अमरावती

भूमिपूजन को लेकर जिप में कांग्रेस व भाजपा में ठनी

अमरावती/दि.8 – इन दिनों जिला परिषद में नांदगांव खंडेश्वर तहसील अंतर्गत एक विकास कार्य के प्रस्तावित भूमिपूजन कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस व भाजपा के बीच टकराव होने का चित्र दिखाई दे रहा है. जिला परिषद के निर्माण सभापती ने पूर्व विधायक वीरेेंद्र जगताप का नाम भूमिपूजन फलक पर डालना चाहिए, ऐसा पत्र कार्यकारी अभियंता को दिया. वहीं विरोधी पक्ष नेता रवींद्र मुंंदे ने इस पर गंभीर आपत्ति उठाते हुए कहा कि, यदि वर्तमान विधायक प्रताप अडसड के नाम की अनदेखी की जाती है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
बता दें कि, जिप के निर्माण विभाग की ओर से विविध लेखाशीर्ष में 9 व 10 जनवरी को नांदगांव खंडेश्वर तहसील में विविध विकास कार्यो का भूमिपूजन कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है. इन कामों का योग्य नियोजन किया जाए, जिप सदस्य, पंस सदस्यों को कार्यक्रम में निमंत्रित किया जाए. उसी प्रकार इस भूमिपूजन फलक पर पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप का नाम डाला जाए और गणमान्य मान्यवरों के हस्ते भूमिपूजन समारोह आयोजित किए जाने का पत्र निर्माण सभापति सुरेश निमकर ने 4 जनवनरी को कार्यकारी अभियंता विजय वाठ को दिया है. जिस पर भाजपा के विरोधी पक्ष नेता रवींद्र मुंदे ने गंभीर आपत्ति उठाते हुए यह बात निमयबाह्य होने का पत्र निर्माण विभाग को दिया है. जिसमें उन्होेंने यह भी जानना चाहा है कि, चूंकि इस समय धामणगांव निर्वाचन क्षेत्र के विधायक प्रताप अडसड हैं, अत: वर्तमान विधायक की अनदेखी कर इस प्रकार पूर्व विधायक के हस्ते भूमिपूजन लिया जा सकता है. कुल मिलाकर इस मामले को लेकर जिप में कांग्रेस-भाजपा के पदाधिकारी आमने-सामने आने के कारण परिस्थिति बिगडने की स्थिति दिखाई दे रही है.

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पूर्व विधायक का कोई संबंध नहीं आता

शासन की निधि से विकास कार्यो का भूमिपूजन करते समय विद्यमान विधायक के हस्ते ही किया जाना चाहिए. पूर्व विधायक का यहां संबंध नहीं आता. यह बात नियमबाह्य है. इसलिए विद्यमान विधायक प्रताप अडसड के हस्ते ही भूमिपूजन किया जाना चाहिए, अन्यथा इसके खिलाफ विधानसभा में अधिकार हनन दाखिल किया जाएगा.
– रवींद्र मुंदे, विरोधी पक्षनेता

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किसे बुलाया जाए, किसे नहीं, यह हमारा अधिकार है

इस समय जिप व पंस में कांगेे्रस की सत्ता है. जहां भूमिपूजन प्रस्तावित है, उस स्थान पर भी कांग्रेस के ही सदस्य है. निधि भी हमारी है इसलिए भूमिपूजन कार्यक्रम में किसे बुलाया जाए और किसे नहीं, यह तय करने का अधिकार जिला परिषद व पंचायत समिती के पास है.
– सुरेश निमकर, निर्माण सभापति, जिप

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