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भिडे को लेकर राजकमल पर भिडे कांग्रेसी और शिवप्रतिष्ठान कार्यकर्ता

पुलिस का बीचबचाव, दोनों पक्षों के लोग डिटेन

* 15 अगस्त और तिरंगे का कथित अपमान
अमरावती/दि.27- प्रसिद्ध धारावाहिक तारक मेहता के आत्माराम भिडे के कारण यह उपनाम घर-घर पहुंचा हैं. हिंदी के लोग भिडे को आपस में टक्कर या संघर्ष अर्थ में लेते हैं. किंतु शिवप्रतिष्ठान के संस्थापक संभाजी भिडे के व्यक्तव्य और मनोहर कुलकर्णी व्दारा कथित रुप से किए गए तिरंगे के अपमान पर राजकमल चौक में आज बडी तनातनी हो गई. युवक कांगे्रस ने भिडे और कुलकर्णी का कडा निषेध और विरोध किया. जबकि भिडे के समर्थक शिव प्रतिषठान के कार्यकर्ता भी कांग्रेस के पहले ही राजकमल चौक पहुंच गए थे. वे अपने नेता संभाजी भिडे का समर्थन कर रहे थे. उनका नेतृत्व निषाद जोध ने किया.
कांग्रेस के कार्यकर्ता वैभव देशमुख, निलेश गुहे, योगेश बुंदेले, सागर कलाने, पंकज मांडळे, सागर यादव, निखिल बिजवे, प्रसाद भगत, राहुल साबले, संकेत साहू, सुजल इंगलेे, कौस्तुभ देशमुख, पियुष अभ्यंकर, विजय खंडारे, निशांत देशमुख, जुगल खोडे, राहुल बागडे, आकाश धुराटकर, गौरव खरडे, आकाश खडसे, कमलेश आत्राम, दत्तात्रय सोनकर, विशाल उपाध्याय, निखिल शर्मा ,हेमंत पंचवटे आदि ने प्रदर्शन में भाग लिया.
दोनों पक्षों से तनातनी होने और इससे नाहक वातावरण गर्म होने से बचाने के लिए पुलिस और विशेष कमांडो समय रहते राजकमल चौक पहुंच गए. दोनों ही ओर के कार्यकर्ताओं को थानेदार मनीष ठाकरे व अन्य अधिकारियों ने मनाया. प्रदर्शन पर अडे रहने की स्थिति में पुलिस अपने वाहन में बैठाकर ले गई. शिवप्रतिष्ठान के कार्यकर्ता भगवे झंडे और गले में भगवे दुपट्टे लेकर आए थे. उनमें वैभव चापके, करण धोटे, हरीश नाडे, पीयूष धोटे, आकाश यादव, विकास मारोटकर, मनोज विश्वकर्मा, आकाश राठोड, समीर काकड, गौरव देसाई, अक्षय चंदेल आदि का समावेश रहा. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को डिटेन कर उनका पता और मोबाइल नंबर नोट कर रिहा कर दिया.

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