एडतकर, छबु मातकर, चित्रा मोहोड, मीना घुरडे, शारदा ढोमणे, शारदा ढवले, प्रकाश सरोदे, बापुराव तालन, नंदकुमार तायडे, सुभाष बोडखे, वामनराव सदोरे, सदबार मेहके, बालासाहब शिंदे, वसंत रोले, राजू डांगे, प्रा. सतीश अकर्ते, सदानंद नागे, साहेबराव भदे, पंजाबराव नागे व डॉ. संदीप सुशीर सहित धनगर समाज के अनेकों गणमान्य उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में संचालन अभिजीत इंगले व आभार प्रदर्शन उमेश घुरडे द्वारा किया गया.
* गुजरात की तरह महाराष्ट्र में भी हो धनगर संसद
इस परिषद में शामिल होने हेतु आये गुजरात में धनगर समाज का नेतृत्व करनेवाले लालजीभाई देसाई ने कहा कि, देश के सभी हिस्सों में धनगर समाज की बहुतायत है और इन्हें अलग-अलग राज्यों में धनगर के साथ-साथ धनगड, मालधारी व कोरबा आदि नामों से भी जाना जाता है. इसके अलावा देश सहित दूनिया में कितने भी लोग भेड-बकरी के पालन का व्यवसाय करते है, वे एक तरह से मेंढपाल व धनगर ही है. जिन्हें एकसमान स्थितियों का सामना करते हुए अपने पशुधन को बचाने के लिए तमाम विपरित हालात से जूझना होता है. उन्होंने इस बारे में 52 देशों का दौरा करते हुए अध्ययन किया है और गुजरात में धनगर संसद भी आयोजीत की थी. ठीक उसी तर्ज पर महाराष्ट्र में भी धनगर संसद का आयोजन होना चाहिए और धनगरों को राजनीतिक, शैक्षणिक व व्यवसायिक आरक्षण मिलना ही चाहिए. यह आरक्षण दिलाना कांग्रेस की पहली प्राथमिकताओं में शामिल है.
अत: आगामी चुनाव में धनगर समाज ने पूरी ताकत से कांग्रेस का साथ देना चाहिए.
* कांग्रेस ही कर सकती है धनगर आरक्षण की मांग को पूरा
इस समय पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने अपने संबोधन में कहा कि, इस वक्त देश में महंगाई व बेरोजगारी जैसी समस्याओं की अनदेखी करते हुए केंद्र की सत्ता में रहनेवाली भाजपा द्वारा पुराने गडे मुर्दों को उखाडकर बेवजह ही धार्मिक तनाव को बढाने का काम किया जा रहा है. साथ ही मोदी सरकार द्वारा सरकारी संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है. ताकि निजीकरण को बढावा देते हुए आरक्षण को खत्म किया जा सके, लेकिन कांग्रेस कभी भी ऐसा नहीं होने देगी. डॉ. देशमुख के मुताबिक धनगर समाज की हमेशा ही कांग्रेस के प्रति श्रध्दा रही है और कांग्रेस ने भी हमेशा धनगर समाज के हितों की ओर ध्यान दिया है. ऐसे में धनगर समाज ने अपनी खुद की समस्याओं और आरक्षण की मांग को हल करने के लिए कांग्रेस के प्रति विश्वास जताना चाहिए, ताकि कांग्रेस एक बार फिर केंद्रीय सत्ता में वापसी करते हुए धनगर आरक्षण के मसले को हल कर सके.
* बारामती में फंसा है धनगर आरक्षण का पेंच
इस विभागीय कार्यकर्ता परिषद के संयोजक तथा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर ने आयोजन की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि, धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करते हुए आरक्षण दिये जाने की बात कई वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतराव नाईक द्वारा तत्वत: मान्य की गई थी और इसे लेकर पुसद में धनगर समाज की एक बैठक व परिषद भी हुई थी. इस समय धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल जनजातियों की सूचियों में 36 वें स्थान पर रखा गया था, लेकिन तब से लेकर अब तक यह मामला अधर में ही अटका पडा है. क्योंकि इसका पेंच बारामती में फंसा हुआ है. ऐसे में कांग्रेस सहित धनगर समाज के नेताओं को बारामती से चलनेवाली राजनीति का तोड ढूंढकर निकालना होगा, तभी धनगर आरक्षण का रास्ता खुलेगा. इसके साथ ही एड. दिलीप एडतकर ने धनगर आरक्षण के विषय को लेकर भाजपा द्वारा दिखाई जानेवाली अनास्था व उदासिनता को लेकर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, धनगर आरक्षण के संदर्भ में बडी-बडी बातें करनेवाले ‘देवेंद्र’ को चाहिए कि, वो दिल्ली जाकर ‘नरेंद्र’ से मिलकर धनगरों को आरक्षण दिलवाये. साथ ही राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को भी चाहिए कि, वर्ष 2024 से पहले धनगर समाज को आरक्षण देते हुए धनगरों हेतु चलाई जानेवाली विभिन्न योजनाओं पर अमल हो.